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महासमुंद के निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीज, CMHO कर रहे इंकार

महासमुंद में ब्लैक फंगस के 6 मामले सामने आए है. जिले के एक निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज चल रहा है. निजी अस्पताल में इसकी पुष्टि भी कर दी है. बावजूद जिले के CMHO डाॅ. एन. के. मंडपे का कहना है कि अब तक कोई भी ब्लैंक फंगस के मरीज की रिपोर्टिंग नहीं हुई है.

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महासमुंद के निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीज
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Published : May 16, 2021, 1:54 PM IST

महासमुंद: कोरोना की दहशत अभी खत्म ही नहीं हुई कि उस पर ब्लैक फंगस का काला साया मंडराने लगा है. महासमुंद जिले में भी ब्लैक फंगस की शुरुआत हो चुकी है. जिला मुख्यालय के निजी नर्सिग होम में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज जारी है. इसके साथ ही एक मरीज की मौत ब्लैक फंगस से हो चुकी है. लेकिन आश्चर्य की बात हैं कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी जिले में ब्लैक फंगस के मरीज होने से इंकार कर रहे हैं.

महासमुंद के निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीज

महासमुंद में ब्लैक फंगस की दस्तक

जिले में प्रारंभिक तौर पर ब्लैक फंगस के 6 मरीज सामने आए हैं. जिनका निजी अस्पतालों में प्रारंभिक जांच और लक्ष्ण के आधार पर इलाज हो रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार कोविड पीड़ित मरीज या कोरोनोा से ठीक हो चुके शुगर पेशेंट और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग ब्लैक फंगस के जल्द शिकार हो रहे हैं. लेकिन यह लाइलाज बीमारी नही हैं.

ब्लैक फंगस से 1 मरीज की मौत

जैन नर्सिग होम के डायरेक्टर डॉक्टर स्मित चोपड़ा ने बताया कि फिलहाल जिले में 6 ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए हैं. जिनका इलाज उनके ही नर्सिंग होम में चल रहा है. इन मरीजों में एक मरीज की मौत भी ब्लैक फंगस से हो चुकी है.

CMHO जिले में ब्लैक फंगस के मरीज होने से कर रहे इंकार

हालांकि जिले के CMHO डाॅ. एन. के. मंडपे इससे इंकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिले में ब्लैक फंगस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. ब्लैक फंगस का कोई भी मरीज जिले में नहीं मिला है. उनका कहना है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों कही भी ब्लैक फंगस का कोई भी मरीज नहीं मिला है.

ब्लैक फंगस लाइलाज नहीं है पर इसकी प्रारंभिक जांच सही समय पर इलाज शुरू करने से इस पर काबू पाया जा सकता है. लेकिन ये बात समझ से परे हैं कि CMHO कि क्यों मामले में किसी भी तरह की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के मिलने के बाद राज्य सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है. जिसके तहत ब्लैक फंगस की दवाईयों और इलाज से जुड़े आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हर जिले में इस बीमारी के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध कराई जाएंगी. छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस का इलाज सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में किया जाएगा.

ब्लैक फंगस की दवाईयां पर्याप्त डोज में रहेंगी उपलब्ध

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस को गंभीरता से लिया. उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं जैसे पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरसिन-बी की पर्याप्त डोज हर जिले में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पहले ही इस के पालन के लिए आदेशित कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ का खाद्य एवं औषधि प्रशासन सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों के माध्यम से सभी जिलों में पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरसिंन-बी की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है.

क्या है ब्लैक फंगस और किस तरह के लोगों को चपेट में ले रहा है ? ENT स्पेशलिस्ट से जानिए

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज अब ब्लैक फंगस (Black Fungus) या म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) का शिकार हो रहे हैं. मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्था, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में ब्लैक फंगस का संक्रमण देखने को मिल रहा है. रायपुर एम्स में ब्लैक फंगस के 15 मरीज एडमिट हैं. वहीं भिलाई में इस बीमारी ने एक युवक की जान ले ली है. ब्लैक फंगस से छत्तीसगढ़ में मौत का यह पहला मामला है. ब्लैक फंगस से मौत की खबर ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है.

महासमुंद: कोरोना की दहशत अभी खत्म ही नहीं हुई कि उस पर ब्लैक फंगस का काला साया मंडराने लगा है. महासमुंद जिले में भी ब्लैक फंगस की शुरुआत हो चुकी है. जिला मुख्यालय के निजी नर्सिग होम में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज जारी है. इसके साथ ही एक मरीज की मौत ब्लैक फंगस से हो चुकी है. लेकिन आश्चर्य की बात हैं कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी जिले में ब्लैक फंगस के मरीज होने से इंकार कर रहे हैं.

महासमुंद के निजी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीज

महासमुंद में ब्लैक फंगस की दस्तक

जिले में प्रारंभिक तौर पर ब्लैक फंगस के 6 मरीज सामने आए हैं. जिनका निजी अस्पतालों में प्रारंभिक जांच और लक्ष्ण के आधार पर इलाज हो रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार कोविड पीड़ित मरीज या कोरोनोा से ठीक हो चुके शुगर पेशेंट और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग ब्लैक फंगस के जल्द शिकार हो रहे हैं. लेकिन यह लाइलाज बीमारी नही हैं.

ब्लैक फंगस से 1 मरीज की मौत

जैन नर्सिग होम के डायरेक्टर डॉक्टर स्मित चोपड़ा ने बताया कि फिलहाल जिले में 6 ब्लैक फंगस के मरीज सामने आए हैं. जिनका इलाज उनके ही नर्सिंग होम में चल रहा है. इन मरीजों में एक मरीज की मौत भी ब्लैक फंगस से हो चुकी है.

CMHO जिले में ब्लैक फंगस के मरीज होने से कर रहे इंकार

हालांकि जिले के CMHO डाॅ. एन. के. मंडपे इससे इंकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि जिले में ब्लैक फंगस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. ब्लैक फंगस का कोई भी मरीज जिले में नहीं मिला है. उनका कहना है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों कही भी ब्लैक फंगस का कोई भी मरीज नहीं मिला है.

ब्लैक फंगस लाइलाज नहीं है पर इसकी प्रारंभिक जांच सही समय पर इलाज शुरू करने से इस पर काबू पाया जा सकता है. लेकिन ये बात समझ से परे हैं कि CMHO कि क्यों मामले में किसी भी तरह की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं.

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के मिलने के बाद राज्य सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है. जिसके तहत ब्लैक फंगस की दवाईयों और इलाज से जुड़े आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हर जिले में इस बीमारी के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध कराई जाएंगी. छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस का इलाज सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में किया जाएगा.

ब्लैक फंगस की दवाईयां पर्याप्त डोज में रहेंगी उपलब्ध

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस को गंभीरता से लिया. उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं जैसे पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरसिन-बी की पर्याप्त डोज हर जिले में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पहले ही इस के पालन के लिए आदेशित कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ का खाद्य एवं औषधि प्रशासन सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों के माध्यम से सभी जिलों में पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरसिंन-बी की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है.

क्या है ब्लैक फंगस और किस तरह के लोगों को चपेट में ले रहा है ? ENT स्पेशलिस्ट से जानिए

कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीज अब ब्लैक फंगस (Black Fungus) या म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) का शिकार हो रहे हैं. मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्था, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में ब्लैक फंगस का संक्रमण देखने को मिल रहा है. रायपुर एम्स में ब्लैक फंगस के 15 मरीज एडमिट हैं. वहीं भिलाई में इस बीमारी ने एक युवक की जान ले ली है. ब्लैक फंगस से छत्तीसगढ़ में मौत का यह पहला मामला है. ब्लैक फंगस से मौत की खबर ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है.

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