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जानिए कौन कर रहा है नक्सल क्षेत्र के स्कूलों पर राजनीति ? - politics on schools in naxal areas

छत्तीसगढ़ में धुर नक्सल क्षेत्रों में एक बार फिर से स्कूलों की घंटी बजने लगेगी. सरकार ने ऐसे स्कूलों को खोलने की तैयारी की (Schools in Naxal affected areas will open in Bastar) है. लेकिन अब बीजेपी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों को लेकर सरकार पर आरोप लगाए हैं.

Schools in Naxal affected areas will open in Bastar
बस्तर में खुलेंगे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के स्कूल
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Published : Jun 15, 2022, 7:21 PM IST

बस्तर : प्रदेश में नए शिक्षा सत्र के शुरू होते ही भाजपा और कांग्रेस में शिक्षा व्यवस्था को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है. पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता केदार कश्यप (BJP spokesperson Kedar Kashyap) ने राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ''प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बदतर हो गई है. राष्ट्रीय स्तर के सूचकांक में भी गिरावट दर्ज हुई है.प्रदेश में 250 स्वामी आत्मानंद स्कूल खोल कर भूपेश सरकार ढिंढोरा पीट रही है जबकि पूरे प्रदेश में 48000 से ज्यादा स्कूल हैं उनकी चिंता प्रदेश सरकार को नहीं है. एक तरफ पूरे प्रदेश में शिक्षकों की कमी है वही अतिथि शिक्षक भी हड़ताल में हैं. दूसरी ओर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बंद स्कूलों को खोलने का काम शासन-प्रशासन कर रही है. यदि शिक्षकों की ही कमी है तो इन जगहों पर शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित होगी.''

बस्तर में नक्सल क्षेत्र के स्कूलों पर राजनीति
कवासी लखमा ने किया पलटवार : केदार कश्यप के आरोपों परपलटवार करते हुए मंत्री कवासी लखमा (Excise Minister Kawasi Lakhma) ने कहा कि ''15 साल तक भाजपा की सरकार रहने के दौरान प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया था. भाजपा के शासनकाल में 3000 से भी ज्यादा स्कूल अंदरूनी इलाकों में बंद कर दिए गए थे. जिन्हें अब भूपेश सरकार में खोलने का काम किया जा रहा है. केदार कश्यप पर मंत्री लखमा ने निशाना साधा और कहा 15 साल के दौरान केदार कश्यप हेलीकॉप्टर में घूमते थे. अब पैरों तले जमीन खो जाने के बाद केदार कश्यप धरना स्थल में जाने को मजबूर हैं.कैसे ही नक्सल क्षेत्रों की हालत : दरअसल पिछले चार दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे बस्तर में बीते 15 सालों से नक्सली दहशत की वजह से बंद स्कूलों को खोलने की कवायद प्रशासन ने शुरू कर दी है. इस नए सत्र में लगभग 250 स्कूल खोले (Schools in Naxal affected areas will open in Bastar) जाएंगे. यह सभी स्कूल बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हैं. जहां नक्सलियों की मौजूदगी की वजह से पूरी तरह से स्कूली शिक्षा ठप पड़ी थी.

ये भी पढ़ें-नक्सलगढ़ में 15 साल से बंद स्कूलों में अब बच्चों की होगी शानदार एंट्री!

क्यों लिया गया स्कूल खोलने का निर्णय : कुछ सालों से बस्तर पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सली संगठन कमजोर होने के साथ ही यहां के बच्चों को शिक्षा देने सभी बन्द स्कूल दोबारा खोले जा रहे हैं. हालांकि शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में लगभग 430 स्कूल हैं. जो बंद पड़े हैं. इनमें से करीब 250 स्कूलों को इस सत्र से खोला जा रहा(politics on schools in naxal areas) है.जिसको लेकर बच्चों के साथ साथ स्थानीय ग्रामीणों में भी काफी खुशी है.

बस्तर : प्रदेश में नए शिक्षा सत्र के शुरू होते ही भाजपा और कांग्रेस में शिक्षा व्यवस्था को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है. पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता केदार कश्यप (BJP spokesperson Kedar Kashyap) ने राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ''प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बदतर हो गई है. राष्ट्रीय स्तर के सूचकांक में भी गिरावट दर्ज हुई है.प्रदेश में 250 स्वामी आत्मानंद स्कूल खोल कर भूपेश सरकार ढिंढोरा पीट रही है जबकि पूरे प्रदेश में 48000 से ज्यादा स्कूल हैं उनकी चिंता प्रदेश सरकार को नहीं है. एक तरफ पूरे प्रदेश में शिक्षकों की कमी है वही अतिथि शिक्षक भी हड़ताल में हैं. दूसरी ओर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बंद स्कूलों को खोलने का काम शासन-प्रशासन कर रही है. यदि शिक्षकों की ही कमी है तो इन जगहों पर शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित होगी.''

बस्तर में नक्सल क्षेत्र के स्कूलों पर राजनीति
कवासी लखमा ने किया पलटवार : केदार कश्यप के आरोपों परपलटवार करते हुए मंत्री कवासी लखमा (Excise Minister Kawasi Lakhma) ने कहा कि ''15 साल तक भाजपा की सरकार रहने के दौरान प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया था. भाजपा के शासनकाल में 3000 से भी ज्यादा स्कूल अंदरूनी इलाकों में बंद कर दिए गए थे. जिन्हें अब भूपेश सरकार में खोलने का काम किया जा रहा है. केदार कश्यप पर मंत्री लखमा ने निशाना साधा और कहा 15 साल के दौरान केदार कश्यप हेलीकॉप्टर में घूमते थे. अब पैरों तले जमीन खो जाने के बाद केदार कश्यप धरना स्थल में जाने को मजबूर हैं.कैसे ही नक्सल क्षेत्रों की हालत : दरअसल पिछले चार दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहे बस्तर में बीते 15 सालों से नक्सली दहशत की वजह से बंद स्कूलों को खोलने की कवायद प्रशासन ने शुरू कर दी है. इस नए सत्र में लगभग 250 स्कूल खोले (Schools in Naxal affected areas will open in Bastar) जाएंगे. यह सभी स्कूल बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हैं. जहां नक्सलियों की मौजूदगी की वजह से पूरी तरह से स्कूली शिक्षा ठप पड़ी थी.

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क्यों लिया गया स्कूल खोलने का निर्णय : कुछ सालों से बस्तर पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सली संगठन कमजोर होने के साथ ही यहां के बच्चों को शिक्षा देने सभी बन्द स्कूल दोबारा खोले जा रहे हैं. हालांकि शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में लगभग 430 स्कूल हैं. जो बंद पड़े हैं. इनमें से करीब 250 स्कूलों को इस सत्र से खोला जा रहा(politics on schools in naxal areas) है.जिसको लेकर बच्चों के साथ साथ स्थानीय ग्रामीणों में भी काफी खुशी है.

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