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ETV BHARAT IMPACT : पहाड़ी कोरवा की मौत मामले में कलेक्टर ने बिठाई जांच

कोरबा कलेक्टर ने पहाड़ी कोरवा की मौत के मामले में सभी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को 5 सितंबर को कलेक्टर कार्यालय बुलाया है. सभी का बयान दर्ज किया जाएगा.

Korba Collector set up investigation
कोरबा में पहाड़ी कोरवा की मौत मामला
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Published : Sep 2, 2022, 10:58 PM IST

कोरबा: दो दिन पहले 31 अगस्त को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक 37 वर्षीय पहाड़ी कोरवा करम सिंह की मौत हो गई थी. चिकित्सकों ने बताया था कि कोरवा युवक को चार-पांच दिन से बुखार था. जिसे देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसने 31 अगस्त की शाम को दम तोड़ दिया. पहाड़ी कोरवा समुदाय प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियों में शामिल है. इन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है. इसी वर्ग से आने वाले युवक के मौत की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. अब कलेक्टर ने इस पूरे प्रकरण की जांच बिठा दी है. गांव की मितानिन से लेकर चिकित्सक तक को अपर कलेक्टर ने 5 सितंबर को कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है. Hill Korwa death case in Korba

इन्हें उपस्थित होने का आदेश जारी : पहाड़ी कोरवा युवक की मौत को प्रशासन ने बेहद गंभीरता से लिया है. अब इस प्रकरण की जांच के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को कलेक्टर कार्यालय में बुलाया गया है. जिनमें पंचायत चुइया की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर यनिमि जायसवाल, मितानिन रेशम बाई, मृतक की माता दीनी बाई, पत्नी इतवारी बाई, परिजन इतवार राम, स्वास्थ्य संयोजक सोमनाथ साहू और 108 के जिला संयोजक को बुलाया गया है.

गौरेला के डांडजमडी गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी

ये है पूरा मामला : राष्ट्रपति के दत्तकपुत्र कहे जाने पहाड़ी कोरवा समुदाय के चुईया ग्राम पंचायत के गांव भटगांव निवासी करम सिंह कोरवा को 30 अगस्त की रात मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस विषय में अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट गोपाल सिंह कंवर ने बताया था कि "इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से तबीयत बिगड़ने पर उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था. मरीज की चार-पांच दिन पुरानी फीवर के हिस्ट्री भी है. फेफड़े में बुरी तरह से संक्रमण फैल गया था. हमने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किया. मरीज को लाइफ सपोर्ट पर भी रखा. लेकिन संभवत: माइनर हार्ट अटैक की वजह से उसकी जान चली गई है.

पहाड़ी कोरवा मरीज का तत्काल रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया. लेकिन यह नेगेटिव मिला. इसके बाद आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया गया. इसमें भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई. मरीज की मौत वास्तव में कैसे हुई है. यह विस्तृत जांच के बाद ही पता चल सकेगा. फिलहाल जिन परिस्थितियों में मरीज की मौत हुई है, उससे हार्ट अटैक की संभावना है.

5 को होगा बयान दर्ज सामने आएगी सच्चाई : पहाड़ी कोरवा युवक की मौत के मामले में सभी संबंधों का बयान 5 सितंबर को अपर कलेक्टर दर्ज करेंगे. इसका आदेश जारी कर दिया गया है. बयान दर्ज होने के बाद पहाड़ी कोरवा युवक की मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जाएगा. जिससे इस प्रकरण में कहां लापरवाही हुई और किस वजह से पहाड़ी कोरवा युवक की जान चली गई. इसकी सच्चाई सामने आएगी.

कोरबा: दो दिन पहले 31 अगस्त को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक 37 वर्षीय पहाड़ी कोरवा करम सिंह की मौत हो गई थी. चिकित्सकों ने बताया था कि कोरवा युवक को चार-पांच दिन से बुखार था. जिसे देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसने 31 अगस्त की शाम को दम तोड़ दिया. पहाड़ी कोरवा समुदाय प्रदेश की विशेष पिछड़ी जनजातियों में शामिल है. इन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र कहा जाता है. इसी वर्ग से आने वाले युवक के मौत की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. अब कलेक्टर ने इस पूरे प्रकरण की जांच बिठा दी है. गांव की मितानिन से लेकर चिकित्सक तक को अपर कलेक्टर ने 5 सितंबर को कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है. Hill Korwa death case in Korba

इन्हें उपस्थित होने का आदेश जारी : पहाड़ी कोरवा युवक की मौत को प्रशासन ने बेहद गंभीरता से लिया है. अब इस प्रकरण की जांच के लिए सभी जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों को कलेक्टर कार्यालय में बुलाया गया है. जिनमें पंचायत चुइया की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर यनिमि जायसवाल, मितानिन रेशम बाई, मृतक की माता दीनी बाई, पत्नी इतवारी बाई, परिजन इतवार राम, स्वास्थ्य संयोजक सोमनाथ साहू और 108 के जिला संयोजक को बुलाया गया है.

गौरेला के डांडजमडी गांव में बुनियादी सुविधाओं की कमी

ये है पूरा मामला : राष्ट्रपति के दत्तकपुत्र कहे जाने पहाड़ी कोरवा समुदाय के चुईया ग्राम पंचायत के गांव भटगांव निवासी करम सिंह कोरवा को 30 अगस्त की रात मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस विषय में अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट गोपाल सिंह कंवर ने बताया था कि "इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से तबीयत बिगड़ने पर उसे आईसीयू में भर्ती किया गया था. मरीज की चार-पांच दिन पुरानी फीवर के हिस्ट्री भी है. फेफड़े में बुरी तरह से संक्रमण फैल गया था. हमने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किया. मरीज को लाइफ सपोर्ट पर भी रखा. लेकिन संभवत: माइनर हार्ट अटैक की वजह से उसकी जान चली गई है.

पहाड़ी कोरवा मरीज का तत्काल रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया. लेकिन यह नेगेटिव मिला. इसके बाद आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया गया. इसमें भी कोरोना की पुष्टि नहीं हुई. मरीज की मौत वास्तव में कैसे हुई है. यह विस्तृत जांच के बाद ही पता चल सकेगा. फिलहाल जिन परिस्थितियों में मरीज की मौत हुई है, उससे हार्ट अटैक की संभावना है.

5 को होगा बयान दर्ज सामने आएगी सच्चाई : पहाड़ी कोरवा युवक की मौत के मामले में सभी संबंधों का बयान 5 सितंबर को अपर कलेक्टर दर्ज करेंगे. इसका आदेश जारी कर दिया गया है. बयान दर्ज होने के बाद पहाड़ी कोरवा युवक की मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जाएगा. जिससे इस प्रकरण में कहां लापरवाही हुई और किस वजह से पहाड़ी कोरवा युवक की जान चली गई. इसकी सच्चाई सामने आएगी.

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