दुर्गः छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग (Chhattisgarh State Commission For Women) की अध्यक्ष डॉ.किरणमयी नायक ने आज जिला कलेक्ट्रेट सभा कक्ष (Collectorate Hall) में दुर्ग जिले से आयोग को प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई (Hearing Of Cases) की. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों (both sides) को सुना गया.
आज की सुनवाई के लिए 27 प्रकरण आयोग के समक्ष रखे गए थे. जिसमें से पक्षकारों (The Parties) की उपस्थिति में 22 प्रकरणों की सुनवाई की गई. सुनवाई पूर्ण हो जाने पर 18 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया. संवेदनशील 2 प्रकरण को रायपुर में सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया है. जिसकी सुनवाई आयोग के कार्यालय (Commission Office) रायपुर में 22 अक्टूबर को की जाएगी.
आयोग के समक्ष आज की सुनवाई में मानसिक उत्पीड़न (Mental Harassment), शारीरिक उत्पीड़न (Physical Abuse), दहेज प्रताड़ना (Dowry Harassment), घरेलू हिंसा (Domestic Violence), संपत्ति विवाद (Property Dispute), कार्यस्थल पर प्रताड़ना (Harassment At Work) व दैहिक शोषण (Physical Abuse) से संबंधित प्रकरणों को रखा गया.
इस दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने कहा कि लिव-इन-रिलेशनशिप (live-in relationship) पश्चिम बंगाल का कल्चर (Culture Of West Bengal) है. जहां शादी से बचने के लिए लिव-इन- रिलेशन (Live In Relation) में रहते हैं. ऐसे रिलेशन को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी मान्यता दिया है लेकिन वर्तमान समय में लिव-इन-रिलेशन का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.
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लिव इन रिलेशनशिप से दूर रहने की सलाह
पहले लिव-इन (Live-In) में रहना चाहते हैं. उसके बाद शादी के लिए दबाव बनाया जाता है और शादी नहीं करने पर दुष्कर्म और दैहिक शोषण की शिकायत की जाती है. किरणमयी नायक ने लिव-इन-रिलेशनशिप से दूर रहने की सलाह दी है. किरणमयी नायक ने युवा वर्ग से अपील करते हुए कहा है कि इस प्रकार के रिश्ते भारतीय संस्कृति (Indian Culture) के खिलाफ है. और इस तरह के रिश्ते में नहीं पड़ना चाहिए. वरना आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो सकती है. हमारे देश में भारतीय संस्कृति और भारतीय मानसिकता के ही लोग हैं. इस तरह के रिश्तों को लंबे समय तक निभाया नहीं जा सकता. इस गलत परम्परा के प्रचलन को बढ़ावा न दें. इस प्रकार के रिश्तों से दूर ही रहें.