कोरबाः चिट्ठी का सफर भारत में दशकों पुराना है. भारतीय डाक विभाग (Indian Postal Department) विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क (world's largest network) है. दशकों बाद आज चिट्ठी की यात्रा अपने-अपने रूपांतरण की तरफ बढ़ रही है. डाकिया अब सिर्फ डाक ही नहीं पहुंचाता, बल्कि घर पहुंच कर बैंक खाता खोलने की भी सुविधा लोगों को दे रहा है. कोरबा में पोस्ट ऑफिस अब पोस्ट मैन (post man) के माध्यम से पूरी तरह से बैंकिंग सेक्टर (banking sector) की तरह काम कर रहे हैं.
लिफाफा और अंतरदेसीय के माध्यम से चिट्ठी भेजने जैसे संचार के माध्यम अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है. चिट्ठी के जरिये से संचार अब लगभग समाप्त हो चुका है. इनके आउटडेटेड होते ही लोगों को यह लगा कि पोस्ट ऑफिस का अस्तित्व खतरे में है, लेकिन आधुनिकता के दौर में पोस्ट ऑफिस का दायरा और भी बढ़ गया है. पोस्ट ऑफिस पूरी तरह से बैंकिंग सेक्टर की तरह काम कर रहे हैं. पोस्ट ऑफिस अब किसी सीएससी (csc) से कम नहीं है. जहां मोबाइल बिल, बिजली बिल (mobile bill, electricity bill) चुकता किया जा सकता है.
घर-घर पहुंच कर बैंक अकाउंट खोलने की दे रहे हैं सुविधा
इंडियन पोस्ट पेमेंट बैंक सुविधा के माध्यम से पोस्ट मैन अब घर-घर पहुंच कर बैंक अकाउंट ओपनिंग की सुविधा भी लोगों को दे रहे हैं. आपके पास खाता किसी भी बैंक का हो, आप चाहें तो पोस्ट ऑफिस पहुंच कर आधार लिंक कर पैसे भी आहरित कर सकते हैं. आज के दौर में पोस्टमैन का दायरा और भी बढ़ गया है. चिट्ठी की वर्षों पुरानी यात्रा अब अपने रूपांतरण की तरफ बढ़ रही है. यह कहना गलत नहीं होगा कि समय के साथ पोस्ट ऑफिस (post office), पोस्टमैन दोनों ही अपडेट हो चुके हैं. और पूरी तरह से आधुनिकता के नए संसाधनों से लैस होकर लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए तैयार हैं.
कोरियर कंपनी की जहां पहुंच नहीं, वहां पहुंचते हैं, पोस्टमैन कोरबा जिले के जमनीपाली उप डाक घर में पदस्थ सम्मेलाल कहते हैं कि वह 1988 से पोस्टमैन का काम कर रहे हैं. जब डाक विभाग को ज्वाइन किया था तब चिट्ठी पहुंचाने तक ही काम सीमित था. कंप्यूटर और मोबाइल का इसमें कोई भी उपयोग नहीं था लेकिन अब स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री जैसी सुविधाएं शुरू हो गई हैं. चिट्ठी व स्पीड पोस्ट प्राप्त करने वाले लोग अब ऑनलाइन स्टेटस चेक करते हैं और फोन करके पूछते हैं कि कब आ रहे हो?
पहले से भी तेज हो गया है काम
आधुनिकता के जमाने में काम और भी तेज हो गया है. हम और तेज गति से काम कर रहे हैं. हम घर से सुबह 9:00 बजे निकल जाते हैं. जिसके बाद चिट्ठी पत्री और डाक के साथ ही ऑफिस का काम पूरा कर पोस्ट ऑफिस से काम निपटा कर झोला लेकर साइकिल से फील्ड पर निकल जाते हैं. मैं तो आज भी मैं हर रोज 20 से 25 किलोमीटर का फेरा साइकिल से लगाता हूं.
काम पूरा कर शाम को लगभग 5:00 से 5:30 के बीच वापस ऑफिस पहुंचता हूं और फिर लौट जाता हूं. काम के दौरान घर पहुंच कर बैंक खाता खोलने के साथ ही कई तरह के आधुनिक काम भी हम कर रहे हैं. सुकन्या योजना के तहत भी लोगों से पैसा लेकर उनके आरडी, एफडी खाते में जमा करते हैं. फिटनेस आज भी बरकरार है. उम्र जरूर ज्यादा हुई है लेकिन साइकिल चलाने में कोई दिक्कत नहीं है. बड़ी-बड़ी कोरियर कंपनी की पहुंचे जहां तक नहीं है, वहां भी पोस्ट ऑफिस की पहुंच है. हम सभी जगह जाकर कोरियर कंपनी के स्पीड पोस्ट भी घर तक पहुंचा कर आते हैं.