रायगढ़ : रायगढ़ पुलिस ने चिटफंड कंपनी के फरार संचालक और डायरेक्टर को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. आरोपी आशोक कुमार जोशी ने उत्थान सिक्योरिटी एमएससी ग्लोबल नाम से कंपनी खोलकर कई लोगों की कमाई उसमे निवेश करा दी थी. इसके बाद उन पैसों को शेयर बाजार में निवेश करके खुद फायदा कमाने लगा. जब शेयर मार्केट डूबा और लोगों ने अपने पैसे मांगें तो आरोपी अशोक कुमार जोशी फरार (Chit fund company fraud in Raigarh) हो गया था. जिसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई गई थी.
क्या है पूरा मामला : उत्थान सिक्योरिटी एमएससी ग्लोबल (Utthan Security MSc Global Company ) के फरार डायरेक्टर अशोक कुमार को प्रोडक्शन वारंट पर केंद्रीय जेल रांची, झारखंड से रायगढ़ लाया गया है. आरोपी ने रायगढ़ में नकली नाम से चिटफंड कंपनी के जरिए 3 से 5% का लाभ का प्रलोभन देकर, अपने साथी चंद्र कुमार चौहान के साथ शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी. कंपनी के एक और डायरेक्टर चंद्र कुमार चौहान को कोतवाली पुलिस ने पिछले साल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
कब हुआ मामला दर्ज : फर्जीवाड़े के संबंध में 11 अप्रैल 2016 को थाना कोतवाली में ग्राम औंरदा, पुसौर के रहने वाले दुष्यंत कुमार सहिस ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उत्थान सिक्योरिटी एमएससी ग्लोबल के संचालक चंद्र कुमार चौहान और अशोक जोशी ने सुभाष नगर रायगढ़ के फ्लैट नंबर 37 में कंपनी का कार्यालय खोला था. जिसमें शेयर ट्रेडिंग का कार्य किया जाता था. इनके झांसे में आकर लगभग 8 लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई इनकी हाथों में दे दी. जिसके बाद दोनों फरार हो गए.
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कितने की धोखाधड़ी : अब तक मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने लगभग ढाई लाख रुपए की धोखाधड़ी की है. वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि इस कंपनी ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है. धोखाधड़ी के संबंध में कोतवाली पुलिस ने छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोनों आरोपियों पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है.
नाम बदलकर धोखाधड़ी : आरोपी अपना नाम और मूल स्थान का पता बदलकर धोखाधड़ी के उद्देश्य कंपनी का संचालन(Raigarh Chitfund Company case) करते थे. आरोपियों से पूछताछ में दोनों आरोपी चंद्र कुमार चौहान और अशोक कुमार ही कंपनी का संचालन की जानकारी मिली है. आरोपी से इनके तथा कंपनी के चल-अचल संपत्ति की जानकारी एवं कंपनी द्वारा निवेश की जानकारी, साथ ही जिलाधीश कार्यालय में कंपनी के विरुद्ध दिए गए आवेदन पत्रों की जानकारी ली जा रही है.