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कोरोना इफेक्ट्स: लॉकडाउन में गई भाइयों की नौकरी, बहन ने संभाला आर्थिक मोर्चा

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Published : Aug 3, 2020, 12:07 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 1:09 PM IST

लॉकडाउन में भाइयों की नौकरी जाने के बाद बहन सब्जी बेचकर घर चला रही है. राजधानी रायपुर की जूली रोज सुबह ठेले पर सब्जी बेचने निकलती है और इससे कमाए पैसों से अपना परिवार चलाती है.

girl selling vegetables
सब्जी बेचती जूली

रायपुर: कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में कई कारोबार प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में भी मार्च के बाद से ही कई व्यापार, उद्योग और दुकानें ठप पड़ी हुई है. सभी व्यवसायी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इस बीच बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई है. आर्थिक तंगी से परेशान लोग काम की तलाश में भटकने लगे हैं. इस बीच राजधानी रायपुर की एक युवती ने बेरोजगारी से परेशान होकर परिवार चलाने के लिए सब्जी बेचने का काम शुरू कर दिया है. जूली के भाई का काम बंद होने के बाद से वह सब्जी बेचने का काम करने लगी है. इस काम में अब उनकी मां और भाई भी बराबर साथ दे रहे हैं.

सब्जी बेचकर चला रही घर

पढ़ें- छत्तीसगढ़: लॉकडाउन के दौरान 29 लाख स्कूली बच्चों के घर पहुंचाया गया सूखा राशन

जूली साव बाजार में ही नहीं सड़कों पर भी ठेला लेकर सब्जी बेचते हुए दिखाई देती है. आय का साधन नहीं होने से परेशान जूली ने अपना रास्ता खुद ढूंढकर काम शुरू किया. जूली बताती है, वह सुबह 3 बजे उठकर होलसेल से सब्जी खरीदने बाजार निकल जाती है. इसके बाद शहर के अलग-अलग जगहों में घूमकर सब्जी बेचती है.

लॉकडाउन में चली गई नौकरियां

जूली के पिता और 4 भाइयों का काम लॉकडाउन में बंद हो गया. इस बीच उनके परिवार के पास आय का कोई और साधन नहीं था. आर्थिक तंगी से परेशान होकर जूली ने सब्जी दुकान लगाने की ठानी. अब सब्जी बेचकर मिले पैसे से ही जूली का घर चल रहा है. इस काम में जूली का छोटा भाई और मां भी उसकी मदद करने लगे हैं.

मुश्किल से चल रहा परिवार

जूली ने बताया कि दिनभर मेहनत करने के बाद भी उनके पास इतने रुपये नहीं होते हैं कि आसानी से घर चल सके. लॉकडाउन और कोरोना के डर से लोग सब्जियां कम ही खरीद रहे हैं. इस वजह से बची हुई सब्जियां खराब भी हो जाती है. दिन भर काम करने के बाद भी उनके पास राशन के लिए ही रुपये इकट्ठे हो पाते हैं.

रायपुर: कोरोना संक्रमण की वजह से देशभर में कई कारोबार प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में भी मार्च के बाद से ही कई व्यापार, उद्योग और दुकानें ठप पड़ी हुई है. सभी व्यवसायी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इस बीच बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई है. आर्थिक तंगी से परेशान लोग काम की तलाश में भटकने लगे हैं. इस बीच राजधानी रायपुर की एक युवती ने बेरोजगारी से परेशान होकर परिवार चलाने के लिए सब्जी बेचने का काम शुरू कर दिया है. जूली के भाई का काम बंद होने के बाद से वह सब्जी बेचने का काम करने लगी है. इस काम में अब उनकी मां और भाई भी बराबर साथ दे रहे हैं.

सब्जी बेचकर चला रही घर

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जूली साव बाजार में ही नहीं सड़कों पर भी ठेला लेकर सब्जी बेचते हुए दिखाई देती है. आय का साधन नहीं होने से परेशान जूली ने अपना रास्ता खुद ढूंढकर काम शुरू किया. जूली बताती है, वह सुबह 3 बजे उठकर होलसेल से सब्जी खरीदने बाजार निकल जाती है. इसके बाद शहर के अलग-अलग जगहों में घूमकर सब्जी बेचती है.

लॉकडाउन में चली गई नौकरियां

जूली के पिता और 4 भाइयों का काम लॉकडाउन में बंद हो गया. इस बीच उनके परिवार के पास आय का कोई और साधन नहीं था. आर्थिक तंगी से परेशान होकर जूली ने सब्जी दुकान लगाने की ठानी. अब सब्जी बेचकर मिले पैसे से ही जूली का घर चल रहा है. इस काम में जूली का छोटा भाई और मां भी उसकी मदद करने लगे हैं.

मुश्किल से चल रहा परिवार

जूली ने बताया कि दिनभर मेहनत करने के बाद भी उनके पास इतने रुपये नहीं होते हैं कि आसानी से घर चल सके. लॉकडाउन और कोरोना के डर से लोग सब्जियां कम ही खरीद रहे हैं. इस वजह से बची हुई सब्जियां खराब भी हो जाती है. दिन भर काम करने के बाद भी उनके पास राशन के लिए ही रुपये इकट्ठे हो पाते हैं.

Last Updated : Aug 3, 2020, 1:09 PM IST
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