दुर्ग : जिले में ब्लैक फंगस से दूसरी मौत दर्ज की गई है. चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में बी लक्ष्मी का इलाज चल रहा था. महिला कोरोना से रिकवर हो चुकी थी. 4 मई को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. महिला ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुकी थी. प्लेटलेट्स कम होने की वजह से उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया गया.
भिलाई में हुई थी पहली मौत
भिलाई सेक्टर-1 निवासी एक युवक की ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस (Mucus Mycosis disease) से मौत हो गई थी. ब्लैक फंगस से छत्तीसगढ़ में मौत का पहला मामला था. सेक्टर 1 का निवासी वी श्रीनिवास राव कोरोना को मात देने के बाद ब्लैक फंगस की चपेट में आया था. ब्लैक फंगस की रिपोर्ट आने पर युवक को 11 मई को सेक्टर 9 स्थित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सक अनुसंधान केंद्र में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान युवक ने दम तोड़ दिया.
छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला
बिलासपुर में मिले 3 मरीज
बिलासपुर के सिम्स में 2 महिलाओं सहित 3 मरीजों को भर्ती किया गया है. इसमें दो मरीजों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. तीनों ही कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए थे. इसके बाद उन्हें दिक्कत शुरू हुई. ब्लैक फंगस को लेकर शासन के निर्देश पर प्रशासन अलर्ट पर है. ब्लैक फंगस से प्रभावित मरीजों की पहचान की जा रही है. बताया जा रहा है कि सोमवार को तीन नए मरीजों को सिम्स लाया गया. इसमें रतनपुर की 40 वर्षीय महिला, गौरेला पेंड्रा जिले की 35 वर्षीय महिला और जांजगीर अकलतरा का 50 वर्षीय पुरुष शामिल है.
दवाईयां पर्याप्त डोज में रहेंगी उपलब्ध
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस को गंभीरता से लिया है. उन्होंने इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं जैसे पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरसिन-बी की पर्याप्त डोज हर जिले में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पहले ही इसके पालन के लिए आदेशित कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ का खाद्य एवं औषधि प्रशासन सभी जिलों में पदस्थ औषधि निरीक्षकों के माध्यम से सभी जिलों में पोसाकोनाजोल और एम्फोटेरसिंन-बी की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है.