कोरबा: जिले में ETV भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. कोरबा वन विभाग ने जंगल में अवैध कटाई के मामले में कोरकोमा गांव के कई ग्रामीणों के घर दबिश दी. मौके से 56 साल और 59 सागौन पेड़ की बल्ली बरामद की है. आरोपियों के खिलाफ अवैध कटाई का मामला दर्ज किया है.
कोरबा में ईटीवी भारत की खबर का असर (etv bharat impact in Korba )
जिले के कोरकोमा गांव के जंगलों में साल और सागौन की महंगी इमारती लकड़ियों की अवैध कटाई की खबर 28 जनवरी को ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. जिसके बाद DFO प्रियंका पांडे ने जांच के आदेश दिए. वन अमला मौके पर पहुंचा और जांच पड़ताल की. जिसमें जंगल में अवैध कटाई के संबंध में पुष्टि हुई. हालांकि वन अमले को जंगल में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियां नहीं मिली. जिसके बाद जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि कुछ ग्रामीणों ने लकड़ियां काटकर घर में रख लिया है. रेंजर सियाराम कर्माकर को जानकारी मिली कि गांव के जल सिंह ने लकड़ी की कटाई और घर में लकड़ियां रखी हुई है.
ग्रामीण के घर से लकड़ियां जब्त
सर्च वारंट जारी कर जब मौके पर दबिश दी. तो जलसिंह के घर से 56 साल और 59 सागौन पेड़ की बल्लियां बरामद हुई. लकड़ियों को जब्त करने के बाद मामले में आरोपी के खिलाफ अवैध कटाई का मामला दर्ज कर लिया गया है. वन विभाग ने वन संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है.
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कार्रवाई की गयी है, आगे भी जारी रहेगी
कोरकोमा रेंज के रेंजर सियाराम कर्माकर ने बताया कि 'टीम के साथ दबिश देकर ग्रामीण के घर से इमारती लकड़ियों की बल्ली जब्त की गई है. विधिवत कार्रवाई कर आरोपी की गिरफ्तारी भी की जाएगी. अवैध कटाई के मामले में कार्रवाई की गई है. आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रखेंगे.
वन अमले की भूमिका भी संदिग्ध
इस तरह के मामलों में खासतौर पर मैदानी स्तर पर काम करने वाले वनकर्मियों की भूमिका संदिग्ध रहती है. जंगल का चप्पा-चप्पा कंपार्टमेंट में बंटा होता है और हर कंपार्टमेंट की जिम्मेदारी फॉरेस्ट गार्ड से लेकर रेंजर तक को दी जाती है. नियमित तौर पर निरीक्षण भी किया जाता है. बावजूद इसके पेड़ों की कटाई होना वन विभाग की संदिग्ध भूमिका को दर्शाता है.