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पढ़ने आए छात्र को गुरुजी ने भेजा गाड़ी बनवाने, सड़क दुर्घटना में हुए घायल

बिंझरा के हाई स्कूल के शिक्षक रामचन्द्र वैष्णव ने अपनी स्कूटी का पंचर को ठीक कराने के लिए आठवीं कक्षा के छात्र को गैरज भेज दिया. पंचर बनवाने के बाद वापसी में तेज रफ्तार के कारण तीन छात्र दुर्घटनाग्रस्त हो गए

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Published : Apr 12, 2019, 7:00 AM IST

पढ़ने आए छात्र को गुरुजी ने भेजा गाड़ी बनवाने

कोरबा : गुरु का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान रहता है, लेकिन वहीं गुरु जब अपने निजी स्वार्थ के लिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने लग जाए, तो फिर वे गुरु कहलाने का दर्जा खो देते हैं. ऐसा ही एक मामला बिंझरा में सामने आया है, जब शिक्षक ने खुद की गाड़ी को सही कराने के लिए स्कूली छात्रों को ही गैरज भेज दिया.

पढ़ने आए छात्र को गुरुजी ने भेजा गाड़ी बनवाने


दरअसल, जिले के पोंडी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम बिंझरा के हाई स्कूल के शिक्षक रामचन्द्र वैष्णव ने अपनी स्कूटी का पंचर को ठीक कराने के लिए आठवीं कक्षा के छात्र को गैरज भेज दिया. पंचर बनवाने के बाद वापसी में तेज रफ्तार के कारण तीन छात्र दुर्घटनाग्रस्त हो गए. छात्रों को सड़क दुर्घटना में गंभीर चोटें आई हैं. आस-पास के लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में छात्रों को भर्ती कराया.


मीडिया ने जब बच्चे से पूछा तो उसने बताया कि सर गाड़ी का पंचर बनवाने के लिए भेजे थे. साथ में दो अन्य साथियों को भी चोटे आई हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. बातचीत में वैष्णव गुरुजी ने अपना बीच बचाव करते हुए यह कहा कि उन्होंने छात्र को हवा भरने के लिए पंप लाने के लिए भेजा था, लेकिन वे गाड़ी लेकर कैसे गए, उन्हें नहीं पता है.

कोरबा : गुरु का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान रहता है, लेकिन वहीं गुरु जब अपने निजी स्वार्थ के लिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने लग जाए, तो फिर वे गुरु कहलाने का दर्जा खो देते हैं. ऐसा ही एक मामला बिंझरा में सामने आया है, जब शिक्षक ने खुद की गाड़ी को सही कराने के लिए स्कूली छात्रों को ही गैरज भेज दिया.

पढ़ने आए छात्र को गुरुजी ने भेजा गाड़ी बनवाने


दरअसल, जिले के पोंडी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम बिंझरा के हाई स्कूल के शिक्षक रामचन्द्र वैष्णव ने अपनी स्कूटी का पंचर को ठीक कराने के लिए आठवीं कक्षा के छात्र को गैरज भेज दिया. पंचर बनवाने के बाद वापसी में तेज रफ्तार के कारण तीन छात्र दुर्घटनाग्रस्त हो गए. छात्रों को सड़क दुर्घटना में गंभीर चोटें आई हैं. आस-पास के लोगों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में छात्रों को भर्ती कराया.


मीडिया ने जब बच्चे से पूछा तो उसने बताया कि सर गाड़ी का पंचर बनवाने के लिए भेजे थे. साथ में दो अन्य साथियों को भी चोटे आई हैं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. बातचीत में वैष्णव गुरुजी ने अपना बीच बचाव करते हुए यह कहा कि उन्होंने छात्र को हवा भरने के लिए पंप लाने के लिए भेजा था, लेकिन वे गाड़ी लेकर कैसे गए, उन्हें नहीं पता है.

Intro:स्कूल के शिक्षक ने अपनी गाड़ी का पंचर बनवाने के लिए स्कूल के एक छात्र को भेजा लेकिन रास्ते मे वो तथा उनके साथी दुर्घटना में बुरी तरह घयल हो गए , यह मामला आया है कोरबा के बिंझरा प्राथमिक स्कूल काBody:गुरुर ब्रह्मा, गुरुर विष्णु, गुरुर देवो महेश्वरा।
गुरुर साक्षात परब्रह्मा, तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
गुरु का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान रहता है लेकिन,कोरबा जिले के पोंडी उपरोड़ा विकासखंड के ग्राम बिंझरा के हाई स्कूल के शिक्षक ठीक इस श्लोक के विपरीत कृत्य करते हुए शिक्षक राम चन्द्र वैष्णव स्कूटी पंचर हो जाने पर बच्चों से, बनवाने के लिए आठवीं कक्षा के भास्कर नामक छात्र को भेजा गया। छात्र अपने दो मित्रों जोकि कक्षा 7 वी के हैं स्कूटी को लेकर पंचर बनवाने के लिए पास के ही पंचर दुकान से पंचर बनवाने के बाद रहे बच्चों ने गाड़ी स्टार्ट कर जाने लगे , तेज रफ्तार व नौसिखए होने से वे बुरी तरह दुर्घटना ग्रस्त हो गए जिससे भास्कर को गंभीर चोट आई। वहां के लोगों ने तत्काल बच्चों को लेकर कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पंहुचे। मीडिया ने जब बच्चे से पूछा तो उसने बताया कि सर गाड़ी का पंचर बनवाने के लिए भेजे थे। साथ में उसके दो मित्रों को भी चोटे आई है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

मीडिया जब मामले की जानकारी लेने के लिए बिंझरा स्कूल पंहुचे तो वैष्णव गुरुजी ने अपना बीच बचाव करते हुए यह कहा कि उन्होंने छात्र को हवा भरने के लिए पम्प लेने के लिए भेजा था पर पता नहीं गाड़ी लेकर कैसे गए। इससे साफ जाहिर होता है कि स्कूल में शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के अलावा उनसे बाहरी काम भी लिया जाता है समय-समय पर सरकारी स्कूलों में मास्टर के द्वारा बच्चों से काम लेने की खबरें सामने आती रहती है जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनसे मजदूरी भी लेते हैं जिससे हमारे देश के नौनिहाल बच्चे मजबूरी वस शिक्षकों का कहना मान कर उनका काम करते है अब देखने वाली बात होगी की जहां बच्चों की वार्षिक परीक्षा चल रही है और एक शिक्षक की लापरवाही की वजह से हमारे देश का भविष्य अस्पताल के बेड पर लेटा हुआ है खबर आम होने के बाद जिला शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों पर क्या कार्यवाही करती है यह देखने वाली बात होगीConclusion:
बाईट:-
स्कूली छात्र
डाक्टर
राम चंद्र वैष्णव ( शिक्षक )
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