कोरबा: जिले में बुधवार 30 मार्च को एक साथ 201 केंद्रों में निःशुल्क बीपी, शुगर जांच कैम्प का आयोजन किया (Free BP sugar mega checkup camp on thirty March in Korba) जायेगा. कैम्प में 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के बीपी और शुगर की जांच की जायेगी. जांच कैम्प का आयोजन पूरे कोरबा जिले में किया होगा. जिले भर में 201 जांच केन्द्र (201 testing centers across the district) बनाये गये हैं. शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य केन्द्रों, सामाजिक भवन, गार्डन, शासकीय कार्यालयों एवं लोगों की सुलभ पहुंच के लिए अन्य जगहों पर कैम्प का आयोजन किया जायेगा. इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य केन्द्र आदि में कैम्प लगाये जायेंगे.
कलेक्टर रानू साहू ने निःशुल्क बीपी, शुगर जांच कैम्प की सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. जांच केन्द्र में बीपी, शुगर की जांच करने के लिए मेडिकल टीम उपलब्ध रहेगी. कैम्प में जांच कराने वाले लोगों का रिकॉर्ड मेन्टेन भी किया जायेगा.
कोरबा में जांच के बाद मिलेगी डॉक्टरी सुविधा : जांच के बाद बीपी, शुगर के मरीजों की पहचान होने पर अस्वस्थ मरीजों को नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में ईलाज के लिए रिफर किया जायेगा. स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों को निःशुल्क इलाज की भी सुविधा (Free treatment facility to patients) मिलेगी. कैम्प में आये लोगों को 15 दिनों के अन्तराल में बीपी, शुगर की जांच कराने के लिए भी जागरूक किया जायेगा. सीएमएचओ डॉ बीबी बोडे ने बताया कि निःशुल्क बीपी, शुगर जांच कैंप के लिए पर्याप्त संख्या में बीपी मशीन और शुगर जांच के लिए ग्लूकोमीटर उपलब्ध हैं. 30 मार्च को होने वाले कैम्प के लिए विकासखंड कोरबा में 49, कटघोरा में 27, करतला में 24, पाली में 33 और विकासखंड पोंड़ीउपरोड़ा में 28 केन्द्र बनाये गये हैं. शहरी क्षेत्र में भी 40 केन्द्रों में बीपी, शुगर की जांच की जायेगी.
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30 वर्ष से अधिक सभी लोगों से जांच कराने की अपील : कलेक्टर रानू साहू ने तीस मार्च को निःशुल्क बीपी-शुगर कैम्प में जिले के 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों से बीपी, शुगर की जांच कराने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि जागरूकता के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोगों को बीपी और शुगर के सामान्य लेवल की जानकारी नहीं रहती है. जिससे बीपी, शुगर की बीमारी बढ़ने का खतरा रहता है. शिविर के माध्यम से लोगों के बीपी, शुगर की जांच कर मरीजों के पहचान होने पर जल्दी इलाज शुरू किया जा सकता है.