जगदलपुर: बस्तर को मानसून का 'प्रवेश द्वार' कहा जाता है. लेकिन इस बार ये गेट-वे सूखे की मार झेल रहा है. हालात ये हैं कि यहां अब तक औसत से भी कम बारिश हुई है. जिससे किसान मुसीबत में पड़ गए हैं. बस्तर संभाग के 3 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. जिससे अब बस्तर को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग उठने लगी है. शासन-प्रशासन का भी मानना है कि बस्तर संभाग में इस बार कम बारिश हुई है. हालांकि मंत्री कवासी लखमा और प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सूखा घोषित करना अभी जल्दबाजी होगा.
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बस्तर संभाग के बस्तर, दंतेवाड़ा ,बीजापुर और कांकेर जिले में औसत से काफी कम बारिश हुई है. बस्तर दंतेवाड़ा, कांकेर में तो औसत से 30 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जिसके चलते मौसम विभाग ने कृषि विभाग को रिपोर्ट भी सौंपी है. किसान अब इन जिलों को सूखाग्रस्त किए जाने की मांग उठाने लगे हैं. इधर बस्तर जिले में भी औसत से कम बारिश हुई है लेकिन पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश से किसानों ने थोड़ी बहुत राहत की सांस ली है.
दरसअल मौसम विभाग ने बारिश से 20 फीसदी और इससे ज्यादा कमी को आधार बताया है. ऐसे में बस्तर संभाग के जिन 3 जिलों में बहुत ही कम बारिश हुई है, उनमें औसत बारिश से कमी 30 फीसदी अधिक है. जबकि बीजापुर जिले में 21 फीसदी की कमी है. मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट कृषि विभाग को भेज दी है. जहां से आने वाले समय में प्रभावित जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने की कार्रवाई की जा सकती है.
वर्तमान में बारिश के बाकी बचे समय में मौसम की स्थिति की मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसके बाद सूखा घोषित करने की कवायद शुरू की जाएगी. इधर बस्तर संभाग में पिछले सालों की तुलना में इस बार काफी कम बारिश हुई है. इधर पूरे बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा बारिश सुकमा जिले में हुई है. यहां औसत बारिश जहां 719.5 मिमी है. वहीं 1 जून से लेकर अब तक 1044.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है. जो औसत का 40 फीसदी बताया जा रहा है. इसके अलावा दंतेवाड़ा और बस्तर जिले में औसत से कम बारिश हुई है. कोंडागांव और नारायणपुर जिले में अल्पवर्षा 20 फीसदी से कम है. इसलिए उन जिलों को अलग रखा गया है. जबकि 4 जिलों में काफी कम बारिश रिकॉर्ड हुई है.
बस्तर संभाग में हुए कम बारिश को लेकर प्रदेश के आबकारी मंत्री व बस्तर संभाग के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा ने भी चिंता जताया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों की तुलना में इस बार औसत से भी कम बारिश बस्तर में हुई है. लेकिन इसको लेकर प्रशासन और सरकार पूरी तरह से गंभीर है. सरकार के द्वारा कृषि विभाग से रिपोर्ट ली जा रही है. जिसके बाद सूखाग्रस्त घोषित करने की कवायद शुरू की जाएगी.
लखमा ने कहा कि विडंबना है कि बस्तर संभाग में बड़े बांध नहीं है. जिससे किसानों को पानी मिल सके और ना ही ज्यादा पुल पुलिया है. ऐसे में किसानों के लिए कम बारिश होना चिंता का विषय है. लेकिन सरकार पूरी नजर बनाए रखी है. किसानों के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. बस्तर के कृषि विभाग की उपसंचालक ने बताया कि जिले में सबसे कम बकावंड ब्लॉक में बारिश हुई है. हालांकि मौसम विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है. पिछले 3 तीन दिनों से बारिश हो रही है. जिसके बाद किसानों ने रोपाई का काम शुरू कर दिया है. कुछ दिन और देखने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.