कोरबा: रेलवे के गेटमैन की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस ने गेटमैन के 5 सहकर्मियों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने आपसी रंजिश की वजह से हत्या करने की बात स्वीकार की है. पुलिस ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है. एसपी अभिषेक मीणा ने इस मर्डर केस को सुलझाने में डॉग स्क्वॉड की अहम भूमिका की तारीफ की है.
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उरगा थाना क्षेत्र के नवलपुर नाका रेलवे फाटक पर ड्यूटी पर तैनात गेटकीपर हरेश कुमार का शव दो दिन पहले लहूलुहान हालत में पुलिस ने बरामद किया था. पुलिस ने प्रथम दृष्टया हत्या का मामला दर्ज कर लिया था. खोजी डॉग बाघा की मदद से अहम सुराग जुटाने के बाद उरगा थाना प्रभारी निरीक्षक लखन पटेल ने जांच शुरू की. जांच के दौरान डॉग बाघा सूंघते हुए नवलपुर नाका चौक पर रहने वाले पवन कुमार श्रीवास के घर पर जा रुका.
योजना बनाकर की मारपीट
पुलिस ने शक के आधार पर पवन कुमार श्रीवास से पूछताछ की, जिसमें पता चला कि आरोपी अजय कुमार के ड्यूटी पर देरी से आने को लेकर मृतक हरेश से विवाद होता था. इसकी शिकायत हरेश ने रेलवे अफसरों से भी की थी, जिसकी वजह से आरोपी को निलंबित होना पड़ा था. घटना वाली रात आरोपी अपने दोस्त शत्रुघ्न कुमार गोस्वामी, अजय कुमार ध्रुव, पवन श्रीवास, छतराम यादव, प्रेम दास महंत के साथ पार्टी कर रहा था. इस दौरान अजय ने इस बात की जानकारी अपने दोस्तों को दी. सभी योजना बनाकर मारपीट करने नवलपुर पहुंचे. आरोपियों ने हरेश को केबिन से बाहर निकालकर उसके साथ सड़क पर मारपीट की. इस दौरान पास पड़े फावड़े से अजय ने हरेश के सिर और चेहरे पर कई बार वार किया, जिससे हरेश की मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद सभी अपने काम पर लौट गए.
डॉग स्क्वॉड की रही अहम भूमिका
मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि इस कार्रवाई में खोजी डॉग बाघा का अहम योगदान रहा. उसके जरिये ही पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में सफल हो पाई.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने उसकी सराहना की.