कोरबा : छत्तीसगढ़ में चलाई जा रही डायल 112(dial 112) वाहन लोगों के लिए संजीवनी की तरह है. अब तक डायल 112 में 100 से ज्यादा प्रसव हो चुके हैं. खराब मौसम और पथरीले रास्तों की परवाह किए बगैर 112 के कर्मचारी लोगों को स्वास्थ्य सुविधा (health facility in village) उपलब्ध कराने पहुंचते हैं. बुधवार देर रात भी डायल 112 को पुटीपखना सुखाबहरा से एक महिला अनीता को प्रसव पीड़ा होने की जानकारी मिली. महिला के पति ने उसे जल्द ही अस्पताल लेकर जाने की सूचना दी थी.
वनक्षेत्र होने की वजह से गांव तक पहुंचने का रास्ता खराब था. गांव के 2 किलोमीटर पहले ही गाड़ी रास्ते में फंस गई. टीम ने मौके की गंभीरता को समझते हुए पैदल जाने का फैसला किया. गांव पहुंचने पर देखा की महिला दर्द से कराह रही थी. आरक्षक लालचंद पटेल और चालक विनय पाल की टीम ने खाट की मदद से महिला को वाहन तक लाने की योजना बनाई. महिला के पति रामायण सिंह उईके की मदद से महिला को खाट के जरिए 112 तक पहुंचाया गया.
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112 की टीम तत्काल वहां से पसान के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए रवाना हुई. महिला को वहां भर्ती कराया गया. फिलहाल महिला सुरक्षित बतायी जा रही है. अनिता के परिजनों ने आरक्षक लालचंद और चालक विनय पाल का आभार व्यक्त किया है.
10 मिनट रिस्पांस टाइम
शहरी इलाकों में रिस्पांस टाइम 10 मिनट है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में रिस्पांस टाइम आधे घंटे का है. इस अवधि में ही सेवा लोगों तक पहुंचने की कोशिश होती है. मौके की नजाकत को देखते हुए त्वरित निराकरण के साथ ही प्रकरण को थानों तक भी पहुंचाया जाता है.
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फेक कॉल बड़ी समस्या
डायल 112 के माध्यम से एक तरफ जहां लोगों को मदद मिल रही है. वहीं दूसरी ओर फेक कॉल की भी भरमार है. कई बार लोग डायल 112 की टीम को गलत जानकारी देकर गुमराह करते हुए पाए गए हैं. जिससे अनावश्यक तौर पर विभाग का समय नष्ट होता है.