कोरबा : किसान से 3 लाख रुपए के ठगी के एक मामले में शिकायत के 6 महीने बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया (Arrested the person who cheated the farmer but will not get the money because) है. गांव रजगामार के किसान मनीराम राठिया ने इसकी शिकायत दिसंबर 2021 में पुलिस से की थी. इसके बाद इसकी शिकायत एसपी जनदर्शन में हुई. जिसके बाद ईटीवी भारत ने खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था, अब जाकर ठगी के मुख्य आरोपी महेंद्र चंद्रा को जांजगीर-चांपा जिले के जैजैपुर से गिरफ्तार किया गया है.
कहां से हुई गिरफ्तारी : आरोपी को पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया है. ठगी किए गए रकम को आरोपी खर्च कर चुका है. पुलिस ने ठगी की धाराओं के तहत कार्रवाई जरूर की है, लेकिन किसान को रकम वापस नहीं मिल सकेगी. ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि किसान के नाम पर लिए गए इस लोन के राशि की भरपाई कैसे होगी?
क्या है पूरा मामला : पीड़ित किसान मनीराम राठिया ने 6 महीने पहले इसकी शिकायत पुलिस से की थी. अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि उसके पास मौजूद उसके स्वामित्व की जमीन पर लोन स्वीकृत कराने के लिए बालको निवासी एजेंट महेंद्र चंद्रा (Balco resident agent Mahendra Chandra is accused of cheating) उसके घर आया. महेंद्र चंद्रा ने केसीसी लोन स्वीकृत भी करा लिया. इसके एवज में सारे कागजात और सारी प्रक्रिया चंद्रा खुद ही बैंक जाकर पूरी करता था.
कैसे की ठगी : किसान ने बताया कि उसके नाम पर कुल 4 लाख रुपए का लोन स्वीकृत हुआ. जिसके एवज में 10 हजार रुपए कमीशन देने की बात हुई थी. 18 दिसंबर 2021 को किसान के खाते में लोन की स्वीकृत राशि में से 3 लाख रुपये बैंक में डाले गए थे. किसान को इस बात की जानकारी मिली, जिसके कुछ दिन बाद ही चंद्रा किसान को लेकर बैंक गया था. बैंक से लोन मिलने के एवज में ब्लैंक चेक भी जमा कराए गए थे. इसी ब्लैंक चेक में से एक चेक को धोखे से महेंद्र चंद्रा ने अपने पास रख(cheated by getting korba blank check) लिया. इसमें अपने भाई का नाम भरकर बैंक से 3 लाख रुपए निकाल लिए.
किसकी भूमिका है संदिग्ध : इस शिकायत के 6 महीने बाद अब जाकर ठगी करने वाले महेंद्र चंद्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेज दिया है, सवाल यह भी है कि लोन के एवज में ब्लैंक चेक हितग्राही द्वारा बैंक जमा कराता है. अब इस ब्लैंक चेक में से एक चेक एजेंट चंद्रा ने किस तरह हासिल किया. यह जांच का विषय हो सकता है. लेकिन पुलिस ने सिर्फ एजेंट को ही गिरफ्तार किया (Korba farmer thagi case) है. जबकि इस मामले में बैंक की भूमिका भी संदेह के दायरे में है.
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कैसे होगी रकम की रिकवरी : इस तरह के मामलों में अक्सर ठगी की रकम बरामद नहीं हो पाती. मौजूदा मामले में भी यही हुआ है. किसान से ठगी करने वाले महेंद्र चंद्रा ने धोखाधड़ी करते हुए खाते से 3 लाख रुपए निकाल लिए. पैसे निकालने के बाद 6 महीने के दौरान वह इसे खर्च कर चुका है. पुलिस ने ठगी की रकम बरामद नहीं की है.
रामपुर चौकी प्रभारी कृष्णा साहू का कहना है कि "ठगी के आरोप में महेंद्र चंद्रा को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन रकम बरामद नहीं हो पाई है. इसे आरोपी खर्च कर चुका है. इसलिए रकम वापस नहीं कराई जा सकेगी. मामले में अभी और भी जांच की जा रही है.''