कांकेर: विकास कार्य जन सरोकारों से जुड़े होते हैं. बस्तर के लोग जब तक सहमत नहीं होंगे, बोधघाट परियोजना शुरू नहीं की जाएगी. यह बात मुख्यमंत्री ने कांकेर में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही. भूपेश बघेल ने कहा कि "बस्तर में तेजी से विकास कार्य कराए जा रहे हैं. साढ़े तीन सालों में बस्तर विकास के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ा है. ग्रामीण विकास और खेती किसानी को लेकर शासन ने जो निर्णय लिये हैं, उससे तेजी से लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है. आगे भी विकासकार्य लगातार चलते रहेंगे. बोधघाट परियोजना पर बिना यहां के लोगों की मंजूरी के बिना काम आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. (Bhupesh Baghel statement on Bodhghat project )
क्या है बोधघाट परियोजना: छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों में से एक इंद्रावती को बस्तर की जीवनदायिनी नदी कहते हैं. यहां 40 साल पहले बोधघाट के नाम से एक परियोजना की शुरुआत की गई. 1979 में केंद्र सरकार ने नया वन संरक्षण अधिनियम 1980 लागू कर दिया. इसके साथ ही नए सिरे से अनुमति की जरूरत पड़ी. 1985 में एक बार फिर से केंद्र सरकार से स्वीकृति मिली. बोधघाट परियोजना के साथ ही शुरू हुए आंध्र प्रदेश के पोलावरम परियोजना का काम लगभग खत्म हो चुका है. छत्तीसगढ़ में वर्षों बीत जाने के बाद भी इस परियोजना को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. कांग्रेस की सरकार आने के बाद परियोजना नए सिरे से शुरू हुई.
बोधघाट परियोजना पर सरकार का दावा: छत्तीसगढ़ सरकार ने दावा किया था कि इंद्रावती नदी का 11 टीएमसी जल ही बस्तर के काम आ रहा है, जबकि गोदावरी जल विवाद अभिकरण के अनुसार 300 टीएमसी जल का उपयोग किया जा सकता है. शुरुआती तौर पर राज्य सरकार की ओर से किए गए सर्वे में यह बात सामने आई थी कि इस परियोजना से दंतेवाड़ा जिले में सिंचाई का रकबा 65.73 फीसदी, सुकमा जिले में सिंचाई का रकबा 60.59 फीसदी और बीजापुर जिले में सिंचाई का रकबा 68.72 फीसदी तक बढ़ेगा.
बीजेपी और आरएसएस के लोगों ने कश्मीर में कितनी खरीदी जमीन : भूपेश बघेल
लाभान्वित जिले | रकबा | खरीफ | रबी | गर्मी की फसल | योग |
दंतेवाड़ा | 60.075 | 66,075 | 20,000 | 1,52,150 | 1,71,075 |
बीजापुर | 45000 | 45,000 | 24,430 | 1,14,430 | 1,31,075 |
सुकमा | 60000 | 20000 | 20,000 | 1,00,000 | 64,430 |
इस परियोजना से लाभान्वित जिलों के आंकड़ों पर एक नजर:
लाभान्वित ग्राम की संख्या:
- दंतेवाड़ा- 151 गांव
- बीजापुर- 218 गांव
- सुकमा- 90 गांव
- बिजली उत्पादन- 75x4 300 मेगावॉट
- औद्योगिक उपयोग- 500 मि.घ.मी
- मछली उत्पादन - 4824 टन वार्षिक
डुबान का संभावित विवरण
- वनभूमि- 5704.332 हेक्टेयर
- निजी भूमि- 5010.287 हेक्टेयर
- सरकारी भूमि- 3068.528 हेक्टेयर
- कुल- 13783.147 हेक्टेयर
- डूब के पूर्ण रूप से प्रभावित गांव - 28
- डूब के आंशिक रूप से प्रभावित गांव- 14
- विस्थापित किए जाने वाले परिवारों की संख्या - 2488