कोरबा : देश के प्रमुख एल्युमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता समूह के बालको प्लांट (Korba Balco plant ) में प्रशासनिक अधिकारियों ने दबिश देने की खबर है. आधिकारिक सूत्रों की माने तो पर्यावरण संबंधी मामलों के उल्लंघन को लेकर बालको प्लांट में बड़ी कार्रवाई की संभावना है. फिलहाल इस विषय में विस्तृत जानकारी नहीं मिल सकी है. प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच के बाद विस्तृत जानकारी देने की बात कही है.
पर्यावरण विभाग की टीम मौके पर मौजूद : बालको में 3 कैपटिव पावर प्लांट भी है. जिनकी क्षमता क्रमशः 270, 540 और 1200 मेगावाट है. इन सभी संयंत्रों की जांच पड़ताल की बात सामने आ रही है. जिले के पर्यावरण विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
शाम तक देंगे विस्तृत जानकारी : इस विषय में स्थानीय पर्यावरण संरक्षण मंडल के रीजनल ऑफिसर अंकुर साहू ने ईटीवी भारत को बताया कि फिलहाल हम बालको प्लांट में ही मौजूद हैं. जांच की जा रही है, शाम तक ही विस्तृत जानकारी दे पाऊंगा. वहीं बालको पावर प्लांट में जारी जांच पड़ताल के विषय में बालको प्रबंधन का कहना है कि इस विषय में जानकारी जुटाई जा रही है. इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
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एल्युमिनियम उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान :बालको प्लांट देश के सार्वजनिक उपक्रमों में शामिल है. जिसके 49 फीसदी शेयर भारत सरकार के पास हैं. जबकि 51 फीसदी वेदांता समूह के पास हैं. बालकों के स्मेल्टर से 345 केटीपीए एल्युमिनियम का उत्पादन (Aluminum production in Balco of Korba) होता है. यहां पर उत्पादन के दौरान पर्यावरण संबंधी सभी गाइडलाइन को पूरा किया जाता है. लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई किस वजह से हुई है ये बात अफसरों ने जांच के बाद बताने की बात कही है.
एक दिन पहले ही आंदोलन स्थगन का आदेश : एक दिन पहले बुधवार को भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (Bharat Aluminum Company Limited) के खिलाफ बालको कर्मचारी संघ (भारतीय मजदूर संघ संबद्ध इकाई) की 13 अप्रैल से जारी हड़ताल को श्रम न्यायालय, कोरबा ने रोकने का आदेश दिया था. श्रम न्यायालय के समक्ष बालको ने आवेदन प्रस्तुत किया था. ताकि बालको संयंत्र के परसाभाठा गेट के समक्ष जारी हड़ताल एवं धरना प्रदर्शन पर सुनवाई की जा सके. आदेश में कहा गया है कि हड़ताल को आगामी पेशी 22 अप्रैल से पूर्व रोक दिया जाए. मजदूर एलटीएस और एरियर्स की मांगों को लेकर विगत 7 दिनों से लामबंद थे.