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पतोरा बांध से छोड़ा गया पानी, जोंक नदी के किनारे बसे 14 गांव में अलर्ट जारी

ओडिशा के पतोरा बांध से पानी छोड़ा गया है. महासमुंद में जोंक नदी के तटीय गांव में अलर्ट जारी किया गया है. जिला कलेक्टर ने लोगों से सावधानी बरतने और नदी-नालों के तट का उपयोग नहीं किए जाने की अपील की है.

Alert in the coastal village of Jonk River mahasmund
पतोरा बांध
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Published : Sep 4, 2020, 12:48 PM IST

महासमुंद: ओडिशा के पतोरा बांध से पानी छोड़ दिया गया है. महासमुंद से होकर जाने वाली जोंक नदी में 1400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिला प्रशासन ने नदी के किनारे बसे 14 गांव में अलर्ट जारी कर दिया है. कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने सभी से अपने जान-माल की रक्षा करने की अपील की है. कलेक्टर ने जल संसाधन और पंचायत कर्मियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं.

पिछले कुछ दिनों से हुई लगातार बारिश की वजह से प्रदेश के भी नदी-नाले उफान पर हैं. सभी जगहों पर बारिश के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है. पतोरा बांध से पानी छोड़ने की वजह से जोंक नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है. जिला प्रशासन ने 14 तटीय गांव डोंगरीपाली, रेवा, खेमड़ा, डोंगरगांव, खुड़मुड़ी, खट्टी, बनियाटोला, परकोम, राटापाली, नर्रा, टेमरी, करगिडीह, सिमगांव, डोंगाखमरिया में अलर्ट जारी किया हुआ है. सभी गांव में मुनादी करा दी गई है.

पढ़ें- महासमुंद के किसानों के लिए सरकार की सिंचाई योजना बनी वरदान, क्रेडा की मदद से कमा रहे दोगुना मुनाफा

कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने लोगों से अपने जान-माल, जानवरों का ख्याल रखने, बाढ़ क्षेत्र में न जाने, नदी पार न करने, तट का उपयोग न करने की अपील की है. इसके अलावा उन्होंने राजस्व, पुलिस, जलसंसाधन और पंचायत कर्मियों को भी अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं.

महानदी और जोंक नदी उफान पर

जिले की दोनों ही प्रमुख नदियां उफान पर हैं. जिला प्रशासन ने सिकासेर जलाशय से 20 हजार क्यूसेक, सोंढूर जलाशय से 2500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की पुष्टि की है. जिले के कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. लोगों के घरों में पानी जाने लगा है. कलेक्टर लगातार लोगों से उफनते नदी-नालों के दूरी बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.

महासमुंद: ओडिशा के पतोरा बांध से पानी छोड़ दिया गया है. महासमुंद से होकर जाने वाली जोंक नदी में 1400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जिला प्रशासन ने नदी के किनारे बसे 14 गांव में अलर्ट जारी कर दिया है. कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने सभी से अपने जान-माल की रक्षा करने की अपील की है. कलेक्टर ने जल संसाधन और पंचायत कर्मियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं.

पिछले कुछ दिनों से हुई लगातार बारिश की वजह से प्रदेश के भी नदी-नाले उफान पर हैं. सभी जगहों पर बारिश के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है. पतोरा बांध से पानी छोड़ने की वजह से जोंक नदी का जल स्तर बढ़ने लगा है. जिला प्रशासन ने 14 तटीय गांव डोंगरीपाली, रेवा, खेमड़ा, डोंगरगांव, खुड़मुड़ी, खट्टी, बनियाटोला, परकोम, राटापाली, नर्रा, टेमरी, करगिडीह, सिमगांव, डोंगाखमरिया में अलर्ट जारी किया हुआ है. सभी गांव में मुनादी करा दी गई है.

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कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने लोगों से अपने जान-माल, जानवरों का ख्याल रखने, बाढ़ क्षेत्र में न जाने, नदी पार न करने, तट का उपयोग न करने की अपील की है. इसके अलावा उन्होंने राजस्व, पुलिस, जलसंसाधन और पंचायत कर्मियों को भी अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं.

महानदी और जोंक नदी उफान पर

जिले की दोनों ही प्रमुख नदियां उफान पर हैं. जिला प्रशासन ने सिकासेर जलाशय से 20 हजार क्यूसेक, सोंढूर जलाशय से 2500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की पुष्टि की है. जिले के कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. लोगों के घरों में पानी जाने लगा है. कलेक्टर लगातार लोगों से उफनते नदी-नालों के दूरी बनाए रखने की अपील कर रहे हैं.

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