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कवर्धा में एक बार फिर हाथियों की दहशत, पंडरिया में नौ हाथियों का दल लौटा

कवर्धा के पंडरिया में हाथियों का दल लौट आया है. ग्रामीणों की माने तो इन हाथियों ने दो महीने पहले क्षेत्र में उत्पात मचाया (Panic of elephants once again in Kawardha) था. एक बार फिर अब ग्रामीण दहशत में हैं.

Panic of elephants once again in Kawardha
कवर्धा में एक बार फिर हाथियों की दहशत
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Published : Apr 29, 2022, 2:34 PM IST

Updated : Apr 29, 2022, 4:21 PM IST

कवर्धा : जिले के पंडरिया ब्लॉक अंतर्गत तेलीयापानी लेदरा में फिर एक बार 09 जंगली हाथियों का दल लौट (Panic of elephants once again in Kawardha ) आया है. छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे कई गांवों में इन हाथियों ने पिछले 15 दिनों से उत्पात मचा रखा था. इसके बाद हाथियों का दल मुंगेली के जंगलों की तरफ चला गया था. लेकिन दो महीने बाद हाथियों का दल वापस तेलीयापानी लेदरा और मराडबरा तीगड्डा के जंगलों में अपना डेरा जमा दिया है. ग्रामीणों ने तेलीयापानी के जंगल में गुरुवार को 4 हाथियों की जानकारी दी थी. लेकिन शुक्रवार को हाथी दल में 9 हाथी देखे गए.

वन विभाग नहीं है सक्रिय : हाथी दल की जानकारी जब वनविभाग को दी गई तो उनकी नींद खुली. इसके बाद से वनविभाग के कर्मी जंगल में हाथियों के मूवमेंट में नजर बनाए हुए हैं. बताया जा रहा है कि हाथियों का ये दल अचानकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) के रास्ते कवर्धा पहुंचा है. यहां से ये दल कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park) पहुंचा था.लेकिन कान्हा का मौसम इन्हें पसंद नहीं आया. लिहाजा एक बार फिर ये दल छत्तीसगढ़ लौट आया. अब ये दल मुंगेली के खुड़िया और कवर्धा के पंडरिया जंगल में भटक रहा है.

कवर्धा में एक बार फिर हाथियों की दहशत

ये भी पढ़ें- जंगली हाथियों का आतंक, गांव के आसपास खतरे की मुनादी

भोजन की तलाश में लौटे : छत्तीसगढ़ के जंगलों में इस समय महुआ के साथ गन्ना, केला और मक्के की फसल किसानों ने लगाई है. लिहाजा हाथी इन फसलों की तरफ आ रहे हैं. ये सभी भोजन हाथियों के पसंदीदा है.इसलिए पूरा दल फसलों को नुकसान पहुंचाता है. वर्तमान समय में हाथियों ने फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाया है. लेकिन गांव से दो किलोमीटर दूरी पर इन्होंने डेरा जमा रखा है. जिसके कारण ग्रामीणों में डर का माहौल है.

कवर्धा : जिले के पंडरिया ब्लॉक अंतर्गत तेलीयापानी लेदरा में फिर एक बार 09 जंगली हाथियों का दल लौट (Panic of elephants once again in Kawardha ) आया है. छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे कई गांवों में इन हाथियों ने पिछले 15 दिनों से उत्पात मचा रखा था. इसके बाद हाथियों का दल मुंगेली के जंगलों की तरफ चला गया था. लेकिन दो महीने बाद हाथियों का दल वापस तेलीयापानी लेदरा और मराडबरा तीगड्डा के जंगलों में अपना डेरा जमा दिया है. ग्रामीणों ने तेलीयापानी के जंगल में गुरुवार को 4 हाथियों की जानकारी दी थी. लेकिन शुक्रवार को हाथी दल में 9 हाथी देखे गए.

वन विभाग नहीं है सक्रिय : हाथी दल की जानकारी जब वनविभाग को दी गई तो उनकी नींद खुली. इसके बाद से वनविभाग के कर्मी जंगल में हाथियों के मूवमेंट में नजर बनाए हुए हैं. बताया जा रहा है कि हाथियों का ये दल अचानकमार टाइगर रिजर्व (Achanakmar Tiger Reserve) के रास्ते कवर्धा पहुंचा है. यहां से ये दल कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park) पहुंचा था.लेकिन कान्हा का मौसम इन्हें पसंद नहीं आया. लिहाजा एक बार फिर ये दल छत्तीसगढ़ लौट आया. अब ये दल मुंगेली के खुड़िया और कवर्धा के पंडरिया जंगल में भटक रहा है.

कवर्धा में एक बार फिर हाथियों की दहशत

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भोजन की तलाश में लौटे : छत्तीसगढ़ के जंगलों में इस समय महुआ के साथ गन्ना, केला और मक्के की फसल किसानों ने लगाई है. लिहाजा हाथी इन फसलों की तरफ आ रहे हैं. ये सभी भोजन हाथियों के पसंदीदा है.इसलिए पूरा दल फसलों को नुकसान पहुंचाता है. वर्तमान समय में हाथियों ने फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाया है. लेकिन गांव से दो किलोमीटर दूरी पर इन्होंने डेरा जमा रखा है. जिसके कारण ग्रामीणों में डर का माहौल है.

Last Updated : Apr 29, 2022, 4:21 PM IST
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