रायपुर: जांजगीर चांपा जिले के शिवरीनारायण में रामनवमी पर तीन दिवसीय भव्य समारोह के समापन अवसर पर सीएम भूपेश बघेल माता शबरी की नगरी पहुंचे. यहां उन्होंने 238 करोड़ रुपयों के विकासकार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. इनमें शिवरीनारायण मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण कार्य, रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर, पर्यटक सूचना केंद्र, नदी घाट सौन्दर्यीकरण कार्य, बाबा घाट पर माता शबरी की प्रतिमा, व्यू प्वाइंट का लोकर्पण शामिल है. इस अवसर पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि 'राम-काज किन्हें बिनु, मोहे कहां विश्राम' की भावना के साथ समाज को जोड़ने के लिए काम करने की जरूरत हैं. शिवरीनारायण भगवान राम, प्रभु जगन्नाथ और माता शबरी की नगरी है. (Bhupesh Baghel in Shivrinarayan)
शिवरीनारायण में प्रथम चरण के विकासकार्य: राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत शिवरीनारायण में प्रथम चरण के विकासकार्य किए गए. शिवरीनारायण में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए 39 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है. प्रथम चरण में 6 करोड़ रुपये की लागत से कराए गए कार्य पूरे हो चुके है. जिनका लोकार्पण किया गया. इसके साथ ही सीएम ने शिवरीनारायण में एसडीएम ऑफिस खोलने, खरौद के लक्ष्मणेश्वर मंदिर और शबरी मंदिर को और ज्यादा विकसित करने की घोषणा की.इनमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन के काम भी शामिल हैं. (Shivrinarayan Ram Van Gaman Path project )
भगवान राम ने किया सभी को जोड़ने का काम: शिवरीनारायण में पूजा अर्चना करने के बाद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि 'त्रेता युग में भगवान राम ने भारत को जोड़ने का काम किया. अयोध्या से लेकर श्रीलंका तक, द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा से लेकर द्वारिका तक, शंकराचार्य जी ने दक्षिण से लेकर उत्तर तक, स्वामी विवेकानंद ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत को जोड़ने का काम किया है. जितने भी हमारे महापुरुष हुए उन्होंने समाज को जोड़ने का काम किया है. विभिन्न वर्गों को एक सूत्र में बांधने का काम किया. आज भगवान राम को युद्धक राम और भगवान हनुमान को क्रोधित हनुमान के रूप में दिखाया जा रहा है. क्या हमारे भगवान ऐसे थे. सभी को जोड़ने का काम हमारी मूल संस्कृति है. इसी दिशा में काम करने की जरूरत है. (Bhupesh Baghel address in Shivrinarayan )
छत्तीसगढ़ के किसान राजीव गांधी न्याय योजना से फल-फूल रहे: मुख्यमंत्री ने कहा कि 'हमारे विकास की अवधारणा के केन्द्र में व्यक्ति का विकास है. सभी को पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार और समानता का अवसर दिलाना हमारा लक्ष्य है. पिछले तीन सालों से हमारे अन्नदाता किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिल रहा है. 66 लाख परिवारों को 35 किलो चावल दिया जा रहा है. 40 लाख परिवारों को हाफ बिजली बिल योजना का लाभ मिल रहा है. 13 लाख से अधिक वनवासियों को लघु वनोपज खरीदी और तेन्दूपत्ता संग्रहण का लाभ मिल रहा है. दो लाख से अधिक लोग गोबर बेचकर आय अर्जित कर रहे हैं'.
शबरी की नगरी शिवरीनारायण को सीएम भूपेश बघेल की सौगात, राम वनगमन पथ परियोजना का लोकार्पण
छत्तीसगढ़ सरकार की योजना जनता की योजना: 'साढ़े तीन लाख भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालना 7000 रुपये की आर्थिक मदद देने के लिए योजना शुरू की गई है. पिछले तीन सालों से राज्य सरकार ने 91 हजार करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों, आदिवासियों, महिलाओं, मजदूरों की जेब में डालने का काम किया है. यही गांधी जी का राम राज्य है. जिसमें सभी सुखी हो, समृद्ध हो, सभी में समानता और भाईचारे की भावना हो'. मुख्यमंत्री ने लोगों से आव्हान किया है कि वे शासन की योजनाओं को अपनी योजना समझे और इसमें भागीदार बने, तभी योजनाएं सफल होंगी.
रामचरित्रमानस का पाठ छत्तीसगढ़ की संस्कृति: सीएम ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ संभवतः पहला राज्य है. जहां शासन के सहयोग से रामायण मंडलियों की मानस गान प्रतियोगिता का आयोजन निःस्वार्थ भाव से किया गया. रामचरित्रमानस का पाठ छत्तीसगढ़ की संस्कृति है. शिवरीनारायण प्राचीन काल से ही छत्तीसगढ़ का धार्मिक, आध्यात्मिक और व्यापारिक केंद्र रहा है. छत्तीसगढ़ में नवरात्रि का विशेष महत्व है. गांव-गांव में शीतला माता की पूजा होती है. घर-घर में जवारा बोया जाता है. ज्योत प्रज्ज्वलित की जाती है. देवियों की आराधना की जाती है, लोग उपवास करते हैं. भगवान राम के अवतरण के दिन रामनवमी को कन्या भोजन कराया जाता है. गोस्वामी तुलसीदास जी को नमन करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि 'उन्होंने जनमानस की भाषा में रामचरितमानस की रचना की. राम और रामायण को घर-घर तक, जन-जन तक पहुंचाने का काम गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया है.
भगवान राम को छत्तीसगढ़ प्रिय: मुख्यमंत्री ने कहा 'छत्तीसगढ़ केवल नक्सलियों के नाम से, खनिजों की खदानों के नाम से ही नहीं जाना जाता है. छत्तीसगढ़ की बहुत उच्च परंपरा रही है. चाहे त्रेता युग हो या द्वापर युग हो, चाहे बौद्ध काल रहा हो, हमारी हर युग में उपस्थिति रही है. भगवान राम को छत्तीसगढ़ प्रिय था, क्योंकि यहां के लोग निश्चल, सरल और ईमानदार हैं. भगवान राम को जब अयोध्या छोड़कर निकलना पड़ा तो, उन्होंने सबसे ज्यादा समय छत्तीसगढ़ में बिताया. क्योंकि यहां के लोग उन्हें प्रिय थे. उन्होंने सबसे पहले केवट के साथ मित्रता की. आदिवासियों से मित्रता की, शबरी माता के जूठे बेर खाए. उन्होंने समाज को जोड़ने का काम किया' (Shabari fed plums to Ram )
जांजगीर चांपा मानस मंडली को पहला पुरस्कार: सीएम भूपेश ने आगे कहा कि 'दिसंबर के बाद हमारे छत्तीसगढ़ में रामायण मंडली का कार्यक्रम गांव-गांव होता है. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के कारण आयोजन नहीं हो पाए. लेकिन शिवरीनारायण में हुए आयोजन की अभूतपूर्व सफलता के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूँ. आज 65 सौ से अधिक मानस मंडली, जनपद में 140 मानस मंडलियां समेत 26 जिलों में तीन दिन तक इनका कार्यक्रम चला. हमारी ज्यूरी ने बड़ी मेहनत से इन्हें चुना. उन्होंने प्रथम स्थान जांजगीर-चांपा मानस मंडली को 5 लाख रुपये, द्वितीय स्थान कोरिया जिला मानस मंडली को 3 लाख रुपये, तृतीय स्थान बीजापुर मानस मंडली को 2 लाख रुपये पुरुस्कार राशि और रामचरितमानस की प्रति भेंट की'. (Manas Mahotsav in Shivrinarayan )
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'राम वनगमन पर्यटन परिपथ में शामिल अन्य स्थानों को शिवरीनारायण जैसा ही केंद्र बनाएंगे. हम अपने वैभव को ऊंचाई तक लेकर जाएंगे. शिवरीनारायण को केंद्र मानकर मल्हार, चंद्रहासिनी और गिरौधपुरी जा सकते हैं. यह स्थान दूसरी जगहों को जोड़ने का काम करेगा'. (Janjgir Champa Tourist Places)
शिवरीनारायण में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया. नगरीय प्रशासन मंत्री शिवकुमार डहरिया और छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दास ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए. इस अवसर पर विधायकइंदू बंजारे, चंद्रदेव राय, रामकुमार यादव, शाकंभरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, नगर पंचायत अध्यक्ष अंजनी तिवारी सहित कई जनप्रतिनिधि और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.