कोरबाः भारतीय आईटीआई अप्रेंटिस संघ (Association of ITI Apprentices of India) 16 नवंबर से कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limit) व उससे जुड़ी कंपनियों से ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके युवाओं (youth trained) को नौकरी प्रदान करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करेगा. संघ का कहना है कि अप्रेंटिस एक्ट 1961 (apprentice act 1961) के तहत आईटीआई की पढाई कर चुके युवाओं को अप्रेंटिस की ट्रेनिंग तो दी जाती है लेकिन उन्हें नौकरी नहीं दिया जाता. यह युवाओं के साथ छल करने जैसा है.
अप्रेंटिस संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील निर्मलकर ने इस विषय पर प्रेस क्लब तिलक भवन में पत्रकारों से बात की. निर्मलकर ने बताया कि एसईसीएल मुख्यालय के समक्ष 16 से 22 नवंबर तक 7 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया जाएगा. यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन अनिश्चितकालीन तक चलता रहेगा.
निर्मलकर ने कहा कि पूर्व में अप्रेंटिस की ट्रेनिंग करने वाले युवाओं को कोल इंडिया लिमिटेड में नौकरी प्रदान की जाती रही है. जबकि 1996 से यह भर्तियां पूरी तरह से बंद हैं. देश भर में 7 लाख ऐसे युवा हैं, जो अप्रेंटिस की ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके हैं लेकिन उन्हें नौकरी नहीं दी जा रही है. उनका भविष्य अंधकार में है.
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कोयला मंत्री तक को सौंपा गया ज्ञापन
अप्रेंटिस संघ अपनी मांगों को मनवाने के लिए स्थानीय स्तर पर कलेक्टर से लेकर मंत्री, सांसद और कोयला मंत्री तक को ज्ञापन सौंपा है.
कई आंदोलन भी हो चुके हैं लेकिन उनकी मांगों को अब तक पूरा नहीं किया जा सका है. कोयला अधिकारियों की मानें तो अप्रेंटिस एक्ट के तहत अभ्यर्थियों को अप्रेंटिस की ट्रेनिंग तो दी जाती है. अब ट्रेनिंग करने वालों को नौकरी दी जाए. एक्ट में कहीं भी इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है.