रायपुर: बचपन का प्यार फेम सहदेव दिरदो अब एक्टिंग के साथ ही NFT के क्षेत्र में भी कदम रख रहे हैं. एक तरफ सहदेव को अजीत जोगी की बायोपिक में उनके बचपन का रोल (Sahadev Dirdo in Ajit Jogi biopic film ) निभाने का मौका मिला है. दूसरी ओर भारत के सेलिब्रिटी मेटावर्स मार्केटप्लेस नोफ्टन के साथ मिलकर मेटावर्स में आने की भी तैयारी चल रही है. वे अपना NFT कलेक्शन लॉन्च करेंगे.
25 जनवरी से शूटिंग
अजीत जोगी पर बायोपिक बनाई जा रही है. इस फिल्म में चाइल्ड कैरेक्टर के लिए मेकर्स ने सहदेव को फायनल किया है. अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी के मार्गदर्शन में फिल्म बन रही है. फिल्म के निर्माता मनोज खरे, अरविंद कुर्रे हैं. छत्तीसगढ़ में किसी राजनेता पर पहली फिल्म बन रही है. अजीत जोगी के संघर्षों को इस फिल्म के जरिए छत्तीसगढ़ के लोग देख सकेंगे. बॉलीवुड सिंगर उदित नारायण और ऋतु पाठक ने फिल्म में अपनी मधुर आवाज दी है. 25 जनवरी से इस फिल्म की शूटिंग शुरू होने जा रही है. हालांकि इसके कुछ गाने रिकॉर्ड कर लिए गए हैं. इस फ़िल्म की पहली शूटिंग गिरौदपुरी से शुरू होगी.
Ajit Jogi biopic film: बचपन का प्यार फेम सहदेव निभाएंगे अजीत जोगी के बचपन का किरदार
सहदेव दिरदो ने मेटावर्स में रखा कदम, NFT कलेक्शन करेंगे लॉन्च
सहदेव दिरदो ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए इस बात की जानकारी दी कि वे NFT क्षेत्र में कदम रखने जा रहे हैं. वे अपना NFT कलेक्शन लॉन्च करेंगे. भारत में रजनीकांत, अमिताभ बच्चन, सनी लियोनी, सलमान खान जैसे बड़े बॉलीवुड सितारों NFT से जुड़ चुके हैं.
क्या होता है एनएफटी (what is NFT)
एनएफटी को नॉन-फनजिबल टोकन (NFT) कहा जाता है. किसी अर्थव्यवस्था में फंजिबल एसेट उसे कहते हैं जिसका हाथों से लेन-देन हो सके. NFT का विनिमय या लेन देन नहीं होता. इसलिए इसे नॉन फनजिबल एसेट कहा जाता है. ये बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी से भी अलग होती है. इनकी मदद से किसी पेंटिंग, पोस्टर, ऑडियो, वीडियो को ऑनलाइन खरीदा या बेचा जा सकता है. जिसके बदले डिजिटल टोकन मिलते हैं. इन्हें ही NFT कहा जाता है.
NFT की खासियत है कि यदि आप कोई खुद की बनाई हुई पेंटिंग, ऑडियो या वीडियो NFT कर हे हैं तो आपको तब तक इसके पैसे मिलते रहेंगे,जब तक वो बिकती रहेगी. जिंदगीभर आपको उसकी कमाई का हिस्सा मिलता रहेगा. NFT अपने यूनीक डिजिटल सिग्नेचर के चलते सबसे अलग होती है. इसके जरिए ये भी सुनिश्चित किया जाता है कि आपकी चीज का कॉपीराइट किसी और के पास ना जा सके.
NFT क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही की जाती है. इसके लिए जो ट्रांजेक्शन होगा वो क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ही होगा. NFT में ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर किसी एसेट पर डिजिटल ऑनरशिप दी जाती है.