ETV Bharat / city

महासमुंद में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर बसना सरपंच संघ की हड़ताल - सरपंच निधि

Mahasamund latest news महासमुंद में बसना सरपंच संघ द्वारा 13 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल किया जा रहा है. सरपंचों के हड़ताल से गांव में होने वाले कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.

Basna Sarpanch union strike
महासमुंद में विरोध प्रदर्शन
author img

By

Published : Sep 6, 2022, 10:03 PM IST

महासमुंद: बसना सरपंच संघ द्वारा 13 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन (Basna Sarpanch union strike in Mahasamund) किया जा रहा है. सरपंचों के हड़ताल से गांव में होने वाले कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. जिससे पूरे क्षेत्रवासी परेशान हैं. छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन संघ के हड़ताल से पूरे छत्तीसगढ़ में राजनीति गरमा गई थी. अब सरपंचों के हड़ताल से शुरू हो गया है.

सरपंच संघ की हैं 13 सूत्रीय मांगे: बसना सरपंच संघ द्वारा 13 सूत्रीय मांगें हैं. जिसमें मानदेय वृद्धि, सरपंचों का पेंशन, 50 लाख तक के कार्यो में कार्य एजेंसी पंचायत को बनाया जाए, सरपंच निधि बढ़ाने, नक्सलियों द्वारा हत्या पर 20 लाख आर्थिक सहायता, नरेगा सामग्री भुगतान हर 3 महीने में किया जाने, धारा 40 में संसोधन किया जाने और भी अन्य मुख्य मांगें शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: महासमुंद में चोरी की बाइक से साथ दो चोर गिरफ्तार


सरपंच अपने संवैधानिक अधिकारों से हैं वंचित: मामले में तपन भोई सरपंच बरबसपुर और प्रतीक देवांगन सरपंच भंवरपुर ने अपनी समस्याओं को मीडिया के समक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि "सरपंच और पंचों को उनकी मेहनताना की राशि भी नहीं मिलती है. प्रदेशभर के सरपंच अपने मौलिक और संविधानिक अधिकारों से वंचित हैं. इसके चलते 22 अगस्त से सभी ब्लाक स्तर पर सरपंचों का आंदोलन चल रहा है. कई कार्य ग्राम पंचायत में होते हैं, जिसका कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत को ना देकर अन्य ठेकेदारों को दिया जाता है. जिसकी वजह से कार्य भी गुणवत्ताहीन होती है. उस पर सवाल हमारे ऊपर उठता है." साथ ही बताया कि "हमारी मांग पूरी नहीं होने के कारण पंचायतों में विकास कार्य ठप है. जिसके कारण ग्रामीण बहुत परेशान हैं. अपने कार्यो के लिए लोग भटक रहे हैं.

महासमुंद: बसना सरपंच संघ द्वारा 13 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन (Basna Sarpanch union strike in Mahasamund) किया जा रहा है. सरपंचों के हड़ताल से गांव में होने वाले कार्य पूरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. जिससे पूरे क्षेत्रवासी परेशान हैं. छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन संघ के हड़ताल से पूरे छत्तीसगढ़ में राजनीति गरमा गई थी. अब सरपंचों के हड़ताल से शुरू हो गया है.

सरपंच संघ की हैं 13 सूत्रीय मांगे: बसना सरपंच संघ द्वारा 13 सूत्रीय मांगें हैं. जिसमें मानदेय वृद्धि, सरपंचों का पेंशन, 50 लाख तक के कार्यो में कार्य एजेंसी पंचायत को बनाया जाए, सरपंच निधि बढ़ाने, नक्सलियों द्वारा हत्या पर 20 लाख आर्थिक सहायता, नरेगा सामग्री भुगतान हर 3 महीने में किया जाने, धारा 40 में संसोधन किया जाने और भी अन्य मुख्य मांगें शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: महासमुंद में चोरी की बाइक से साथ दो चोर गिरफ्तार


सरपंच अपने संवैधानिक अधिकारों से हैं वंचित: मामले में तपन भोई सरपंच बरबसपुर और प्रतीक देवांगन सरपंच भंवरपुर ने अपनी समस्याओं को मीडिया के समक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि "सरपंच और पंचों को उनकी मेहनताना की राशि भी नहीं मिलती है. प्रदेशभर के सरपंच अपने मौलिक और संविधानिक अधिकारों से वंचित हैं. इसके चलते 22 अगस्त से सभी ब्लाक स्तर पर सरपंचों का आंदोलन चल रहा है. कई कार्य ग्राम पंचायत में होते हैं, जिसका कार्य एजेंसी ग्राम पंचायत को ना देकर अन्य ठेकेदारों को दिया जाता है. जिसकी वजह से कार्य भी गुणवत्ताहीन होती है. उस पर सवाल हमारे ऊपर उठता है." साथ ही बताया कि "हमारी मांग पूरी नहीं होने के कारण पंचायतों में विकास कार्य ठप है. जिसके कारण ग्रामीण बहुत परेशान हैं. अपने कार्यो के लिए लोग भटक रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.