रायपुर: छत्तीसगढ़ में तीसरी राजनीतिक शक्ति बनने के लिए जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी को प्रदेश में एक ऐसा मुद्दा मिल गया है, जिसे वह हर हाल में जिंदा रखना चाहेगी. मुद्दा है परसा कोल ब्लॉक आवंटन का. जिसके खिलाफ अब तक प्रभावित ग्रामीणों के साथ समाज सेवी संगठन भी आंदोलन कर रहे थे. अब इस आंदोलन में आम आदमी पार्टी भी कूद गई है. जानकारों के अनुसार आम आदमी पार्टी की तरफ से इस मुद्दे को उठाए जाने से आंदोलन को बल मिलेगा, साथ ही पार्टी की जड़े भी मजबूत हो सकेगी.
परसा कोल ब्लॉक से बीजेपी-कांग्रेस ने बनाई दूरी: जुलाई 2019 में केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने परसा कोल ब्लॉक में उत्खनन के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति दे दी थी. जिसके तहत 5 मिलियन टन प्रतिवर्ष उत्खनन की अनुमति दी गई थी. इसके बाद फरवरी 2020 में स्टेज 1 और अक्टूबर 2021 में स्टेज 2 उत्खनन की अनुमति केंद्र की बीजेपी सरकार ने दे दी. 6 अप्रैल 2022 को छत्तीसगढ़ सरकार ने भी उत्खनन की अंतिम वन स्वीकृति दे दी. इस पूरे मामले में केंद्र की बीजेपी और राज्य के कांग्रेस सरकारों की भूमिका रही है. यही वजह है कि प्रभावित ग्रामीणों के आंदोलन में ये दोनों पार्टियों की दूरी स्वभाविक है.
छत्तीसगढ़ में आप पार्टी को मिला मुद्दा: जानकारों का मानना है कि किसी भी आंदोलन में राजनीतिक दलों की भागीदारी से उस आंदोलन को बल मिलता है. लेकिन हसदेव अरण्य क्षेत्र को बचाने के लिए चलाए जा रहे इस आंदोलन में राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों की भूमिका नहीं है. ऐसे में आम आदमी पार्टी को एक ऐसा अवसर मिल गया है. जहां इस मुद्दे को वह अपने पाले में डालकर प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों को निशाना बना सकती है.
हसदेव जंगल कटाई का मामला: आप ने की सीएम निवास घेराव की कोशिश
आम आदमी पार्टी ने किया सीएम हाउस का घेराव: हसदेव जंगल को बचाने के लिए शनिवार को आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री निवास घेराव करने की कोशिश की. पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेटिंग को तोड़ने की भी कोशिश की गई. इस दौरान पुलिस और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झूमा झटकी हुई. इस घेराव में आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजीव झा समेत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और आला पदाधिकारी मौजूद रहे. पार्टी के प्रदेश प्रभारी संजीव झा ने भूपेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जब तक हसदेव में उत्खनन का फरमान वापस नहीं लिया जाता. तब तक आम आदमी पार्टी आंदोलन करेगी. (protest of aap party in chhattisgarh)
क्या है हसदेव अरण्य: छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर जिले का वो जंगल है, जो मध्यप्रदेश के कान्हा के जंगलों से झारखंड के पलामू के जंगलों को जोड़ता है. यह मध्य भारत का सबसे समृद्ध वन है. हसदेव नदी भी खदान के कैचमेंट एरिया में है. हसदेव नदी पर बना मिनी माता बांगो बांध जिससे बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा के खेतों और लोगों को पानी मिलता है. इस जंगल में हाथी समेत 25 वन्य प्राणियों का रहवास और उनके आवागमन का क्षेत्र है.
इसलिए हो रहा विरोध: हसदेव अरण्य क्षेत्र के जंगल जैवविविधता से परिपूर्ण है. जानकार इसे मध्य भारत का फेफड़ा भी कहते हैं. इन जंगलों की वजह से मध्य भारत को बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन मिलती है. इसी क्षेत्र में लगभग 23 कोल ब्लॉक प्रस्तावित है. बताया जा रहा है कि यहां कोयले का अकूत भंडार समाया हुआ है. अप्रैल माह में छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से अंतिम वनस्वीकृति देने के बाद लगातार ग्रामीण इस कोल परियोजना का विरोध कर रहे हैं. परसा कोल ब्लॉक के लिए 841 हेक्टेयर क्षेत्र प्रस्तावित है. यहां घने वन मौजूद है. जानकारों का कहना है कि यहां लगभग इस परियोजना के शुरू होने के कारण 700 लोगों का विस्थापन किया जाएगा और लगभग 4 लाख पेड़ की कटाई होगी. एक तरह से एक समृद्ध वन पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि पेड़ों की संख्या करीब 9 लाख है. क्योंकि कटाई के दौरान सिर्फ बड़े पेड़ों की ही गिनती की जाती है.
संगठन मजबूत करने आप पार्टी चला रही सदस्यता अभियान: पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का उत्साह दोगुना हो गया है. छत्तीसगढ़ में भी संगठन को मजबूत करने के लिए लगातार आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के संदीप पाठक को पंजाब से राज्यसभा सांसद बनाया गया है. विधानसभा चुनाव से पहले आप पार्टी सदस्यता अभियान के जरिए संगठन को मजबूत करने में जुटी हुई हैं.