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जल जंगल जमीन की लड़ाई: कोरबा में कोल ब्लॉक सर्वे का विरोध, जिलगा बरपाली के ग्रामीणों ने खोला मोर्चा

कोरबा में जिलगा बरपाली गांव के (protest against coal block survey in korba)ग्रामीणों ने कोल ब्लॉक के सर्वे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जल,जंगल, जमीन (Battle of Jal Jungle Land in Korba) की लड़ाई लड़ रहे ग्रामीणों ने कोरबा कलेक्टोरेट पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा है कि जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा सर्वोपरि है. इसलिए कोल ब्लॉक के लिए सर्वे के काम पर रोक लगाई जानी चाहिए.

survey of coal block in Korba
जल जंगल जमीन की लड़ाई
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Published : Dec 14, 2021, 8:08 PM IST

Updated : Dec 14, 2021, 10:06 PM IST

कोरबा: कोरबा में कोल ब्लॉक के सर्वे (Coal block survey in Korba) के खिलाफ विरोध (protest against the survey of coal block) शुरू हो गया है. कोरबा के वनांचल इलाके जिलगा बरपाली (Villagers of Jilga Barpali opposed the survey of coal block) गांव के ग्रामीण कोल ब्लॉक के सर्वे के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. इस गांव के ग्रामीण मंगलवार को कोरबा कलेक्टर कार्यलाय (Korba Collectorate Office) पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया. आदिवासी ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव भी जिले के 5वीं अनुसूचित क्षेत्र (5th Scheduled Area) में आता है. इसलिए यहां पेसा कानून लागू (pesa law implemented) होता है. उन्होंने पेसा कानून का जिक्र करते हुए कहा कि यहां जल जंगल और जमीन की सुरक्षा सर्वोपरि है. ग्रामीणों का कहना है कि हाल-फिलहाल में एक निजी कंपनी की तरफ से गांव में सर्वे का काम किया जा रहा है. इस सर्वे पर रोक लगाना चाहते हैं ताकि भविष्य में खुलने वाले किसी भी तरह की खदान पर रोक लगाई जा सके.

कोरबा में कोल ब्लॉक सर्वे का विरोध
'कोल ब्लॉक के लिए सर्वे का काम किया जाए बंद'

ग्रामीणों ने मांग कि है कि कोल ब्लॉक के लिए सर्वे के काम को बंद (Coal block survey work stopped) किया जाए. उनका कहना है कि गांव राजाडही ग्राम पंचायत बरपाली के अंतर्गत आता है. यहां पिछले कुछ दिनों से एक निजी कंपनी द्वारा सर्वे का कार्य किया जा रहा है. इस दौरान ब्लास्टिंग की जा रही है. ब्लास्टिंग से गांव वालों को परेशानी हो रही है. उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

'आदिवासी संस्कृति हो रही प्रभावित'
ग्रामीणों का कहना है कि जहां भी कोयला खदान की शुरुआत होती है. वहां आदिवासियों की संस्कृति का सर्वनाश (tribal culture getting affected) हो जाता है. इसलिए वह खदान का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि कोल कंपनी के कर्मचारी उनके साथ बदसलूकी करते हैं. इसलिए वह कलेक्टर से शिकायत कर समाधान चाहते हैं.



10 दिनों के भीतर ग्राम सभा बुलाने की मांग

कलेक्टर से लिखित शिकायत कर जिलगा बरपाली गांव के ग्रामीणों ने 10 दिनों के भीतर ग्राम सभा बुलाने की मांग (demand to call gram sabha) की है. कलेक्टर से शिकायत में उन्होंने कहा है कि उनका गांव पेसा कानून (pesa law in village) के तहत आता है. इसलिए बिना किसी ग्राम सभा के आयोजन के इस तरह का सर्वे वैधानिक नहीं है. ग्राम सभा में गांव वालो ने 80 फीसदी कोरम को पूरा करने की मांग की है.

कोरबा: कोरबा में कोल ब्लॉक के सर्वे (Coal block survey in Korba) के खिलाफ विरोध (protest against the survey of coal block) शुरू हो गया है. कोरबा के वनांचल इलाके जिलगा बरपाली (Villagers of Jilga Barpali opposed the survey of coal block) गांव के ग्रामीण कोल ब्लॉक के सर्वे के खिलाफ लामबंद हो गए हैं. इस गांव के ग्रामीण मंगलवार को कोरबा कलेक्टर कार्यलाय (Korba Collectorate Office) पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया. आदिवासी ग्रामीणों का कहना है कि उनका गांव भी जिले के 5वीं अनुसूचित क्षेत्र (5th Scheduled Area) में आता है. इसलिए यहां पेसा कानून लागू (pesa law implemented) होता है. उन्होंने पेसा कानून का जिक्र करते हुए कहा कि यहां जल जंगल और जमीन की सुरक्षा सर्वोपरि है. ग्रामीणों का कहना है कि हाल-फिलहाल में एक निजी कंपनी की तरफ से गांव में सर्वे का काम किया जा रहा है. इस सर्वे पर रोक लगाना चाहते हैं ताकि भविष्य में खुलने वाले किसी भी तरह की खदान पर रोक लगाई जा सके.

कोरबा में कोल ब्लॉक सर्वे का विरोध
'कोल ब्लॉक के लिए सर्वे का काम किया जाए बंद'

ग्रामीणों ने मांग कि है कि कोल ब्लॉक के लिए सर्वे के काम को बंद (Coal block survey work stopped) किया जाए. उनका कहना है कि गांव राजाडही ग्राम पंचायत बरपाली के अंतर्गत आता है. यहां पिछले कुछ दिनों से एक निजी कंपनी द्वारा सर्वे का कार्य किया जा रहा है. इस दौरान ब्लास्टिंग की जा रही है. ब्लास्टिंग से गांव वालों को परेशानी हो रही है. उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

'आदिवासी संस्कृति हो रही प्रभावित'
ग्रामीणों का कहना है कि जहां भी कोयला खदान की शुरुआत होती है. वहां आदिवासियों की संस्कृति का सर्वनाश (tribal culture getting affected) हो जाता है. इसलिए वह खदान का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि कोल कंपनी के कर्मचारी उनके साथ बदसलूकी करते हैं. इसलिए वह कलेक्टर से शिकायत कर समाधान चाहते हैं.



10 दिनों के भीतर ग्राम सभा बुलाने की मांग

कलेक्टर से लिखित शिकायत कर जिलगा बरपाली गांव के ग्रामीणों ने 10 दिनों के भीतर ग्राम सभा बुलाने की मांग (demand to call gram sabha) की है. कलेक्टर से शिकायत में उन्होंने कहा है कि उनका गांव पेसा कानून (pesa law in village) के तहत आता है. इसलिए बिना किसी ग्राम सभा के आयोजन के इस तरह का सर्वे वैधानिक नहीं है. ग्राम सभा में गांव वालो ने 80 फीसदी कोरम को पूरा करने की मांग की है.

Last Updated : Dec 14, 2021, 10:06 PM IST
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