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कवर्धा लौटा हाथियों का दल

Kawardha elephant news: कई महीनों की शांति के बाद एक बार फिर हाथी कवर्धा जिले में लौट आए हैं. हालांकि इस समय हाथी छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश बॉर्डर पर पहाड़ी पर घूम रहे हैं. वन विभाग हाथियों की लगातार मॉनिटरिंग कर ग्रामीणों को हाथी के आसपास ना जाने की सलाह दे रहा है.

elephant terror in Kawardha
कवर्धा में हाथियों का आतंक
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Published : Jul 25, 2022, 11:12 AM IST

Updated : Jul 25, 2022, 12:06 PM IST

कवर्धा: बीते महीनों में उत्पात मचाने के बाद मध्य प्रदेश पहुंचे हाथी एक बार फिर वापस कवर्धा लौट आए हैं. जिले के आखिरी छोर और मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की सीमा वाले गांव पंडरीपानी, तेलियापानी, लेदरा और तीनगड्डा में 6 हाथियों के दल को देखा गया है. हाथियों का दल पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के करंजिया गांव से चहलकदमी करते हुए कवर्धा दाखिल हुआ है. हाथियों का दल फिलहाल पहाड़ी इलाके में है. लेकिन ये दल अगर पहाड़ी से नीचे उतरता है तो उन्हें उनका पसंदीदा भोजन गन्ना और भुट्टा मिलेगा. जिसके बाद उन्हें वापस पहाड़ पर खदेड़ना मुश्किल हो जाएगा. लिहाजा वन विभाग हाथियों पर पैनी नजर रखे हुए है. (Elephants on Kawardha Madhya Pradesh border)

बीते महीने हाथियों के दल ने मचाया था उत्पात: कुछ महीने पहले हाथियों के इसी दल ने डरिया और बोड़ला ब्लॉक के कई गांवों में मकान तोड़े थे. अनाज बर्बाद करने के साथ ही फसलों को भी नुकसान पहुंचाया था. अब ये हाथी वापस लौट आए हैं. जिससे ग्रामीणों में दहशत है. (elephant terror in Kawardha )

बालोद में चंदा हाथी दल, 10 गांवों में अलर्ट

वन विभाग की टीम कर रही हाथियों की मॉनिटरिंग: हालांकि इस बार हाथियों की संख्या आधी है. बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के वन परिक्षेत्र पश्चिम करंजिया और ग्राम चोरा दादर कक्ष क्रमांक 792 के आबादी वाले इलाके में हाथियों ने जमकर तांडव मचाया. जिसके बाद वन विभाग और ग्रामीणों ने हाथियों को वहां से खदेड़ दिया. जिससे 16 हाथियों का दल दो भागों में बंट गया. एक दल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा में विचरण कर रहा है जबकि दूसरे दल का कुछ पता नहीं चल पाया है. वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने और हाथियों से दूर रहने की सलाह दी है. विभाग लगातार हाथियों पर नजर रखे हुए है. (Kawardha Forest Department monitoring elephants)

साल 2021 में अचानकमार टाइगर रिजर्व की तरफ से आए थे हाथी: साल 2021 में अचानकमार टाइगर रिजर्व की ओर से 16 हाथियों का दल कवर्धा पहुंचा. कई गांवों में नुकसान पहुंचाने के बाद हाथियों का दल मध्यप्रदेश की ओर आगे बढ़ गया. कान्हा नेशनल पार्क का फैंसिंग तार तोड़कर पार्क में दाखिल हो गए. पार्क में दाखिल होने के बाद मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ वन विभाग ने राहत की सांस ली. लेकिन कुछ महीने बाद ही हाथियों का दल फिर वापस कवर्धा पहुंच गया है.


कवर्धा: बीते महीनों में उत्पात मचाने के बाद मध्य प्रदेश पहुंचे हाथी एक बार फिर वापस कवर्धा लौट आए हैं. जिले के आखिरी छोर और मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की सीमा वाले गांव पंडरीपानी, तेलियापानी, लेदरा और तीनगड्डा में 6 हाथियों के दल को देखा गया है. हाथियों का दल पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के करंजिया गांव से चहलकदमी करते हुए कवर्धा दाखिल हुआ है. हाथियों का दल फिलहाल पहाड़ी इलाके में है. लेकिन ये दल अगर पहाड़ी से नीचे उतरता है तो उन्हें उनका पसंदीदा भोजन गन्ना और भुट्टा मिलेगा. जिसके बाद उन्हें वापस पहाड़ पर खदेड़ना मुश्किल हो जाएगा. लिहाजा वन विभाग हाथियों पर पैनी नजर रखे हुए है. (Elephants on Kawardha Madhya Pradesh border)

बीते महीने हाथियों के दल ने मचाया था उत्पात: कुछ महीने पहले हाथियों के इसी दल ने डरिया और बोड़ला ब्लॉक के कई गांवों में मकान तोड़े थे. अनाज बर्बाद करने के साथ ही फसलों को भी नुकसान पहुंचाया था. अब ये हाथी वापस लौट आए हैं. जिससे ग्रामीणों में दहशत है. (elephant terror in Kawardha )

बालोद में चंदा हाथी दल, 10 गांवों में अलर्ट

वन विभाग की टीम कर रही हाथियों की मॉनिटरिंग: हालांकि इस बार हाथियों की संख्या आधी है. बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के वन परिक्षेत्र पश्चिम करंजिया और ग्राम चोरा दादर कक्ष क्रमांक 792 के आबादी वाले इलाके में हाथियों ने जमकर तांडव मचाया. जिसके बाद वन विभाग और ग्रामीणों ने हाथियों को वहां से खदेड़ दिया. जिससे 16 हाथियों का दल दो भागों में बंट गया. एक दल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा में विचरण कर रहा है जबकि दूसरे दल का कुछ पता नहीं चल पाया है. वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट रहने और हाथियों से दूर रहने की सलाह दी है. विभाग लगातार हाथियों पर नजर रखे हुए है. (Kawardha Forest Department monitoring elephants)

साल 2021 में अचानकमार टाइगर रिजर्व की तरफ से आए थे हाथी: साल 2021 में अचानकमार टाइगर रिजर्व की ओर से 16 हाथियों का दल कवर्धा पहुंचा. कई गांवों में नुकसान पहुंचाने के बाद हाथियों का दल मध्यप्रदेश की ओर आगे बढ़ गया. कान्हा नेशनल पार्क का फैंसिंग तार तोड़कर पार्क में दाखिल हो गए. पार्क में दाखिल होने के बाद मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ वन विभाग ने राहत की सांस ली. लेकिन कुछ महीने बाद ही हाथियों का दल फिर वापस कवर्धा पहुंच गया है.


Last Updated : Jul 25, 2022, 12:06 PM IST
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