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Accused released after FIR in Raigarh: रायगढ़ में धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर के बाद आरोपी को छोड़ा, कोर्ट ने कहीं ये बात

Accused released after FIR in Raigarh: धोखाधड़ी मामले में रायगढ़ की कोतवाली पुलिस की वर्किंग पर कोर्ट ने सवाल उठा दिया है. मामले में एसपी से थाना प्रभारी पर विधि सम्मत कार्यवाही करने को कहा है.

FIR in fraud case in raigarh
रायगढ़ में एफआईआर के बाद आरोपी को छोड़ा
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Published : Feb 10, 2022, 10:33 AM IST

Updated : Feb 10, 2022, 12:21 PM IST

रायगढ़: सिटी कोतवाली में 1 करोड़ 36 लाख रुपये की ठगी के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस के काम करने के ढंग (Raigarh City Kotwali Police Action) पर कोर्ट ने सवाल खड़े किया है. कोर्ट ने एसपी से थाना प्रभारी पर कार्यवाही ( Action on Raigarh City Kotwali station in charge) करने को भी कहा है. सिटी कोतवाली में 1 करोड़ 36 लाख रुपये की ठगी का मामला पीड़ित ने जनवरी माह में दर्ज कराया था. लेनदेन के केस में पुलिस ने पहले मामला तो दर्ज कर लिया. लेकिन दोनों फर्मों के बीच सुलह की गुंजाइश देखते हुए जांच धीमी कर दी.

रायगढ़ में एफआईआर के बाद आरोपी को छोड़ा

रायगढ़ में एफआईआर के बाद आरोपी को छोड़ा (Accused released after FIR in Raigarh )

1 करोड़ 36 लाख की ठगी के इस मामले में जब अग्रिम जमानत के लिए आरोपी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो उसे रिजेक्ट करते हुए कोर्ट ने कोतवाली पुलिस की जमकर खिंचाई की. साथ ही पुलिस अधीक्षक से थाना प्रभारी पर विधि सम्मत कार्यवाही करने को कहा है. मामले में लोक अभियोजन दीपक शर्मा ने बताया कि 11 जनवरी को रायपुर निवासी अरुण गोयंका को आरोपी बनाकर 420,406 के तहत मामला दर्ज कर 12 जनवरी को पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया गया. पूछताछ के बाद आरोपी को घर भेज दिया गया. केस डायरी के अनुसार पुलिस ने आरोपी अरुण को गिरफ्तार तो किया, लेकिन गिरफ्तारी नहीं दिखाई. इसलिए गिरफ्तारी पत्रक में आरोपी के हस्ताक्षर तो लिए गए, लेकिन विवेचक या गिरफ्तार करने वाले हस्ताक्षर नहीं है. अरूण गोयंका के द्वारा बैंक के
माध्यम से रुपये लौटा देना बताया है.

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मामले में आपसी सुलह होने के बाद कोर्ट ने थाना प्रभारी को प्रार्थी को एक नोटिस तामील कराने निर्देशित किया था. जिस पर पुलिस ने कोर्ट को यह बताया कि इस नाम के व्यक्ति का पता नहीं चला है. इसलिए तामील वापस की जाती है. जबकि केस डायरी में प्रार्थी का पता लिखा हुआ है. प्रार्थी ने रिपोर्ट भी दर्ज कराई है. कोर्ट ने कर्तव्य में लापरवाही मानते हुए एसपी से थाना प्रभारी पर विधि सम्मत कार्यवाही करने को कहा है.

रायगढ़: सिटी कोतवाली में 1 करोड़ 36 लाख रुपये की ठगी के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस के काम करने के ढंग (Raigarh City Kotwali Police Action) पर कोर्ट ने सवाल खड़े किया है. कोर्ट ने एसपी से थाना प्रभारी पर कार्यवाही ( Action on Raigarh City Kotwali station in charge) करने को भी कहा है. सिटी कोतवाली में 1 करोड़ 36 लाख रुपये की ठगी का मामला पीड़ित ने जनवरी माह में दर्ज कराया था. लेनदेन के केस में पुलिस ने पहले मामला तो दर्ज कर लिया. लेकिन दोनों फर्मों के बीच सुलह की गुंजाइश देखते हुए जांच धीमी कर दी.

रायगढ़ में एफआईआर के बाद आरोपी को छोड़ा

रायगढ़ में एफआईआर के बाद आरोपी को छोड़ा (Accused released after FIR in Raigarh )

1 करोड़ 36 लाख की ठगी के इस मामले में जब अग्रिम जमानत के लिए आरोपी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो उसे रिजेक्ट करते हुए कोर्ट ने कोतवाली पुलिस की जमकर खिंचाई की. साथ ही पुलिस अधीक्षक से थाना प्रभारी पर विधि सम्मत कार्यवाही करने को कहा है. मामले में लोक अभियोजन दीपक शर्मा ने बताया कि 11 जनवरी को रायपुर निवासी अरुण गोयंका को आरोपी बनाकर 420,406 के तहत मामला दर्ज कर 12 जनवरी को पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया गया. पूछताछ के बाद आरोपी को घर भेज दिया गया. केस डायरी के अनुसार पुलिस ने आरोपी अरुण को गिरफ्तार तो किया, लेकिन गिरफ्तारी नहीं दिखाई. इसलिए गिरफ्तारी पत्रक में आरोपी के हस्ताक्षर तो लिए गए, लेकिन विवेचक या गिरफ्तार करने वाले हस्ताक्षर नहीं है. अरूण गोयंका के द्वारा बैंक के
माध्यम से रुपये लौटा देना बताया है.

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मामले में आपसी सुलह होने के बाद कोर्ट ने थाना प्रभारी को प्रार्थी को एक नोटिस तामील कराने निर्देशित किया था. जिस पर पुलिस ने कोर्ट को यह बताया कि इस नाम के व्यक्ति का पता नहीं चला है. इसलिए तामील वापस की जाती है. जबकि केस डायरी में प्रार्थी का पता लिखा हुआ है. प्रार्थी ने रिपोर्ट भी दर्ज कराई है. कोर्ट ने कर्तव्य में लापरवाही मानते हुए एसपी से थाना प्रभारी पर विधि सम्मत कार्यवाही करने को कहा है.

Last Updated : Feb 10, 2022, 12:21 PM IST
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