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SPECIAL: लॉकडाउन ने तोड़ी कमर, आर्थिक संकट का सामना कर रहे वकील - Korba Advocates Association

कोरोना काल ने वकीलों की मुश्किलें बढ़ा दी है. कोर्ट में सुनवाई नहीं होने की वजह से वकीलों के पास केस नहीं है. इस वजह से वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.

District and Sessions Court Korba
जिला एवं सत्र न्यायालय कोरबा
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Published : Jun 20, 2020, 11:16 AM IST

Updated : Jun 20, 2020, 1:09 PM IST

कोरबा: कोरोना काल में सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी सभी के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कोरोना वायरस ने कई कारोबारों को ठप कर दिया है और लाखों लोगों की नौकरियां भी ले ली हैं. इस विश्वव्यापी महामारी से वकील भी अछूते नहीं हैं. लोगों को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. खाली कोर्ट रूम और अधिवक्ता कक्ष इस समय वकीलों की हालत बयां करने के लिए काफी हैं. पक्षकारों की कमी और सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से न तो केस की सुनवाई हो रही है और न ही अधिवक्ताओं के आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं.

वकील कर रहे आर्थिक संकट का सामना

कोरोना का खौफ: ऊपरवाले के दर पर भी महामारी का डर, सूने पड़े मंदिर-मस्जिद

अधिवक्ता संघ से उपाध्यक्ष संतु प्रसाद साहू ने बताया कि कोरबा जिले में छोटे-बड़े मिलाकर सत्र न्यायालय में कुल 800 वकील प्रैक्टिस करते हैं. इनमें से ज्यादातर की हालत कोरोना काल ने ढीली कर दी है. अधिवक्ताओं का सीधे तौर पर आरोप है कि सरकार हर तबके की चिंता कर रही है, लेकिन उनका ख्याल किसी को भी नहीं है.

District and Sessions Court Korba
जिला एवं सत्र न्यायालय कोरबा

वकील और पक्षकार हो रहे परेशान

आमतौर पर अधिवक्ताओं के जिस कक्ष में गहमागहमी का महौल होता था, अब वहां सन्नाटा पसरा हुआ है. जरूरत पड़ने पर ही वकील अपने कक्ष तक आते हैं और काम निपटाकर लौट जाते हैं. वकील श्वेता यादव ने बताया कि कोरोना काल से पहले हर वकील के पास 10 से 15 केस हर रोज हुआ करते थे. कोरोना काल से पहले सत्र न्यायालय के 10 बेंच में रोज 50 से 55 केस की सुनवाई होती थी, लेकिन अब सिर्फ जरूरी केस की ही सुनवाई ही हो रही है. सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस की वजह से सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी जाती है. न्यायालय में सुनवाई नहीं होने की वजह से इस पेशे जुड़े लोगों के सामने आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है.

Empty advocate room
खाली अधिवक्ता रूम

अधिवक्ताओं के कक्ष खाली

आम दिनों में जिस कक्ष में भीड़ लगी होती थी, दिनभर पक्षकारों का आना-जाना लगा रहता था वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है. कोर्ट में सुनवाई नहीं होने की वजह से पक्षकार नहीं आ रहे हैं और इस वजह से कुछ वकीलों को छोड़कर बाकी वकीलों ने भी कोर्ट आना बंद कर दिया है. इस समय कई तरह के आवेदन लग भी नहीं पा रहे हैं, इससे वकीलों के साथ पक्षकार और आरोपियों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं.

कोरबा: कोरोना काल में सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी सभी के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कोरोना वायरस ने कई कारोबारों को ठप कर दिया है और लाखों लोगों की नौकरियां भी ले ली हैं. इस विश्वव्यापी महामारी से वकील भी अछूते नहीं हैं. लोगों को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता भी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. खाली कोर्ट रूम और अधिवक्ता कक्ष इस समय वकीलों की हालत बयां करने के लिए काफी हैं. पक्षकारों की कमी और सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से न तो केस की सुनवाई हो रही है और न ही अधिवक्ताओं के आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं.

वकील कर रहे आर्थिक संकट का सामना

कोरोना का खौफ: ऊपरवाले के दर पर भी महामारी का डर, सूने पड़े मंदिर-मस्जिद

अधिवक्ता संघ से उपाध्यक्ष संतु प्रसाद साहू ने बताया कि कोरबा जिले में छोटे-बड़े मिलाकर सत्र न्यायालय में कुल 800 वकील प्रैक्टिस करते हैं. इनमें से ज्यादातर की हालत कोरोना काल ने ढीली कर दी है. अधिवक्ताओं का सीधे तौर पर आरोप है कि सरकार हर तबके की चिंता कर रही है, लेकिन उनका ख्याल किसी को भी नहीं है.

District and Sessions Court Korba
जिला एवं सत्र न्यायालय कोरबा

वकील और पक्षकार हो रहे परेशान

आमतौर पर अधिवक्ताओं के जिस कक्ष में गहमागहमी का महौल होता था, अब वहां सन्नाटा पसरा हुआ है. जरूरत पड़ने पर ही वकील अपने कक्ष तक आते हैं और काम निपटाकर लौट जाते हैं. वकील श्वेता यादव ने बताया कि कोरोना काल से पहले हर वकील के पास 10 से 15 केस हर रोज हुआ करते थे. कोरोना काल से पहले सत्र न्यायालय के 10 बेंच में रोज 50 से 55 केस की सुनवाई होती थी, लेकिन अब सिर्फ जरूरी केस की ही सुनवाई ही हो रही है. सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस की वजह से सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी जाती है. न्यायालय में सुनवाई नहीं होने की वजह से इस पेशे जुड़े लोगों के सामने आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है.

Empty advocate room
खाली अधिवक्ता रूम

अधिवक्ताओं के कक्ष खाली

आम दिनों में जिस कक्ष में भीड़ लगी होती थी, दिनभर पक्षकारों का आना-जाना लगा रहता था वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है. कोर्ट में सुनवाई नहीं होने की वजह से पक्षकार नहीं आ रहे हैं और इस वजह से कुछ वकीलों को छोड़कर बाकी वकीलों ने भी कोर्ट आना बंद कर दिया है. इस समय कई तरह के आवेदन लग भी नहीं पा रहे हैं, इससे वकीलों के साथ पक्षकार और आरोपियों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं.

Last Updated : Jun 20, 2020, 1:09 PM IST
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