जगदलपुर : बस्तर स्थानीय बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार देने की नीयत से बनाए गए सरकारी दुकानों में बंदरबाट का मामला सामने आया (Disturbances in allocation of shops in Jagdalpur )है.जिसके बाद ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने आवंटित दुकानों के आदेश को रद्द करके दोबारा स्थानीय युवक युवतियों को आवंटित करने की मांग की है.
किसलिए बनाए गए थे दुकान : दरअसल शासन ने स्थानीय बेरोजगार युवकों को पंचायत में स्वरोजगार स्थापित करने के अवसर प्रदान करने के लिए लाखों रुपए खर्च करके दुकानों का निर्माण कराया (government shops on Jagdalpur) था. दुकानों का निर्माण बस्तर विधानसभा के राजनगर में किया गया था. दुकानों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता देकर आवंटन देना था. लेकिन स्थानीय सरपंच सचिव की मिलीभगत से आठ दुकानों को बाहरी लोगों को आवंटित किया (Government shop distributed to outsiders in bastar ) गया. जिस का विरोध करते हुए स्थानीय बेरोजगार युवकों ने आवंटन की प्रक्रिया को रद्द करने की गुहार बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार से लगाई है.
सरपंच और सचिव पर आरोप : युवकों का कहना है कि '' दुकान के नाम पर 50 हजार सुरक्षा निधि के रूप में सरपंच ने मांगे थे. युवकों ने यह राशि पंचायत के खाते में जमा कर दी थी. इसके बावजूद भी वह नियमों की अवहेलना करते हुए स्थानीय बेरोजगारों को दरकिनार करते हुए बाहरी लोगों को दुकानें आवंटित कर दी गई.'' यदि आवंटित की गई दुकानों की प्रक्रिया सही समय में रद्द नहीं होती है. तो आने वाले समय में इस मामले को लेकर आंदोलन करने की तैयारी भी स्थानीय बेरोजगार युवक युवतियों ने कही है.