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EXCLUSIVE : खुले में फेंके जा रहे एयरपोर्ट में इस्तेमाल किए गए पीपीई किट - Raipur Airport

छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन की खबर आते ही कई जिलों से कोरोना संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतने की खबरें सामने आ रही है. रायपुर एयरपोर्ट में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां खुले में ही यूज्ड पीपीई किट और मास्क फेंक दिए जा रहे हैं. ETV भारत पर देखिए खास रिपोर्ट.

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खुले में फेंके जा रहे एयरपोर्ट के मेडिकल वेस्ट
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Published : Feb 5, 2021, 9:01 PM IST

Updated : Feb 5, 2021, 9:37 PM IST

रायपुर : कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए देश के सभी एयरपोर्ट पर विशेष सावधानी बरती जा रही है. यात्रियों को एयरपोर्ट में ही मास्क, फेस शिल्ड और पीपीई किट दिया जाता है. बहुत से यात्री सफर खत्म होने के बाद इस्तेमाल किया हुआ मास्क एयरपोर्ट के डस्टबिन में डाल देते हैं. इन यूज्ड पीपीई किट और मास्क को एयरपोर्ट अथॉरिटी किस तरह डिस्पोज कर रहा है. ये जानने के लिए जब ETV भारत की टीम पहुंची तो पाया कि पीपीई किट को लापरवाही के साथ खुले में ही फेंक दिया जा रहा है.

खुले में फेंके जा रहे एयरपोर्ट में इस्तेमाल किए गए पीपीई किट

एयरपोर्ट प्रबंधन की इस लापरवाही से लोगों में कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावना बनी हुई है. एयरपोर्ट से बायो मेडिकल वेस्ट को थोड़ी ही दूर पर खुले मैदान में फेंक दिया जा रहा है. इस मैदान में जानवर और मानसिक रूप से विक्षिप्त लोग पहुंचते हैं. एयरपोर्ट की लापरवाही से इन लोगों पर संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

पढ़ें- 13 फरवरी से प्रदेश में लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज

खुले में पीपीई किट फेंकना बड़ी लापरवाही-MCI

छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि पीपीई किट और बायो मेडिकल वेस्ट पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिनियम लागू होते हैं. कोरोना संक्रमण काल में यह सख्ती से लागू है. जो प्रबंधन लापरवाही कर रहा है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि इस तरह खुले में पीपीई किट फेंकना बड़ी लापरवाही है. स्वास्थ्य विभाग को इसमें संज्ञान लेना चाहिए. बायोमेडिकल मेडिकल वेस्ट का निष्पादन केंद्रीय कानून के अंतर्गत बहुत सख्ती से लागू होता है. ये एयरपोर्ट अधिनियम के अंतर्गत भी आता है. इसे सख्ती से लागू करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. इस तरह खुले में पीपीई फेंकने से कोरोना संक्रमण फैल सकता है.

एयरपोर्ट प्रबंधन से जब फोन पर चर्चा की गई तो उन्होंने इस मामले में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है. प्रबंधन ने इस मामले की जांच कर कुछ कहने की बात कही है.

मेडिकल वेस्ट होता है खतरनाक

मेडिकल वेस्ट पर्यावरण और मानव के लिए बेहद खतरनाक होता है. संक्रमित मेडिकल वेस्ट के संपर्क में आने से जहां लोग संक्रमित हो सकते हैं, तो वहीं इसके साधारण निपटारे से पर्यावरण को भी खतरा हो सकता है. अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने के लिए इंसीनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है. इस मशीन में 1 घंटे में 50 किलो बायो मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज किया जाता है. यह मशीन डीजल से चलती है.

रायपुर : कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए देश के सभी एयरपोर्ट पर विशेष सावधानी बरती जा रही है. यात्रियों को एयरपोर्ट में ही मास्क, फेस शिल्ड और पीपीई किट दिया जाता है. बहुत से यात्री सफर खत्म होने के बाद इस्तेमाल किया हुआ मास्क एयरपोर्ट के डस्टबिन में डाल देते हैं. इन यूज्ड पीपीई किट और मास्क को एयरपोर्ट अथॉरिटी किस तरह डिस्पोज कर रहा है. ये जानने के लिए जब ETV भारत की टीम पहुंची तो पाया कि पीपीई किट को लापरवाही के साथ खुले में ही फेंक दिया जा रहा है.

खुले में फेंके जा रहे एयरपोर्ट में इस्तेमाल किए गए पीपीई किट

एयरपोर्ट प्रबंधन की इस लापरवाही से लोगों में कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावना बनी हुई है. एयरपोर्ट से बायो मेडिकल वेस्ट को थोड़ी ही दूर पर खुले मैदान में फेंक दिया जा रहा है. इस मैदान में जानवर और मानसिक रूप से विक्षिप्त लोग पहुंचते हैं. एयरपोर्ट की लापरवाही से इन लोगों पर संक्रमण का खतरा बना हुआ है.

पढ़ें- 13 फरवरी से प्रदेश में लगाई जाएगी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज

खुले में पीपीई किट फेंकना बड़ी लापरवाही-MCI

छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता का कहना है कि पीपीई किट और बायो मेडिकल वेस्ट पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिनियम लागू होते हैं. कोरोना संक्रमण काल में यह सख्ती से लागू है. जो प्रबंधन लापरवाही कर रहा है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि इस तरह खुले में पीपीई किट फेंकना बड़ी लापरवाही है. स्वास्थ्य विभाग को इसमें संज्ञान लेना चाहिए. बायोमेडिकल मेडिकल वेस्ट का निष्पादन केंद्रीय कानून के अंतर्गत बहुत सख्ती से लागू होता है. ये एयरपोर्ट अधिनियम के अंतर्गत भी आता है. इसे सख्ती से लागू करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. इस तरह खुले में पीपीई फेंकने से कोरोना संक्रमण फैल सकता है.

एयरपोर्ट प्रबंधन से जब फोन पर चर्चा की गई तो उन्होंने इस मामले में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है. प्रबंधन ने इस मामले की जांच कर कुछ कहने की बात कही है.

मेडिकल वेस्ट होता है खतरनाक

मेडिकल वेस्ट पर्यावरण और मानव के लिए बेहद खतरनाक होता है. संक्रमित मेडिकल वेस्ट के संपर्क में आने से जहां लोग संक्रमित हो सकते हैं, तो वहीं इसके साधारण निपटारे से पर्यावरण को भी खतरा हो सकता है. अस्पतालों में मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने के लिए इंसीनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है. इस मशीन में 1 घंटे में 50 किलो बायो मेडिकल वेस्ट को डिस्पोज किया जाता है. यह मशीन डीजल से चलती है.

Last Updated : Feb 5, 2021, 9:37 PM IST
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