महासमुंद : जिले में कुछ दिन पहले जीवतरा में हुए रिखीराम साहू के अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली (mystery of blind murder solved in Mahasamund) है. रिखीराम साहू का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसका बड़ा बेटा चंदेश्वर साहू ही निकला. पुत्र ने अपने ही पिता को लाठी डंडों से पीट-पीट कर मौत के घाट उतारा था. इसके बाद बीच रास्ते में ही लाश को फेंककर फरार हो गया (Father was murdered by son in mahasamund) था.
कब की है घटना : महासमुंद मुख्यालय के पास जीवतरा गांव में 23 जून की रात में किसी अज्ञात व्यक्ति ने 60 साल के बुजुर्ग रिखीराम साहू को मारकर गांव के रास्ते में ही फेंक दिया (murder took place in Jivatra of Mahasamund) था. सूचना पर पुलिस 24 जून को मर्ग कायम कर जांच में जुटी हुई थी. जांच में पता चला कि कुछ समय पहले से ही मृतक रिखीराम ज्यादा शराब और गांजा का सेवन करने लगा था. उसने 2 शादियां की थी. दोनों बीवी से रिखीराम के 6 बच्चे थे.
क्यों हुई हत्या :रिखीराम की दो पत्नियां थी. जिसमें से एक की मौत हो चुकी थी. वहीं दूसरी पत्नी से भी वो झगड़ा करता था. जिसके कारण उसे घर से अलग कर दिया गया था. इसलिए अक्सर रिखीराम शराब के नशे में अपने बच्चों और बीवी के साथ मारपीट करता. इसी बात से तंग आकर उसके बड़े बेटे ने रिखीराम की हत्या के बाद उसके शव को सड़क पर फेंक दिया.
कैसे पहुंची पुलिस : तफ्तीश में ये बात सामने आई कि रिखीराम ने अपनी पूरी संपत्ति दूसरी बीवी और बच्चों में बांट दी थी. वहीं पहली बीवी के बच्चों के साथ वो दारु पीकर लड़ाई करता था. लिहाजा पुलिस का शक पहले परिवार के सदस्यों पर ही गया. जब परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई तो बड़े बेटे ने अपना जुर्म कबूल कर (Son killed father in Mahasamund Jivatara) लिया.
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कैसे हुई हत्या : चंद्रेश्वर साहू के मुताबिक उसका पिता आए दिन लड़ाई-झगड़ा करता था. जिससे तंग आकर उसने पिता की हत्या कर दी. हत्या वाले दिन भी चंद्रेश्वर ने आवेश में आकर पिता की पिटाई कर दी. जिससे उसे गहरी चोट लगी और वो गिरकर मर गया. इसके बाद मृतक को उठाकर चंद्रेश्वर सड़क पर फेंक आया.