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दुर्ग के स्कूल बसों से बच के ! - दुर्ग की खबर

Traffic police action in Durg: दुर्ग यातायात पुलिस ने स्कूल बसों की जांच की. 202 स्कूली बसों की जांच की गई. जिसमें 45 बसों में खामियां मिली.

Durg traffic police checked school buses
दुर्ग यातायात पुलिस ने स्कूल बसों की जांच की
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Published : Jun 20, 2022, 2:13 PM IST

Updated : Jun 20, 2022, 2:30 PM IST

दुर्ग: शहर में कई स्कूली बस बिना परमिट और बिना जीपीएस के चल रही है. यहां तक कि कुछ स्कूल बसों को परमिट के बिना भी चलाया जा रहा है. इसका खुलासा रविवार को तब हुआ जब यातायात विभाग और परिवहन विभाग ने सेक्टर-6 पुलिस ग्राउंड में स्कूल बसों की जांच की गई. 29 स्कूलों के 202 बसों की जांच में 45 में खामियां मिली. यानी लगभग 25 प्रतिशत बसें निर्धारित मापदंडों को ताक में रखकर चलाई जा रही है. (Durg traffic police checked school buses )

दुर्ग में स्कूल बसों की जांच

ट्रैफिक डीएसपी गुरजीत सिंह ने बताया कि चेकिंग के क्रम में सुप्रीम कोर्ट निर्धारित मापदंड के अनुरूप जैसे वाहन में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, स्पीडगवनर, प्रेशर हार्न, आपातकालीन खिड़की, स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर, चालक का मोबाइल नंबर, फर्स्ट ऐडबॉक्स, अग्निशमनयंत्र, स्कूलबस के आगे पीछे स्कूल बस लिखा है कि नहीं चेक किया. जांच के दौरान परिवहन विभाग को 5 बसों का परमिट नहीं मिला. 3 बसों में फिटनेस नहीं था. 5 बसों में जीपीएस में नहीं लगा हुआ पाया इन पर कार्रवाई करते हुए 34 हजार रुपए समन शुल्क वसूल किया गया. इसी प्रकार 45 बसों में छोटी खामियां पाई गई, जिसे 1 सप्ताह में पूर्ण कर पूनः 26 जून को चेक कराने निर्देशित किया गया.

दुर्ग के सुपेला गदा चौक से क्यों निकाला गया मशाल जुलूस

जांच शिविर के दौरान वाहनों का पहले रजिस्ट्रेशन किया गया. इसके बाद परिवहन विभाग ने स्कूल बसों के दस्तावेजों की जांच की. जांच के दौरान वाहन का रजिस्टेशन, परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, वाहन चालक का लायसेंस चेक कर वाहन चालकों का स्वास्थ्य क्षेत्र परीक्षण किया गया. इसके बाद वाहनों का मेकनिकल फिटनेस जांच किया. जिसके अंतर्गत हेड लाइट, ब्रेक लाइट, पार्किंग लाइट, इन्डिकेटर लाइट, बैक लाइट, मीटर, स्टेरिंग की स्थिति, टायर की स्थिति, क्लच, ऐक्सीलेटर, सीट की स्थिति, हॉर्न की स्थिति, वॉयपर और गाड़ियों में आगे पीछे रिफ्लेक्टर लगा है कि नहीं चेक किया गया.

वाहन चालकों को नेत्र परीक्षण कराने कहा: बीएम शाह हॉस्पिटल रामनगर सुपेला के मेडिकल डॉक्टरों व स्टाफ ने वाहन चालकों और परिचालकों का स्वास्थ्य और नेत्र परीक्षण किया. जिसमें 25 वाहन का क्षेत्र के संबंध में परामर्श दिया गया. 35 वाहन चालकों को बीपी शुगर संबंधी परामर्श दिया गया. बीएम शाह हॉस्पिटल इन संबंधित चालकों परिचालकों को उपचार के लिए अगले 2 दिन तक ओपीडी शुल्क छूट दिया गया है. वाहन परीक्षण के दौरान गुरजीत सिंह, उप पुलिस अधीक्षक, (यातायात), अनुभव शर्मा, (आरटीओ दुर्ग), निरीक्षक विष्णु ठाकुर, उड़न दस्ता प्रभारी परिवहन, निरीक्षक संग्राम सिंह, निरीक्षक बौधीराम धिरही, निरीक्षक कुजबिहारी नागे, (यातायात पुलिस दुर्ग), उप निरीक्षक प्रभा तिवारी, परिवहन, सउनि, हुकूम सिंह, सउनि, रमेश दुबे, सउनि महेश मिश्रा, सउनि शिवचरण साहू, सउनि चंद्रिका मारकण्डेय शामिल थे.

दुर्ग: शहर में कई स्कूली बस बिना परमिट और बिना जीपीएस के चल रही है. यहां तक कि कुछ स्कूल बसों को परमिट के बिना भी चलाया जा रहा है. इसका खुलासा रविवार को तब हुआ जब यातायात विभाग और परिवहन विभाग ने सेक्टर-6 पुलिस ग्राउंड में स्कूल बसों की जांच की गई. 29 स्कूलों के 202 बसों की जांच में 45 में खामियां मिली. यानी लगभग 25 प्रतिशत बसें निर्धारित मापदंडों को ताक में रखकर चलाई जा रही है. (Durg traffic police checked school buses )

दुर्ग में स्कूल बसों की जांच

ट्रैफिक डीएसपी गुरजीत सिंह ने बताया कि चेकिंग के क्रम में सुप्रीम कोर्ट निर्धारित मापदंड के अनुरूप जैसे वाहन में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, स्पीडगवनर, प्रेशर हार्न, आपातकालीन खिड़की, स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर, चालक का मोबाइल नंबर, फर्स्ट ऐडबॉक्स, अग्निशमनयंत्र, स्कूलबस के आगे पीछे स्कूल बस लिखा है कि नहीं चेक किया. जांच के दौरान परिवहन विभाग को 5 बसों का परमिट नहीं मिला. 3 बसों में फिटनेस नहीं था. 5 बसों में जीपीएस में नहीं लगा हुआ पाया इन पर कार्रवाई करते हुए 34 हजार रुपए समन शुल्क वसूल किया गया. इसी प्रकार 45 बसों में छोटी खामियां पाई गई, जिसे 1 सप्ताह में पूर्ण कर पूनः 26 जून को चेक कराने निर्देशित किया गया.

दुर्ग के सुपेला गदा चौक से क्यों निकाला गया मशाल जुलूस

जांच शिविर के दौरान वाहनों का पहले रजिस्ट्रेशन किया गया. इसके बाद परिवहन विभाग ने स्कूल बसों के दस्तावेजों की जांच की. जांच के दौरान वाहन का रजिस्टेशन, परमिट, फिटनेस, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, वाहन चालक का लायसेंस चेक कर वाहन चालकों का स्वास्थ्य क्षेत्र परीक्षण किया गया. इसके बाद वाहनों का मेकनिकल फिटनेस जांच किया. जिसके अंतर्गत हेड लाइट, ब्रेक लाइट, पार्किंग लाइट, इन्डिकेटर लाइट, बैक लाइट, मीटर, स्टेरिंग की स्थिति, टायर की स्थिति, क्लच, ऐक्सीलेटर, सीट की स्थिति, हॉर्न की स्थिति, वॉयपर और गाड़ियों में आगे पीछे रिफ्लेक्टर लगा है कि नहीं चेक किया गया.

वाहन चालकों को नेत्र परीक्षण कराने कहा: बीएम शाह हॉस्पिटल रामनगर सुपेला के मेडिकल डॉक्टरों व स्टाफ ने वाहन चालकों और परिचालकों का स्वास्थ्य और नेत्र परीक्षण किया. जिसमें 25 वाहन का क्षेत्र के संबंध में परामर्श दिया गया. 35 वाहन चालकों को बीपी शुगर संबंधी परामर्श दिया गया. बीएम शाह हॉस्पिटल इन संबंधित चालकों परिचालकों को उपचार के लिए अगले 2 दिन तक ओपीडी शुल्क छूट दिया गया है. वाहन परीक्षण के दौरान गुरजीत सिंह, उप पुलिस अधीक्षक, (यातायात), अनुभव शर्मा, (आरटीओ दुर्ग), निरीक्षक विष्णु ठाकुर, उड़न दस्ता प्रभारी परिवहन, निरीक्षक संग्राम सिंह, निरीक्षक बौधीराम धिरही, निरीक्षक कुजबिहारी नागे, (यातायात पुलिस दुर्ग), उप निरीक्षक प्रभा तिवारी, परिवहन, सउनि, हुकूम सिंह, सउनि, रमेश दुबे, सउनि महेश मिश्रा, सउनि शिवचरण साहू, सउनि चंद्रिका मारकण्डेय शामिल थे.

Last Updated : Jun 20, 2022, 2:30 PM IST
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