कोरबा: धान संग्रहण केंद्रों में धान को कीट-पतंग और सड़ने से बचाने के लिए चबूतरों का निर्माण किया जा रहा है. प्रशासन ने जुलाई की शुरुआत में चबूतरे के निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए थे. प्रशासन के निर्देश के बाद ग्राम पंचायत इस काम को जल्द पूरा करने के लिए घटिया चबूतरों का निर्माण करा रही है.
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ग्राम पंचायत चैतमा में एक पहर में ही सरिया बिछाकर चबूतरे की ढलाई कर काम को पूरा कर लिया गया. इतने कम समय में चबूतरे के निर्माण को लेकर जब स्थानीय रोजगार सहायक से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इसकी गुणवत्ता मेंटेन की जा रही है. एस्टीमेट के अनुसार निर्माण कार्य कराया गया है. काम 20 जुलाई के पहले ही पूरा करना है. कुल 10 चबूतरों का निर्माण कराया जाना है, लेकिन अब तक सिर्फ 2 बन पाया है. प्रशासनिक दबाव की वजह से काम जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है. बता दें कि पहले इस चबूतरे को पूरा करने की अंतिम तारीख 10 से 15 जुलाई थी, लेकिन बाद में इसे 20 तक बढ़ाया गया है.
जिले में 149 चबूतरों का निर्माण
जिले के 5 विकासखंड में कुल 36 ग्राम पंचायतों में 149 कबूतरों का निर्माण किया जाना है. धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरा बनाने के लिए शासन ने 2 करोड़ 96 लाख रुपए की राशि की मंजूरी दी है. एक चबूतरे की लागत 2 लाख 14 हजार है. मनरेगा के साथ ही खनिज न्यास से राशि स्वीकृत की गई है, जिसकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया है. जनपद पंचायत कोरबा के पंचायतों में 33, कटघोरा जनपद के 2 ग्राम पंचायतों में 7, जनपद करतला के 15 ग्राम पंचायतों में 66, पाली जनपद के 6 ग्राम पंचायतों में 26 और पोड़ी उपरोड़ा के 8 ग्राम पंचायत में 17 चबूतरों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है.