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गुरु तेग बहादुर की जीवनी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल, गढ़फुलझर बनेगा पर्यटन स्थल: भूपेश बघेल

centenary celebrations of Guru Tegh Bahadur birth anniversary: रायपुर में गुरु तेग बहादुर के शताब्दी समारोह में भूपेश बघेल ने गुरु तेग बहादुर की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने के साथ ही और भी कई बड़ी घोषणाएं की.

Bhupesh Baghel at Science College ground Raipur
रायपुर में गुरु तेग बहादुर की जयंती का शताब्दी समारोह
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Published : Apr 25, 2022, 8:54 AM IST

रायपुर: सिक्ख समाज के नौवें गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती पर रविवार को रायपुर साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह के दूसरे दिन रविवार को सीएम भूपेश बघेल ने समागम में शिरकत की. सीएम ने गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेका और छत्तीसगढ़वासियों की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की. भूपेश बघेल ने गुरु तेग बहादुर की जीवनी को छत्तीसगढ़ के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की. साथ ही सिक्ख समाज के प्रथम गुरु संत गुरुनानक देव की छत्तीसगढ़ से जुड़ी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए बसना के नजदीक उनके प्रवास स्थान गढ़फुलझर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा भी की. (bhupesh announcements at Science College Ground Raipur)

रायपुर में गुरु तेग बहादुर की जयंती का शताब्दी समारोह: समागम को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि 'गुरु तेग बहादुर जी बड़े समाज सुधारक, योद्धा और विद्वान थे. सिक्ख समाज के गुरुओं ने एक-एक व्यक्ति में साहस और पराक्रम भरने का काम किया. जब परिस्थितियां विपरीत थीं, तब समाज को संगठित करने का काम गुरुओं ने किया. सिक्ख समाज के गुरुओं ने हिंदुओं की रक्षा की. भारत यात्रा के दौरान गुरु नानक सिंह जी के छत्तीसगढ़ में दो स्थानों पर ठहरने का उल्लेख मिलता है. इसमें से एक अमरकंटक का कबीर चौरा है. जहां गुरुनानक देव जी महाराज और कबीर जी की मुलाकात हुई थी. दूसरा स्थान बसना के नजदीक गढ़फुलझर है, जहां गुरुनानक देव जी कुछ समय रुके थे. गुरु नानक जी की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए गढ़फूलझर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. (Garhphuljhar will become tourist destination) गुरु तेग बहादुर जी का समाज के लिए बड़ा योगदान रहा है, ऐसे में उनके योगदान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उनकी जीवनी को छत्तीसगढ़ के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा'.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 'समाज और देश पर जब भी किसी तरह का संकट आया. सिक्ख समाज ने हमेशा ही समाज की सेवा की और चुनौतियों से लड़ने के लिए सबसे आगे खड़ा रहाय कोरोना के समय भी जब लोग घरों के भीतर भी भयभीत थे, तब जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने की सेवा में सिक्ख समाज जुटा रहा. सेवा के मायने किसी और समाज में उतना नहीं दिखता, जितना की सिक्ख समाज में देखने को मिलता है'

गुरु तेग बहादुर के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह छाबड़ा, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष और विधायक कुलदीप जुनेजा, संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय और विधायक बृजमोहन अग्रवाल भी मौजूद रहे.

रायपुर: सिक्ख समाज के नौवें गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती पर रविवार को रायपुर साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह के दूसरे दिन रविवार को सीएम भूपेश बघेल ने समागम में शिरकत की. सीएम ने गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेका और छत्तीसगढ़वासियों की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की. भूपेश बघेल ने गुरु तेग बहादुर की जीवनी को छत्तीसगढ़ के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की. साथ ही सिक्ख समाज के प्रथम गुरु संत गुरुनानक देव की छत्तीसगढ़ से जुड़ी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए बसना के नजदीक उनके प्रवास स्थान गढ़फुलझर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा भी की. (bhupesh announcements at Science College Ground Raipur)

रायपुर में गुरु तेग बहादुर की जयंती का शताब्दी समारोह: समागम को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि 'गुरु तेग बहादुर जी बड़े समाज सुधारक, योद्धा और विद्वान थे. सिक्ख समाज के गुरुओं ने एक-एक व्यक्ति में साहस और पराक्रम भरने का काम किया. जब परिस्थितियां विपरीत थीं, तब समाज को संगठित करने का काम गुरुओं ने किया. सिक्ख समाज के गुरुओं ने हिंदुओं की रक्षा की. भारत यात्रा के दौरान गुरु नानक सिंह जी के छत्तीसगढ़ में दो स्थानों पर ठहरने का उल्लेख मिलता है. इसमें से एक अमरकंटक का कबीर चौरा है. जहां गुरुनानक देव जी महाराज और कबीर जी की मुलाकात हुई थी. दूसरा स्थान बसना के नजदीक गढ़फुलझर है, जहां गुरुनानक देव जी कुछ समय रुके थे. गुरु नानक जी की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए गढ़फूलझर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. (Garhphuljhar will become tourist destination) गुरु तेग बहादुर जी का समाज के लिए बड़ा योगदान रहा है, ऐसे में उनके योगदान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए उनकी जीवनी को छत्तीसगढ़ के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा'.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 'समाज और देश पर जब भी किसी तरह का संकट आया. सिक्ख समाज ने हमेशा ही समाज की सेवा की और चुनौतियों से लड़ने के लिए सबसे आगे खड़ा रहाय कोरोना के समय भी जब लोग घरों के भीतर भी भयभीत थे, तब जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने की सेवा में सिक्ख समाज जुटा रहा. सेवा के मायने किसी और समाज में उतना नहीं दिखता, जितना की सिक्ख समाज में देखने को मिलता है'

गुरु तेग बहादुर के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह छाबड़ा, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष और विधायक कुलदीप जुनेजा, संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय और विधायक बृजमोहन अग्रवाल भी मौजूद रहे.

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