राजनांदगांव : नगर निगम राजनांदगांव में निगम का बजट तो पेश (Rajnandgaon Municipal Corporation Budget)हो गया. लेकिन इस बजट के बाद एक तस्वीर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. महापौर ने सीएम भूपेश बघेल की तर्ज पर गोबर से बने ब्रीफकेस का इस्तेमाल बजट पेश करने में किया. लेकिन वो कहते हैं ना कि नकल करने के लिए अकल की जरुरत होती है. बस यही चीज राजनांदगांव में हो गई. यहां महापौर ने सीएम की नकल तो करने की कोशिश की. लेकिन थोड़ी अकल लगाना भूल गईं. क्योंकि जिस गोबर के ब्रीफकेस की वाहवाही पूरे छत्तीसगढ़ में हो रही है. उसी ब्रीफकेस ने महापौर साहिबा की किरकिरी कराई है.
क्या थी ब्रीफकेस में गलती : ब्रीफकेस को बनाने में बहुत सावधानी रखी गई. लेकिन फिर भी एक गलती बनाने वालों ने कर दी. इस गलती के बाद यह पूरे प्रदेश के लोगों के लिए एक सीख के रूप में सामने आई है. कि किसी के अच्छे काम का अनुसरण करना अच्छी बात है. लेकिन अनुसरण करने से पहले उस काम में ध्यान का होना भी जरुरी है. इस ब्रीफकेस में कुछ ऐसा लिखा था जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. पहले तो ये दिखने में सामान्य लगा लेकिन जब अर्थ निकाला गया तो काफी गलत था.
गोबर के ब्रीफकेस का ट्रेंड क्यों : दरअसल गोबर के बने ब्रीफकेस में बजट प्रस्तुत करने की शुरुआत प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने आम बजट के समय की थी. वे गोबर के बने ब्रीफकेस में बजट लेकर विधानसभा पहुंचे थे. इस ब्रीफकेस में “गोमय वसते लक्ष्मी” लिखा हुआ था. जिसका अर्थ है कि “गोबर में लक्ष्मी का वास है”. इसके बाद रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने बजट प्रस्तुत करने के लिए इसी तरह का ब्रीफकेस उपयोग किया. अब राजनांदगांव की महापौर भी ऐसे ही गोबर के बने ब्रीफकेस में बजट लेकर पहुंची.
गोबर के ब्रीफकेस ने कराई फजीहत : राजनांदगांव के ब्रीफकेस बनाने वालों ने एक गलती कर दी. ब्रीफकेस में “गोमय वसते लक्ष्मी” के स्थान पर उन्होंने “गोयम वसते लक्ष्मी” लिख ( dung briefcase caused trouble) दिया. जिससे इस गोबर के ब्रीफकेस का उपयोग करने संबंधी जो संदेश है. वह पूरी तरह से अनर्थ में बदल गया. बहरहाल इस घटना से प्रदेशभर के लोगों को सीख लेने की आवश्यकता है कि भविष्य में ऐसी गलती किसी से न हो. क्योंकि गोबर का ब्रीफकेस सिर्फ प्रदेश ही नहीं देश की पहचान बन चुका है. ऐसे में हतोत्साहित होकर ऐसी गलती ना करें जो खुद पर ही भारी पड़े.