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कोरबा में आस्था के केंद्र सर्वमंगला मंदिर में भक्तों का तांता, दो साल बाद मंदिरों में लौटी रौनक - Devotees gathered in Sarvamangala temple after two years

कोरबा जिले में नवरात्रि का पर्व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. माता के मंदिरों मे इस बार अच्छी तैयारी की गई है. पाबंदियां हटने के बाद अब भक्त सपरिवार माता के दर्शन करने मंदिर आ (Crowd of devotees in Korba Sarvamangala temple) रहे हैं.

सर्वमंगला मंदिर में भक्तों का तांता
सर्वमंगला मंदिर में भक्तों का तांता
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Published : Apr 2, 2022, 2:58 PM IST

कोरबा : कोरोना काल के दो वर्ष बाद इस बार चैत्र नवरात्रि पर्व को बिना किसी पाबंदी के मनाए जाने की छूट मिली है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन जिले में आस्था के केंद्र सर्वमंगला मंदिर में भक्तों का तांता (Crowd of devotees in Korba Sarvamangala temple) लगा. भक्त अपनी मनोकामना लिए घंटों कतार में लगकर माता के दर्शन कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन ने नवरात्र के पहले ही नौ दिनों के लिए भव्य तैयारी की है. सुबह होते ही जैसे ही मंदिर के द्वार खुले भक्त दर्शन के लिए उमड़ पड़े.मंदिर प्रबंधन ने भीड़ को देखते हुए अच्छी व्यवस्था की है.

दूर दराज से पहुंचे भक्त : सर्वमंगला मंदिर को जिले में आस्था के केंद्र के तौर पर पहचाना जाता है. यहां ना सिर्फ जिले बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ से लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. मां सर्वमंगला के प्रति भक्तों की आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ही दूर दराज के गांवों से लोग सर्वमंगला मंदिर पहुंचे (Crowd of devotees in Korba Sarvamangala temple)हैं. जो सुबह होते ही मंदिर में दर्शन के लिए कतारबद्ध होकर खड़े हो गए. सर्वमंगला मंदिर के अलावा पहाड़ के ऊपर विराजी मां मड़वारानी और महिषासुर मर्दिनी चैतुरगढ़ में भक्तों की अच्छी-खासी मौजूदगी रहती है.

ये भी पढ़ें- नवरात्र से पहले सजा मां सर्वमंगला दरबार, मनोकामना ज्योति कलश पर इस बार मंहगाई की मार

26 हजार मनोकामना ज्योति कलश: सर्वमंगला मंदिर के अलावा मां मड़वारानी, मातिन दाई मंदिर, भवानी मंदिर, मां अष्टभुजी मंदिर ददारखुर्द, कंकालिन दाई मंदिर, कोसगाई, दीपेश्वरी मंदिरों में भी ज्योति कलश की स्थापना की गई है. इन सभी मंदिरों को मिलाकर करीब 26 हजार मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित (26 thousand wishing Jyoti Kalash) किए जा रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन मंदिर पहुंचे भक्तों ने बताया कि काफी लंबे समय बाद वह पूरे परिवार के साथ माता के दर्शन करने पहुंचे हैं. भक्त काफी उत्साहित भी (Crowd of devotees in Korba Sarvamangala temple) दिखे. मंदिर के बाहर लगे नारियल और लाल चुनरी की दुकानों में भी रौनक दिखी. छोटे दुकानदारों की हालत कोरोना ने पतली कर दी थी. लेकिन इस नवरात्रि में माता के श्रृंगार के सामान का व्यापार करने वाले छोटे दुकानदारों को अच्छे मुनाफे की उम्मीद है.

कोरबा : कोरोना काल के दो वर्ष बाद इस बार चैत्र नवरात्रि पर्व को बिना किसी पाबंदी के मनाए जाने की छूट मिली है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन जिले में आस्था के केंद्र सर्वमंगला मंदिर में भक्तों का तांता (Crowd of devotees in Korba Sarvamangala temple) लगा. भक्त अपनी मनोकामना लिए घंटों कतार में लगकर माता के दर्शन कर रहे हैं. मंदिर प्रबंधन ने नवरात्र के पहले ही नौ दिनों के लिए भव्य तैयारी की है. सुबह होते ही जैसे ही मंदिर के द्वार खुले भक्त दर्शन के लिए उमड़ पड़े.मंदिर प्रबंधन ने भीड़ को देखते हुए अच्छी व्यवस्था की है.

दूर दराज से पहुंचे भक्त : सर्वमंगला मंदिर को जिले में आस्था के केंद्र के तौर पर पहचाना जाता है. यहां ना सिर्फ जिले बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ से लोग अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. मां सर्वमंगला के प्रति भक्तों की आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ही दूर दराज के गांवों से लोग सर्वमंगला मंदिर पहुंचे (Crowd of devotees in Korba Sarvamangala temple)हैं. जो सुबह होते ही मंदिर में दर्शन के लिए कतारबद्ध होकर खड़े हो गए. सर्वमंगला मंदिर के अलावा पहाड़ के ऊपर विराजी मां मड़वारानी और महिषासुर मर्दिनी चैतुरगढ़ में भक्तों की अच्छी-खासी मौजूदगी रहती है.

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26 हजार मनोकामना ज्योति कलश: सर्वमंगला मंदिर के अलावा मां मड़वारानी, मातिन दाई मंदिर, भवानी मंदिर, मां अष्टभुजी मंदिर ददारखुर्द, कंकालिन दाई मंदिर, कोसगाई, दीपेश्वरी मंदिरों में भी ज्योति कलश की स्थापना की गई है. इन सभी मंदिरों को मिलाकर करीब 26 हजार मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित (26 thousand wishing Jyoti Kalash) किए जा रहे हैं. नवरात्रि के पहले दिन मंदिर पहुंचे भक्तों ने बताया कि काफी लंबे समय बाद वह पूरे परिवार के साथ माता के दर्शन करने पहुंचे हैं. भक्त काफी उत्साहित भी (Crowd of devotees in Korba Sarvamangala temple) दिखे. मंदिर के बाहर लगे नारियल और लाल चुनरी की दुकानों में भी रौनक दिखी. छोटे दुकानदारों की हालत कोरोना ने पतली कर दी थी. लेकिन इस नवरात्रि में माता के श्रृंगार के सामान का व्यापार करने वाले छोटे दुकानदारों को अच्छे मुनाफे की उम्मीद है.

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