रायपुर: छ्त्तीसगढ़ में आज अन्नदान का महापर्व छेरछेरा मनाया जा रहा है. इस त्योहार में बच्चों और युवाओं की टोलियां घर-घर पहुंचकर धान लेती हैं. लोग बड़ी ही खुशी से धान देते हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यपाल अनुसुइया उइके समेत कई दिग्गजों ने प्रदेशवासियों को छेरछेरा की बधाई दी है.
सीएम भूपेश बघेल का संदेश
सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी में ट्वीट कर प्रदेशवासियों को बधाई दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि छेरछेरा हमारे छत्तीसगढ़ के सामाजिक ताने-बाने और आपसी भाईचारे का प्रतीक है. बुजुर्गों के सिखाए गए सामाजिक कामकाज के लिए दान करते रहना है और इस परंपरा को भविष्य में बनाए रखना है. उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि अगर प्रदेश के सभी लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे, तभी समाज आगे बढ़ेगा.
राज्यपाल अनुसुइया उइके और ताम्रध्वज साहू ने दी बधाई
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने ट्वीट कर कहा कि छत्तीसगढ़ के लोकपर्व और दान के महापर्व की छ्त्तीसगढ़ के सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं. गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने भी छत्तीसगढ़ में ट्वीट कर लिखा कि सभी भाई-बहन को लोकपर्व छेरछेरा की बधाई. ये त्योहार सभी की जिंदगी में खुशियां लेकर आए. उन्होंने कहा कि भगवान से मेरी कामना है कि सभी किसान और संगवारियों के घर धान से भरे रहें. कांग्रेस के ऑफिशियल अकाउंट ने भी ट्वीट कर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
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पूर्व सीएम रमन सिंह और विष्णुदेव साय ने दी बधाई
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह ने भी ट्वीट कर प्रदेशवासियों को छेरछेरा की बधाई दी है. छेरछेरा छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति और पारंपरिक विरासत का त्योहार है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने ट्वीट कर कहा कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार की सभी प्रदेशवासियों को बधाई. उन्होंने अपने संदेश में लिखा कि पारंपरिक विरासत को संजोए रखने और दान-पुण्य की महिमा को बनाए रखने का ये त्योहार सभी की जिंदगी में खुशियां और नया उजाला लेकर आए. सभी किसानों की कोठी भरी रहे और चारों ओर सद्भावना बनी रहे.
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अन्नदान का महापर्व है छेरछेरा
छेरछेरा पुन्नी अन्नदान का महापर्व है. यह छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण लोकपर्व है. छेरछेरा पुन्नी का पौराणिक महत्व है. मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर अनाज दान करने से दरिद्रता दूर होती है और अनाज का भंडार हमेशा भरा रहता है. मान्यता के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा पर अनाज दान करने से धन और वैभव भी बढ़ता है. किसान इस दिन सुबह अन्नपूर्णा देवी की पूजा-अर्चना कर नये अनाज से बने पकवानों का भोग लगाते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.
- छत्तीसगढ़ में पौष महीने की पूर्णिमा तिथि को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार खुशी से मनाया जाता है.
- छेरछेरा पुन्नी के दिन युवक-युवतियां लोगों के घरों में जाकर छेरछेरा- माई कोठी के धान ल हेर हेरा की आवाज लगाते हैं.
- इन युवक-युवतियों को अवाज लगाने पर उन्हें टोकरी या सूपा में धान दिया जाता है.
- छत्तीसगढ़ में छेरछेरा पुन्नी के दिन डंडा नाच मड़ई आदि का भी आयोजन किया जाता है.
- छत्तीसगढ़ में छेरछेरा पुन्नी के दिन दिया गया धान का दान समाज को सम्पन्न बनाता है.
- जहां एक ओर दान देने वाला खुशी से धान का दान करता है, वहीं लेने वाला भी प्रसन्न होता है.
- छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गांववासी और किसान अतिथि सत्कार के साथ-साथ अपनी कमाई का अंश दान देने में पीछे नहीं रहते हैं.
- गांव के लोग मंदिरों, धार्मिक स्थलों में चावल चढ़ाते हैं. इसके पीछे भी दान की भावना निहित है.
- समाज के कोई भी वर्ग भूखा ना रहे, इसी भावना के साथ छेरछेरा पुन्नी त्योहार मनाया जाता है.
- छत्तीसगढ़ में छेरछेरा पुन्नी के दिन बच्चे और युवक-युवतियां टोली बनाकर डंडा नृत्य और महिलाएं सुवा नृत्य करती हैं.