कोंडागांव : आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आशुतोष पांडे ने तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ डीएन कश्यप के खिलाफ (Kondagaon Janpad Panchayat CEO DN Kashyap) FIR दर्ज करने के लिए सिटी कोतवाली में आवेदन दिया है. दरअसल मामला बंद हुई योजना बीआरजीएफ(BRGF) की राशि द्वारा फर्जी तरीके से मिनी राइस मिल क्रय किए जाने का है. आशुतोष पांडे ने बताया कि एक आरटीआई (RTI) से स्पष्ट हो चुका है कि तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ ने बंद हुई योजना बीआरजीएफ(BRGF) की राशि का दुरुपयोग किया है.
क्या है पूरा मामला : पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष कार्यक्रम यानी बीआरजीएफ ( Backward Regions Grant Fund Programme kondagaon) की शुरुआत, 19 फरवरी, 2007 को असम के बारपेटा में प्रधानमंत्री ने की थी. यह राशि मुख्य रूप से पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के क्षमता निर्माण के लिए उपयोग में लाई जानी थी. जिला पंचायत कोंडागांव में बंद योजनाओं की राशि ( बीआरजीएफ योजना भी शामिल) को ब्याज सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से वापस किया जाना था. परंतु जिला पंचायत कोंडागांव द्वारा आदेश क्रमांक /2198/ जि. पं./ निर्माण /प्रशा. स्वी./ 2020-21 / कोंडागांव, दिनांक 25.03.2021 के माध्यम से 50 लाख 42 हजार 100 की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करते हुए 49 ग्राम पंचायतों में मिनी राइस मिल की स्थापना की गई. यह शासन के दिशा-निर्देश के विपरीत है.
मंत्रालय ने योजना बंद होने की दी थी जानकारी : इससे पूर्व ही छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर के आदेश क्रमांक 185/ अमुस / पंग्राविवि/ 2017 नया रायपुर दिनांक 12/04/2017 के माध्यम से सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छत्तीसगढ़ को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि पूर्ववर्ती वित्त आयोग अनुदान जैसे कि 10वें वित्त आयोग, 11वें वित्त आयोग, 12वें वित्त आयोग, 13वें वित्त आयोग और जिला नवाचार निधि (13वें वित्त आयोग) के अंतर्गत अनुदान अवधि में जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों को राशि आवंटित किया गया था. यह सभी योजनाएं वर्तमान में समाप्त हो चुकी है.
कई योजनाओं की राशि आज भी जमा : इसी तरह बीआरजीएफ(BRGF), आईएपी (IAP), राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना, मुख्यमंत्री ग्राम उत्कर्ष योजना, छत्तीसगढ़ ग्रामीण निर्माण योजना, ग्राम विकास योजना, छत्तीसगढ़ गौरव योजना एवं हमारा छत्तीसगढ़ योजना, मुख्यमंत्री जनपद सशक्तिकरण योजना, संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना, यूरोपियन राज्य साझेदारी कार्यक्रम योजना के अंतर्गत जिला पंचायतों को आवंटन उपलब्ध कराया गया था. शासन के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार सभी योजनाओं में स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं .लेकिन इस मद में आज भी संबंधित जिला पंचायतों में राशि उपलब्ध है. जिसमें इन मदों में जमा राशि के एवज में बैंकों की ब्याज राशि भी शामिल है.
जिला पंचायतों को राशि जमा करने के थे निर्देश : शासन के संज्ञान में यह बात लाई गई है कि जिला पंचायत एवं जनपद पंचायतों में उपरोक्त योजनाओं के अंतर्गत राशि उपलब्ध है. अतः उपरोक्त योजनाओं की शेष राशि ब्याज सहित पंचायत संचालनालय छत्तीसगढ़ रायपुर को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से दिनांक 10 मई 2017 तक अनिवार्य रूप से विशेष वाहक के द्वारा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे.
बिना अनुमति के ही हो गया काम : जिला पंचायत कोंडागांव के आदेश क्रमांक /2198/ जि.पं./ निर्माण /प्रशा.स्वी./ 2020-21 / कोंडागांव, दिनांक 25.03.2021 के माध्यम से जिले में संचालित गौठानों में कार्य कर रहे महिला स्व सहायता समूह, सहकारी समितियों जैसे जन समूहों की गतिविधियों से उभरने एवं आजीविका संवर्धन के कार्य विकास हेतु जिले के पांचों विकासखंड कोंडागांव, केशकाल, बड़े राजपूर,फरसगांव और माकड़ी के 49 चिन्हित ग्राम पंचायतों के गौठानों में मिनी राइस मिल लगाए जाने के आदेश दिए गए. जिसकी कुल लागत 5042100 रुपए थी.
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोंडागांव के जारी आदेशानुसार मिनी राइस मिल को गौठानों में स्थापित किए जाने हेतु आदेश की प्रतिलिपि
1- निज सहायक सांसद लोकसभा क्षेत्र बस्तर/कांकेर
2 - विधायक विधानसभा क्षेत्र कोंडागांव/नारायणपुर/केशकाल
3 - जिला पंचायत अध्यक्ष कोंडागांव
4 - संचालक पंचायत संचालनालय छत्तीसगढ़ 36 C-III ब्लॉक-II, द्वितीय तल , इंद्रावती भवन, नया रायपुर, छत्तीसगढ़
5 - कलेक्टर जिला कोंडागांव
6 - लेखा अधिकारी जिला पंचायत कोंडागांव को धनादेश जारी करने हेतु
7 - मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कोंडागांव, माकड़ी, फरसगांव, केशकाल एवं बड़ेराजपूर तथा समस्त सचिव ग्राम पंचायत को सूचनार्थ भी भेजा गया.
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सीईओ पर कार्रवाई की मांग : बीआरजीएफ योजना की शेष राशि और ब्याज की राशि से जिले के चिन्हित 49 ग्राम पंचायतों में मिनी राइस मिल लगाए जाने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोंडागांव द्वारा राज्य शासन से अनुमति मांगी गई थी. लेकिन आरटीआई के अनुसार राज्य शासन ने कार्य की अनुमति नहीं दी थी. बावजूद इसके पैसे निकाल लिए गए. जिसके विरोध में आम आदमी पार्टी ने तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई करने का आवेदन दिया है.