रायपुर: राजधानी में भी हड़ताल की वजह से (Bank employees strike against privatization) सुबह से ही बैंकों में ताले लटके हुए हैं. मोती बाग स्थित पंजाब नेशनल बैंक के सामने बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी जुटे. बैंककर्मियों ने प्रस्तावित निजीकरण का (protest against privatization of bank) विरोध करते हुए नारेबाजी किया.
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बैंक कर्मचारियों की सांकेतिक हड़ताल
ऑल इंडिया बैंक कंफेडेरेशन छत्तीसगढ़ (All India Bank Confederation Chhattisgarh) इकाई के महासचिव गोपाल कृष्णा (General Secretary Gopal Krishna) ने बताया कि लोकसभा में बैंकों का निजीकरण करने की बात कही जा रही है. निजीकरण के विरोध (protest against privatization of bank) में ही देशभर में दो दिनों तक बैंक कर्मचारी सांकेतिक हड़ताल पर हैं.
गोपाल कृष्ण ने यह भी कहा, ''हम लोग दो दिन की तनख्वाह कटवाकर सड़कों पर हैं. आम आदमी के पैसे, गरीब किसान के पैसे बैंकों में रखे हैं. उसकी सुरक्षा के लिए हम लोग हड़ताल पर हैं. निजीकरण होने से उसकी सुरक्षा की गारंटी लेने वाला कोई नहीं है. उसकी सुरक्षा और निजीकरण के खिलाफ आज हमें सड़कों पर उतरना पड़ा है. यदि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम आगे भी आंदोलन करेंगे. इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी.''
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पहले ही एटीएम में डाल दिए गए पैसे-बैंक अधिकारी
प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में शहर के कई बैंकों में कामकाज नहीं हो रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार बैंकों का निजीकरण (privatization of government banks) नहीं करने की घोषणा नहीं करती है, तबतक हमारा विरोध जारी रहेगा. हालांकि बैंकों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल (nationwide strike of banks) को देखते हुए शहर के सभी एटीएम में पर्याप्त राशि डाली गई है ताकि लोगों को कोई समस्या नहीं आए. गुरुवार और शुक्रवार को हड़ताल के बाद शनिवार को बैंक खुलेंगे.