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बस्तर: कोरोना से जंग में नक्सलियों से शांति की उम्मीद - आईजी ने की शांति की उम्मीद

बस्तर के जगदलपुर में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए नक्सलियों से भी शांति की उम्मीद जताई जा रही है. स्वास्थ्य कर्मी नक्सली खतरे के बावजूद नक्सल क्षेत्र में अपनी सेवाए्ं दे रहे हैं. ऐसे में प्रशासन और सुरक्षा बल नक्सलियों समेत सभी लोगों से सहयोग की अपेक्षा कर रहा है.

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कोरोना से जंग में नक्सलियों से शांति की उम्मीद
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Published : Mar 27, 2020, 11:40 PM IST

जगदलपुर: पूरे देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से लोगों में दहशत है. मानवीय संकट के मद्देनजर, सुरक्षा एजेंसियां छत्तीसगढ़ के नक्सल बेल्ट यानि की बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियानों को रोकने पर विचार कर रही है. इस वक्त नक्सल क्षेत्रों में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना बेहद जरूरी है. छत्तीसगढ़ सरकार भी मानवीय संघर्ष विराम की संभवानाएं तलाश कर रही है, और नक्सली संगठनों से भी शांति की उम्मीद कर रही है.

कोरोना से जंग में नक्सलियों से शांति की उम्मीद

छत्तीसगढ़ में अब तक लगभग 6 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, ऐसे में प्रशासन और सुरक्षाबल सभी लोगों को वायरस से बचाव के प्रति जागरूक करने में जुटी है. नक्सल क्षेत्रों में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मी डर के बावजूद अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

नक्सली संगठनों से शांति की उम्मीद

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि 'अब तक उनके पास ऑपरेशन रोकने के आदेश नहीं मिले हैं, लेकिन कोरोना के संकट को देखते हुए मानवीयता के तौर पर बस्तर के नक्सल संगठन भी हिसांत्मक गतिविधियों को छोड़कर शांति का माहौल बनाये रखें ऐसी उम्मीद जताई जा रही है'.

बस्तर पुलिस लोगों को वायरस के प्रति कर रही जागरूक

वहीं उन्होंने कहा कि 'बस्तर पुलिस और संभाग भर मे तैनात अर्धसैनिक बलों को लोगों के जान माल की सुरक्षा करना पहला दायित्व है. पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रही है और बस्तर पुलिस भी इस वायरस से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. बस्तर के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना वायरस से बचने के उपाय बताते हुए जागरूकता अभियान चला रही है. लेकिन हाल ही मे बीजापुर में पेटी कांट्रेक्टर की हत्या करना नक्सलियों के दोहरे चेहरे को उजागर करता है, हांलाकि लॉकडाउन के कारण नक्सलियों के आवश्यक सेवाओं के अलावा पूरी प्रणाली में एक ठहराव आया है, लेकिन नक्सल गतिविधियों पर पुलिस पूरी नजर बनाए हुए है'.

कोरोना से जंग में क्या नक्सली होंगे संग ?

अगर नक्सलियों ने अपनी हिंसा जारी रखी तो इन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों की मदद करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.आईजी ने कहा कि हमारा प्रयास अभी यही है कि हम अपने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और मानवीय संकट से निपटने के लिए आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस से लड़ते हुए बस्तर में शांति बनाए रखें.अब देखना होगा कि नक्सली मानवता के हित में हिंसा को दूर कर कोरोना से जंग में अपनी क्या भूमिका निभाते हैं.

जगदलपुर: पूरे देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से लोगों में दहशत है. मानवीय संकट के मद्देनजर, सुरक्षा एजेंसियां छत्तीसगढ़ के नक्सल बेल्ट यानि की बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियानों को रोकने पर विचार कर रही है. इस वक्त नक्सल क्षेत्रों में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना बेहद जरूरी है. छत्तीसगढ़ सरकार भी मानवीय संघर्ष विराम की संभवानाएं तलाश कर रही है, और नक्सली संगठनों से भी शांति की उम्मीद कर रही है.

कोरोना से जंग में नक्सलियों से शांति की उम्मीद

छत्तीसगढ़ में अब तक लगभग 6 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, ऐसे में प्रशासन और सुरक्षाबल सभी लोगों को वायरस से बचाव के प्रति जागरूक करने में जुटी है. नक्सल क्षेत्रों में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मी डर के बावजूद अपनी भूमिका निभा रहे हैं.

नक्सली संगठनों से शांति की उम्मीद

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि 'अब तक उनके पास ऑपरेशन रोकने के आदेश नहीं मिले हैं, लेकिन कोरोना के संकट को देखते हुए मानवीयता के तौर पर बस्तर के नक्सल संगठन भी हिसांत्मक गतिविधियों को छोड़कर शांति का माहौल बनाये रखें ऐसी उम्मीद जताई जा रही है'.

बस्तर पुलिस लोगों को वायरस के प्रति कर रही जागरूक

वहीं उन्होंने कहा कि 'बस्तर पुलिस और संभाग भर मे तैनात अर्धसैनिक बलों को लोगों के जान माल की सुरक्षा करना पहला दायित्व है. पूरी दुनिया कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ रही है और बस्तर पुलिस भी इस वायरस से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. बस्तर के ग्रामीण अंचलों में रहने वाले ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना वायरस से बचने के उपाय बताते हुए जागरूकता अभियान चला रही है. लेकिन हाल ही मे बीजापुर में पेटी कांट्रेक्टर की हत्या करना नक्सलियों के दोहरे चेहरे को उजागर करता है, हांलाकि लॉकडाउन के कारण नक्सलियों के आवश्यक सेवाओं के अलावा पूरी प्रणाली में एक ठहराव आया है, लेकिन नक्सल गतिविधियों पर पुलिस पूरी नजर बनाए हुए है'.

कोरोना से जंग में क्या नक्सली होंगे संग ?

अगर नक्सलियों ने अपनी हिंसा जारी रखी तो इन क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों की मदद करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.आईजी ने कहा कि हमारा प्रयास अभी यही है कि हम अपने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और मानवीय संकट से निपटने के लिए आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस से लड़ते हुए बस्तर में शांति बनाए रखें.अब देखना होगा कि नक्सली मानवता के हित में हिंसा को दूर कर कोरोना से जंग में अपनी क्या भूमिका निभाते हैं.

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