कोरबा: नवजात से 6 साल तक के बच्चों के लिए संचालित मातृछाया चिल्ड्रन होम में शुक्रवार को एक 3 माह के बच्ची की मौत (Girl dies in Korba Matruchhaya Children Home )हो गई. हालांकि विभाग ने प्रथम दृष्टया किसी भी स्तर पर लापरवाही को खारिज किया है. जिस बच्ची की मौत हुई है, वह 3 माह पहले दीपका क्षेत्र के एक खेत में पड़ी हुई मिली थी. जिसे सीडब्ल्यूसी के आदेश के बाद मातृछाया में रखकर पालन पोषण किया जा रहा था. बच्ची को सांस लेने में तकलीफ होने की बात NGO की तरफ से बताई जा रही है. मातृछाया चिल्ड्रन होम का संचालन NGO की तरफ से किया जाता है. जो निहारिका क्षेत्र में किराए के मकान में संचालित है.
अंबिकापुर में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास
सांस लेने में तकलीफ के बाद बच्ची की मौत
मृत बच्ची दीपका क्षेत्र में नवंबर के महीने में खेत में पड़ी हुई मिली थी. बच्ची काफी गंभीर हालत में मिली थी. 15 दिनों तक बच्ची का अस्पता में इलाज किया गया. हालत में सुधार होने पर बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद मातृछाया में रखकर पालन पोषण किया जा रहा था. इसी दौरान शुक्रवार को बच्ची को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी. जिसके बाद मातृछाया में पदस्थ कर्मचारियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.
'जांच के बाद होगा खुलासा'
जिला बाल संरक्षण अधिकारी दया दास महंत ने बताया कि 'मातृछाया में फिलहाल 15 बच्चे मौजूद हैं. जिस बच्ची की मौत हुई है. वह 3 माह की थी. पैदा होने के बाद से ही उसकी हालत नाजुक थी. सांस लेने में भी तकलीफ थी. बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. रिपोर्ट के आधार पर जो भी वैधानिक कार्यवाही होगी की जाएगी, प्रथम दृष्टया किसी तरह की लापरवाही नहीं दिख रही है. जांच के बाद ही अन्य बिंदु स्पष्ट होंगे'.