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SPECIAL: मौत के 7 दिन बाद अंतिम संस्कार करने को मजबूर परिवार

कोरोना पीड़ित मरीजों के साथ ही अब आम बीमारियों से पीड़ित लोगों और उनके परिजनों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. नियमानुसार अस्पताल में मरीज की मौत के बाद उसका कोविड 19 टेस्ट कराया जाता है, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर शव परिजन को सौंपा जाता है. रिपोर्ट आने में हो रही देरी की वजह से शव प्राप्त करने के लिए परिजनों को सप्ताह भर का इंतजार करना पड़ता है.

family not getting body of the corona negative patient after week in bastar
शव के लिए परिवार कर रहा जद्दोजहद
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Published : Sep 18, 2020, 2:11 PM IST

जगदलपुर: बस्तर में कोरोना महामारी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. एक तरफ जहां हर रोज लोग इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसकी वजह से अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल की बात करें तो यहां कोविड के साथ अब आम बीमारियों से भी संक्रमित लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. अस्पताल में आम बीमारी के कारण भी अगर किसी मरीज की मौत हो जाती है, तो उसके शव को लेने के लिए परिजन को लंबा इंतजार करना पड़ता है. ये हाल बस्तर के सिर्फ एक अस्पताल का नहीं बल्कि सभी अस्पतालों का है.

शव के लिए परिवार कर रहा जद्दोजहद

पढ़ें- SPECIAL: संकट में बस्तर दशहरा, रथ के लिए लकड़ी नहीं देने की जिद पर अड़े ग्रामीण

बस्तर में इलाज के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इस दौरान यदि किसी की मौत हो जाती है, तो अस्पताल प्रशासन शव सौंपने में 4 से 5 दिन का समय लगाता है. इस वजह से परिजन को सप्ताह भर तक अस्पताल और पुलिस चौकी का चक्कर लगाना पड़ता है. दरअसल अस्पताल में हुई हर मौत के बाद उस शव का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही शव परिजनों को दिया जाता है. अस्पताल में आलम ये है कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी शव को लेने के लिए परिजनों को काफी जद्दोजहद करना पड़ता है.

Jagdalpur Medical College Hospital
मेडिकल कॉलेज अस्पताल

कोविड टेस्ट कराना है अनिवार्य

नियम के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन हर मरीज की मौत के बाद उनके शव का कोविड टेस्ट करता है. रिपोर्ट का इंतजार करने के बाद शवों को उनके परिजनों को सौंपा जाता है. इस दौरान अगर मृतक की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो निगम और जिला प्रशासन मृतक के परिजनों में से 2 सदस्यों की मौजूदगी के बीच खुद उनके शव का अंतिम संस्कार करता है. वहीं रिपोर्ट निगेटिव आने पर परिजनों को शव सौंप दिया जाता है.

स्वास्थ्य विभाग कर रहा सुधार

लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन कुछ ऐसी व्यवस्था करे, जिससे कोविड टेस्ट का रिपोर्ट जल्द ही मिल जाए.अपने करीबी के मौत के बाद परिवार आहत रहता है, ऐसी स्थिति में शव मिलने में देरी उन्हें और परेशान करती है. अस्पताल को इसके लिए कोई ठोस उपाय निकालना चाहिए. जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन का कहना है कि कोरोना की वजह से थोड़ी बहुत अस्पताल में व्यवस्था चरमराई हुई है, लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसके सुधार में लगे हुए हैं. विधायक ने कहा कि ऐसे समय में परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन जल्द ही इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक कर उचित व्यवस्था करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएंगे. लोगों से भी विधायक ने अपील की है कि ऐसे संकटकाल के समय में थोड़ा संयम रखने की आवश्यकता है.

जगदलपुर: बस्तर में कोरोना महामारी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. एक तरफ जहां हर रोज लोग इस महामारी की चपेट में आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसकी वजह से अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल की बात करें तो यहां कोविड के साथ अब आम बीमारियों से भी संक्रमित लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. अस्पताल में आम बीमारी के कारण भी अगर किसी मरीज की मौत हो जाती है, तो उसके शव को लेने के लिए परिजन को लंबा इंतजार करना पड़ता है. ये हाल बस्तर के सिर्फ एक अस्पताल का नहीं बल्कि सभी अस्पतालों का है.

शव के लिए परिवार कर रहा जद्दोजहद

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बस्तर में इलाज के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इस दौरान यदि किसी की मौत हो जाती है, तो अस्पताल प्रशासन शव सौंपने में 4 से 5 दिन का समय लगाता है. इस वजह से परिजन को सप्ताह भर तक अस्पताल और पुलिस चौकी का चक्कर लगाना पड़ता है. दरअसल अस्पताल में हुई हर मौत के बाद उस शव का कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही शव परिजनों को दिया जाता है. अस्पताल में आलम ये है कि रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी शव को लेने के लिए परिजनों को काफी जद्दोजहद करना पड़ता है.

Jagdalpur Medical College Hospital
मेडिकल कॉलेज अस्पताल

कोविड टेस्ट कराना है अनिवार्य

नियम के मुताबिक, अस्पताल प्रबंधन हर मरीज की मौत के बाद उनके शव का कोविड टेस्ट करता है. रिपोर्ट का इंतजार करने के बाद शवों को उनके परिजनों को सौंपा जाता है. इस दौरान अगर मृतक की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो निगम और जिला प्रशासन मृतक के परिजनों में से 2 सदस्यों की मौजूदगी के बीच खुद उनके शव का अंतिम संस्कार करता है. वहीं रिपोर्ट निगेटिव आने पर परिजनों को शव सौंप दिया जाता है.

स्वास्थ्य विभाग कर रहा सुधार

लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन कुछ ऐसी व्यवस्था करे, जिससे कोविड टेस्ट का रिपोर्ट जल्द ही मिल जाए.अपने करीबी के मौत के बाद परिवार आहत रहता है, ऐसी स्थिति में शव मिलने में देरी उन्हें और परेशान करती है. अस्पताल को इसके लिए कोई ठोस उपाय निकालना चाहिए. जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन का कहना है कि कोरोना की वजह से थोड़ी बहुत अस्पताल में व्यवस्था चरमराई हुई है, लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसके सुधार में लगे हुए हैं. विधायक ने कहा कि ऐसे समय में परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन जल्द ही इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के साथ बैठक कर उचित व्यवस्था करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाएंगे. लोगों से भी विधायक ने अपील की है कि ऐसे संकटकाल के समय में थोड़ा संयम रखने की आवश्यकता है.

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