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कवर्धा: मानसून आने से पहले मकान की मरम्मत में लगे किसान और मजदूर - Preparations before monsoon

कवर्धा के पंडरिया विकासखंड में किसान और मजदूर अपने घरों को बारिश से बचाने के कामों में जुट गए हैं. कच्चे मकानों की मरम्मत शुरू कर दी गई है.

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कच्चे मकान की मरम्मत में लगे किसान और मजदूर
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Published : Jun 9, 2020, 9:52 PM IST

कवर्धा: छत्तीसगढ़ में बहुत जल्द मानसून दस्तक देने वाला है. जिसे देखते हुए कच्चे मकानों की मरम्मत शुरू कर दी गई है. कवर्धा के पंडरिया विकासखंड में किसान और मजदूर अपने घरों को बारिश से बचाने के काम में जुट गए हैं.

मकान की मरम्मत में लगे किसान

पंडरिया में लगातार बारिश हो रही है. इसकी वजह से कच्चे घरों में रहने वाले लोग परेशान हो रहे हैं. मिट्टी से बने घर और छप्पर वाली छत बारिश के समय में दिक्कत देती है. आए दिन हो रही बारिश ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

आर्थिक संकट से जूझ रहे किसान और मजदूर

मजदूर और किसान पहले ही कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. लॉकडाउन ने मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली और किसानों की ज्यादातर फसल बारिश में बर्बाद हो गई, जिसकी वजह से उनके सामने आर्थिक संकट की समस्या पैदा हो गई है.

पढ़ें- राजधानी रायपुर में झमाझम बारिश, एक हफ्ते बाद दस्तक दे सकता है मानसून

मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून सोमवार को बंगाल की खाड़ी से बढ़ता हुआ देश के पूर्वी तट के और नजदीक आ गया है. वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के दक्षिणी हिस्से में सक्रिय हो गया. अगर बादल इसी तरह बढ़ता रहे तो अगले एक हफ्ते के अंदर मानसून छत्तीसगढ़ पहुंच जाएगा.

कवर्धा: छत्तीसगढ़ में बहुत जल्द मानसून दस्तक देने वाला है. जिसे देखते हुए कच्चे मकानों की मरम्मत शुरू कर दी गई है. कवर्धा के पंडरिया विकासखंड में किसान और मजदूर अपने घरों को बारिश से बचाने के काम में जुट गए हैं.

मकान की मरम्मत में लगे किसान

पंडरिया में लगातार बारिश हो रही है. इसकी वजह से कच्चे घरों में रहने वाले लोग परेशान हो रहे हैं. मिट्टी से बने घर और छप्पर वाली छत बारिश के समय में दिक्कत देती है. आए दिन हो रही बारिश ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

आर्थिक संकट से जूझ रहे किसान और मजदूर

मजदूर और किसान पहले ही कोरोना संकट के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. लॉकडाउन ने मजदूरों से उनकी रोजी-रोटी छीन ली और किसानों की ज्यादातर फसल बारिश में बर्बाद हो गई, जिसकी वजह से उनके सामने आर्थिक संकट की समस्या पैदा हो गई है.

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मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून सोमवार को बंगाल की खाड़ी से बढ़ता हुआ देश के पूर्वी तट के और नजदीक आ गया है. वहीं महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के दक्षिणी हिस्से में सक्रिय हो गया. अगर बादल इसी तरह बढ़ता रहे तो अगले एक हफ्ते के अंदर मानसून छत्तीसगढ़ पहुंच जाएगा.

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