बस्तर : प्रदेश में नए शिक्षा सत्र के शुरू होते ही भाजपा और कांग्रेस में शिक्षा व्यवस्था को लेकर जुबानी जंग शुरू हो गई है. पूर्व मंत्री और भाजपा प्रवक्ता केदार कश्यप (BJP spokesperson Kedar Kashyap) ने राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ''प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बदतर हो गई है. राष्ट्रीय स्तर के सूचकांक में भी गिरावट दर्ज हुई है.प्रदेश में 250 स्वामी आत्मानंद स्कूल खोल कर भूपेश सरकार ढिंढोरा पीट रही है जबकि पूरे प्रदेश में 48000 से ज्यादा स्कूल हैं उनकी चिंता प्रदेश सरकार को नहीं है. एक तरफ पूरे प्रदेश में शिक्षकों की कमी है वही अतिथि शिक्षक भी हड़ताल में हैं. दूसरी ओर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बंद स्कूलों को खोलने का काम शासन-प्रशासन कर रही है. यदि शिक्षकों की ही कमी है तो इन जगहों पर शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित होगी.''
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क्यों लिया गया स्कूल खोलने का निर्णय : कुछ सालों से बस्तर पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन से नक्सली संगठन कमजोर होने के साथ ही यहां के बच्चों को शिक्षा देने सभी बन्द स्कूल दोबारा खोले जा रहे हैं. हालांकि शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा में लगभग 430 स्कूल हैं. जो बंद पड़े हैं. इनमें से करीब 250 स्कूलों को इस सत्र से खोला जा रहा(politics on schools in naxal areas) है.जिसको लेकर बच्चों के साथ साथ स्थानीय ग्रामीणों में भी काफी खुशी है.