कोरबा: जिले में एक जज की दरियादिली का अनोखा मामला सामने आया है. जहां जिला सत्र न्यायाधीश खुद चलकर एक दिव्यांग फरियादी के पास पहुंचे. इतना ही नहीं बीच सड़क पर ही उन्होंने फैसला भी सुना दिया. फैसले में उन्होंने कंपनी को 20 लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का आदेश दिया. शनिवार को कोरबा में लगाए गए लोक अदालत (lok adalat in korba) में युवक के मामले की सुनवाई हुई.
एक सड़क दुर्घटना में तीन साल पहले दिव्यांग हुए युवक ने बीमा कंपनी के खिलाफ अर्जी लगाई थी. लेकिन अर्जी के खिलाफ कोई भी सुनवाई नहीं हो रही थी. शनिवार को कोरबा के जिला सत्र न्यायाधीश बीपी वर्मा (District Sessions Judge BP Verma) को दिव्यांग युवक के संबंध में जानकारी मिली कि वह चलने से लाचार है तो वे खुद उसकी कार के पास पहुंच गए. इसके अलावा युवक के केस से संबंधित दस्तावेज व मामले से जुड़े पक्ष को कार के पास ही बुलाया गया. सुनवाई के बाद फरियादी दिव्यांग युवक और बीमा कंपनी के बीच सुलह कराया गया. राजीनामा के बाद युवक को बीस लाख रुपये की मुआवजा राशि देने का फैसला कोर्ट ने सुनाया.
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तीन साल से लंबित था मामला
तीन साल से इस मामले की सुनवाई हो रही थी. शनिवार को जज की तरफ से फैसला सुनाए जाने के बाद दिव्यांग फरियादी द्वारिका प्रसाद ने खुशी जाहिर की और न्यायालय की इस पहल पर आभार जताया. फरियादी के मुताबिक 3 दिसंबर 2018 को सुबह लगभग पांच बजे द्वारिका प्रसाद कंवर चार कार से कोरबा जा रहे थे उसी दौरान हादसे में वे दिव्यांग हो गए.