जांजगीर चांपा : छत्तीसगढ़ में नरवा,गरुवा,घुरुवा और बाड़ी योजना के तहत गौधन न्याय योजना (Gaudhan Nyay Yojana Chhattisgarh) की शुरुआत हुई. इस योजना ने छत्तीसगढ़ के गांवों और वहां रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाया.गोबर जैसी चीज प्रदेश में हाथों-हाथ बिकने लगी. यही नहीं गोबर के जरिए ग्रामीण मुनाफा कमाने लगे. योजना को राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिले. दूसरे राज्यों ने छ्त्तीसगढ़ की इस योजना को फॉलो करने के लिए प्रदेश में अपने अफसरों का दौरा करवाया. लेकिन जिस योजना ने छत्तीसगढ़ को अलग पहचान दी. आज उसी राज्य के कुछ जिम्मेदारों के कारण योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा.
सचिव की लापरवाही : जैजैपुर जनपद पंचायत के कैथा गांव (Kaitha village of Jajaipur Janpad Panchayat) के 23 किसानों से गोबर खरीदी पिछले 6 महीनों से बंद है. यहीं नहीं उनके पिछले गोबर बिक्री का रिकॉर्ड भी मेंटेन नहीं किया गया. जिसके कारण करीब 1 लाख 29 हजार रुपए का भुगतान उन्हें नहीं मिल सका है. पशुपालक किसानों का आरोप है कि सचिव की मनमानी के कारण गोबर बेचने की एंट्री रजिस्टर में तो की गई, लेकिन ऑनलाइन नहीं हुई. जिसके कारण भुगतान नहीं हो सका.किसानों का आरोप है कि 6 ट्रॉली गोबर बेचने के बाद भी एंट्री नहीं होने से उन्हें भुगतान नहीं मिला. जिसके बाद सचिव पर घोटाला करने के आरोप लग रहे हैं.
ये भी पढ़ें- गोबर खरीदी से बने वर्मी कंपोस्ट खाद की भारी मांग, किसानों को सोसाइटियां कर रहीं जागरूक
6 माह से गोबर खरीदी बंद : कैथा गांव में पिछले 6 माह से गोबर खरीदी नहीं हो पाई है. जिसके कारण किसानों ने अब गोबर एक जगह इकट्ठा करना शुरु कर दिया है. गोबर खरीदी बंद करने (Dung purchase stopped in Kaitha village ) और किसानों की गोबर खरीदी की जानकारी लेने पहुंचे जनपद पंचायत जैजैपुर के सीईओ बृजेश राजपूत ने जब सचिव को बुलाया तो सचिव ने सीईओ को भी गुमराह किया. सचिव ने काम का बहाना बनाकर गौठान में आना मुनासिब नहीं समझा.जिसके बाद सीईओ ने किसानों का भुगतान और सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.