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भिलाई के प्रकृति प्रेमी बने मिसाल, पेड़ बचाने का दे रहे हैं संदेश

भिलाई में एक प्रकृति प्रेमी लोगों के लिए मिसाल बन चुका (Campaign to save trees in Bhilai) है. अब तक इस प्रकृति प्रेमी ने 10 हजार से ज्यादा पौधे लगाए हैं. साथ ही एक हजार पौधों को सुरक्षा भी दी है.

Nature lover of Bhilai became an example
भिलाई के प्रकृति प्रेमी बने मिसाल
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Published : Apr 28, 2022, 1:12 PM IST

Updated : Apr 28, 2022, 9:50 PM IST

दुर्ग : इन दिनों गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है.लोग गर्मी से बेहाल हैं. इस गर्म हवा और बढ़ती गर्मी के जिम्मेदार भी हम इंसान ही हैं. अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और कांक्रीट के जंगल ने इंसानों का सुकून (impact of tree cutting on the environment) छीना है. जितनी तादाद में पेड़ कटते हैं, उतनी तादाद में शायद ही नए पेड़ लगाने के बारे में कोई सोचता होगा. लेकिन देश में कुछ ऐसे प्रकृति प्रेमी अब भी हैं, जो पेड़ों की अपने बच्चों की तरह देखरेख करते हैं.

प्रकृति प्रेमी बालूराम वर्मा की कहानी

भिलाई के पर्यावरण प्रेमी बने मिसाल : पूरे देश को स्टील सप्लाई करने वाले भिलाई में एक प्रकृति प्रेमी रहते हैं. इनका नाम है बालूराम वर्मा. बालूराम वर्मा भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी हैं. रिटायर होने के बाद बालूराम वर्मा ने घर बैठना मुनासिब नहीं समझा. अपना समय प्रकृति को देने का फैसला लिया. बालूराम ने देखा कि भिलाई में पौधे पनप नहीं रहे हैं. उन्होंने पौधों को बचाने का बीड़ा (Nature lover of Bhilai became an example ) उठाया. 1983 से बालूराम ने पौधे लगाने शुरू किए. पौधों को नुकसान ना हो इसलिए वो साड़ियों से ट्री गार्ड बनाकर उन्हें सुरक्षा भी देते हैं. अब तक बालूराम ने 10 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए हैं. वहीं 1 हजार से ज्यादा पौधों को सुरक्षित किया है.

ये भी पढ़ें- भिलाई में सड़क के किनारे उल्टे लगाए गए पेड़, जानें वजह

प्रकृति से न करें खिलवाड़ : बालूराम वर्मा का कहना है कि ''इंसान प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं. लोग अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. लेकिन पौधे लगाने की ओर ध्यान नहीं देते. इस वजह से पर्यावरण तेजी से बदला है. अब भी वक्त है. कम से कम जीवन में दो पौधे लगाकर उन्हें सुरक्षा जरूर (Campaign to save trees in Bhilai) दें.''

दुर्ग : इन दिनों गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है.लोग गर्मी से बेहाल हैं. इस गर्म हवा और बढ़ती गर्मी के जिम्मेदार भी हम इंसान ही हैं. अंधाधुंध पेड़ों की कटाई और कांक्रीट के जंगल ने इंसानों का सुकून (impact of tree cutting on the environment) छीना है. जितनी तादाद में पेड़ कटते हैं, उतनी तादाद में शायद ही नए पेड़ लगाने के बारे में कोई सोचता होगा. लेकिन देश में कुछ ऐसे प्रकृति प्रेमी अब भी हैं, जो पेड़ों की अपने बच्चों की तरह देखरेख करते हैं.

प्रकृति प्रेमी बालूराम वर्मा की कहानी

भिलाई के पर्यावरण प्रेमी बने मिसाल : पूरे देश को स्टील सप्लाई करने वाले भिलाई में एक प्रकृति प्रेमी रहते हैं. इनका नाम है बालूराम वर्मा. बालूराम वर्मा भिलाई स्टील प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी हैं. रिटायर होने के बाद बालूराम वर्मा ने घर बैठना मुनासिब नहीं समझा. अपना समय प्रकृति को देने का फैसला लिया. बालूराम ने देखा कि भिलाई में पौधे पनप नहीं रहे हैं. उन्होंने पौधों को बचाने का बीड़ा (Nature lover of Bhilai became an example ) उठाया. 1983 से बालूराम ने पौधे लगाने शुरू किए. पौधों को नुकसान ना हो इसलिए वो साड़ियों से ट्री गार्ड बनाकर उन्हें सुरक्षा भी देते हैं. अब तक बालूराम ने 10 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए हैं. वहीं 1 हजार से ज्यादा पौधों को सुरक्षित किया है.

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प्रकृति से न करें खिलवाड़ : बालूराम वर्मा का कहना है कि ''इंसान प्रकृति से खिलवाड़ कर रहे हैं. लोग अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. लेकिन पौधे लगाने की ओर ध्यान नहीं देते. इस वजह से पर्यावरण तेजी से बदला है. अब भी वक्त है. कम से कम जीवन में दो पौधे लगाकर उन्हें सुरक्षा जरूर (Campaign to save trees in Bhilai) दें.''

Last Updated : Apr 28, 2022, 9:50 PM IST
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