रायगढ़ : छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग संघ संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर ने 2 मई 2022 को एक आदेश जारी किया गया था. जिसमें हाई स्कूल/हायर सेकेंडरी स्कूल में पदस्थापना में मुख्य विषय हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान कुल 5 विषय स्वीकृत किए हैं, इस आदेश में संस्कृत को स्कूल में छात्रों की दर्ज संख्या नियमानुसार होने पर ही व्याख्याता की पदस्थापना की बात कही गई है. इस आदेश से संस्कृत के व्याख्याताओं को ऐतराज है. संस्कृत व्याख्याताओं ने सरकार पर उनके साथ अन्याय करने का आरोप लगाए (new rules for sanskrit teachers in chhattisgarh) है.
नए नियम का विरोध : संस्कृत के व्याख्याताओं ने कहा कि ''हम छत्तीसगढ़ शासन की इस मंशा को हरगिज पूरा नहीं होने देंगे, संस्कृत के बिना हमारी संस्कृति ही अधूरी है. 2 जून को छत्तीसगढ़ शासन ने नवीन आदेश निकाला था, जिसमें हाई स्कूल में 221 छात्रों की दर्ज संख्या एक संस्कृत व्याख्याता की पदस्थापना(Government new order for Sanskrit teachers ) करने की बात कही गई है. वहीं हायर सेकेंडरी स्कूल में 359 छात्रों की दर्ज संख्या पर 1 पद स्वीकृत होगा. जबकि नवीन आदेश पर अन्य विषयों पर छात्रों की दर्ज संख्या को महत्व नहीं दिया है, अन्य विषयों पर कम छात्र होने पर भी व्याख्याताओं की पदस्थापना होगी.''
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सिर्फ संस्कृत के लिए ही नियम : वहीं संस्कृत पर ही नियम बनाकर संस्कृत विषय के व्याख्याताओं के साथ छत्तीसगढ़ सरकार नाइंसाफी कर रही है. इस नए नियम से संस्कृत के व्याख्याता आहत हैं, और इसका विरोध किया है. व्याख्याताओं के मुताबिक संस्कृत विषय नैतिक शिक्षा का विषय है. संस्कृत के व्याख्याताओं ने 2008 की सेटअप को यथावत रखने की बात कही है. छत्तीसगढ़ शासन के नए सेटअप से संस्कृत विषय के साथ-साथ भारतीय संस्कृति भी गर्त में चली जाएगी.संस्कृत विषय के व्याख्याता जिला कलेक्टर के माध्यम से शिक्षा मंत्री और प्रदेश के मुखिया को ज्ञापन सौंपा है.