कोरबा : दीपका पुलिस की डीजल चोर गिरोह के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक महिला ने सवाल उठाया है. चैनपुर की रहने वाली महिला ने आरोप लगाया है कि जानकारी नहीं देने पर पुलिस ने उसके पति को डीजल चोरी के झूठे केस में फंसा दिया है. वहीं पुलिस का कहना है कि आरोपी अक्सर कार्रवाई से बचने के लिए महिलाओं को आगे कर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं. पुलिस ने कहा कि आरोपी को घटनास्थल से गिरफ्तार किया गया है.
महिला ने एसपी से शिकायत की है कि 11 जुलाई को रात दीपका थाने के राजेश, निर्मल, जगजीवन और धर्मेंद्र जगत सहित अन्य पुलिसकर्मी उनके घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस आए. घर की तलाशी लेने के बाद उन्हें कोई सामान नहीं मिला. पति शशि कुमार को जबरन धमकाते हुए पड़ोसी चंद्रिका गोड़ के घर ले गए. वहां जाकर उनसे पूछा गया कि संतोष गुप्ता नाम के शख्स का डीजल का डब्बा कहां है? इसके बाद चंद्रिका के यहां रखे खाली जरीकेन को लेकर शशि कुमार को जबरन डीजल चोरी के केस में फंसा दिया. जबकि पति का कोई भी अपराधिक रिकॉर्ड पूर्व में नहीं रहा है.
दिव्यांग है महिला का पति
महिला ने यह भी लिखा है कि 'पुलिसकर्मी ने पति को केस यानी कार्रवाई करने योग्य मामले की जानकारी देने को कहा था, लेकिन मेरे पति ने यह भी कहा कि मैं मजदूरी करता हूं. पुलिस को केस कैसे दे सकता हूं?' महिला के मुताबिक पुलिस को केस नहीं देने के कारण ही ये कार्रवाई की गई है. महिला ने आगे लिखा है कि उसका पति एक पैर से दिव्यांग है. उनकी दिव्यांगता 75% तक है.
कार्रवाई से बचने के लिए रची है पूरी कहानी
दीपका थाने के टीआई अविनाश सिंह ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए बताया कि दीपका क्षेत्र के कई लोग डीजल चोरी की वारदात में संलिप्त रहते हैं. अक्सर जब वह रंगे हाथ पकड़े जाते हैं, तब कार्रवाई से बचने के लिए महिलाओं को आगे करते हैं. आरोपी शशि कुमार को घटनास्थल से ही गिरफ्तार किया गया है ना कि उसके घर से. शिकायत में लिखी गई बातें पूरी तरह से निराधार है. पुलिस ने इस मामले में पूरी जिम्मेदारी से कार्रवाई की है.