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महासमुंद में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल का असर, जरुरी सेवाएं हुईं प्रभावित - छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन

छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. फेडरेशन ने केंद्र के समान महंगाई भत्ते और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता की मांग की है. इस आंदोलन में 96 संगठनों ने एक साथ अनिश्चितकाल हड़ताल शुरू की है. महासमुंद में सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल का असर दिख रहा है. लोगों के जरूरी काम प्रभावित हो रहे हैं.

chhattisgarh government officers employees on indefinite strike
महासमुंद में सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल का असर
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Published : Aug 25, 2022, 2:28 PM IST

महासमुंद : छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन (chhattisgarh government officers employees ) ने केंद्र के समान महंगाई भत्ते और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर फिर से 96 संगठनों ने एक साथ अनिश्चितकाल हड़ताल शुरू की (demand HRA DA in mahasamund) है. हड़ताल के कारण शिक्षा, पंचायत कार्य ,राजस्व , वन,न्यायालय जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे हैं. विभाग के ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी से लेकर मैदानी स्तर पर काम करने वाले अधिकारी भी अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर (indefinite strike from august 2022) हैं. आपको बता दें कि जुलाई माह में भी संगठनों ने पांच दिवसीय हड़ताल कर सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आवेदन दिया था. जिसके बाद उन्हें आश्वासन मिला था .लेकिन मांगे पूरी नहीं होने से इस बार 96 संगठनों के अधिकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं और आर पार की लड़ाई के मूड में हैं.

सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा : अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से जहां शासकीय दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं पहली बार न्यायालय कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से न्यायालय कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. पंचायत सचिवों के भी हड़ताल में चले जाने से पंचायत के कई महत्वपूर्ण कार्य पेंशन, निर्माण कार्य ,मनरेगा कार्य रुके हैं. वहीं महत्वपूर्ण शिक्षा विभाग के कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है.

मांगे पूरी होने तक हड़ताल की चेतावनी : हड़ताल में गए अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि '' जब तक उनकी मांगे सरकार नहीं मान लेती. तब तक वे कलम बंद हड़ताल जारी रखेंगे और काम पर नहीं लौटेंगे. क्योंकि सरकार अपनी बातें मनवाने के लिए केंद्र के सामने हड़ताल करती है. तो क्या हम अपनी जायज मांगों के लिए सरकार के सामने हड़ताल नहीं कर सकते.''

कई विभागों में काम प्रभावित : अधिकारी भी मानते हैं कि हड़ताल में चले जाने से काम प्रभावित हो रहे हैं. हड़ताल की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी गई है. जैसा उनका आगे निर्देश आएगा उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. वहीं सरायपाली एसडीएम ने कहा कि '' हड़ताल में चले जाने से राजस्व और न्यायालय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन जो अत्यंत जरूरी कार्य हैं. उन्हें अपने स्तर पर पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है."

महासमुंद : छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन (chhattisgarh government officers employees ) ने केंद्र के समान महंगाई भत्ते और सातवें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर फिर से 96 संगठनों ने एक साथ अनिश्चितकाल हड़ताल शुरू की (demand HRA DA in mahasamund) है. हड़ताल के कारण शिक्षा, पंचायत कार्य ,राजस्व , वन,न्यायालय जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे हैं. विभाग के ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी से लेकर मैदानी स्तर पर काम करने वाले अधिकारी भी अपनी 2 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर (indefinite strike from august 2022) हैं. आपको बता दें कि जुलाई माह में भी संगठनों ने पांच दिवसीय हड़ताल कर सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आवेदन दिया था. जिसके बाद उन्हें आश्वासन मिला था .लेकिन मांगे पूरी नहीं होने से इस बार 96 संगठनों के अधिकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं और आर पार की लड़ाई के मूड में हैं.

सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा : अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से जहां शासकीय दफ्तरों में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहीं पहली बार न्यायालय कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से न्यायालय कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. पंचायत सचिवों के भी हड़ताल में चले जाने से पंचायत के कई महत्वपूर्ण कार्य पेंशन, निर्माण कार्य ,मनरेगा कार्य रुके हैं. वहीं महत्वपूर्ण शिक्षा विभाग के कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है.

मांगे पूरी होने तक हड़ताल की चेतावनी : हड़ताल में गए अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि '' जब तक उनकी मांगे सरकार नहीं मान लेती. तब तक वे कलम बंद हड़ताल जारी रखेंगे और काम पर नहीं लौटेंगे. क्योंकि सरकार अपनी बातें मनवाने के लिए केंद्र के सामने हड़ताल करती है. तो क्या हम अपनी जायज मांगों के लिए सरकार के सामने हड़ताल नहीं कर सकते.''

कई विभागों में काम प्रभावित : अधिकारी भी मानते हैं कि हड़ताल में चले जाने से काम प्रभावित हो रहे हैं. हड़ताल की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी गई है. जैसा उनका आगे निर्देश आएगा उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. वहीं सरायपाली एसडीएम ने कहा कि '' हड़ताल में चले जाने से राजस्व और न्यायालय कार्य प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन जो अत्यंत जरूरी कार्य हैं. उन्हें अपने स्तर पर पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है."

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