दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला सत्र न्यायालय ने दहेज प्रकरण के मामले में जिले के दो थाना प्रभारियों और सब इंस्पेक्टर को गलत जांच और दस्तावेजों से कूटरचना करने का दोषी पाया. जिसके बाद कोर्ट ने इन पर केस दर्ज करने का आदेश दिया है. 30 अप्रैल तक FIR की कॉपी कोर्ट में पेश करने का आदेश भी जारी किया गया है. इस मामले में कोर्ट ने शिकायतकर्ता प्रतिभा सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज करने का आदेश जारी किया है. दुर्ग प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनी तिवारी ने आशीष नगर निवासी दीपक त्रिपाठी की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया है. (Durg District Sessions Court ordered FIR on TI and SI )
कोर्ट ने दहेज प्रकरण में पुलिस की लापरवाही मानते हुए 2 थाना प्रभारी और एक सब इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश जारी किया. इसमें महिला थाना की तत्कालीन प्रभारी प्रभा राव, वर्तमान प्रभारी सी तिर्की, सब इंस्पेक्टर मोनी उर्फ मोहनी साहू शामिल है. महिला थाना में धारा 498 ए, 506, 34 और दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्रकरण में दीपक की गिरफ्तारी के दौरान धारा 41(1)(क) के नियमों का पालन नहीं किया गया. इसके साथ ही धारा 41(1)(क) के संबंध में गिरफ्तारी की जानकारी रोजनामचा रिपोर्ट में दर्ज नहीं की गई. इसके अलावा गिरफ्तारी के दौरान दीपक त्रिपाठी का फर्जी हस्ताक्षर भी किया गया था. (Bhilai Mahila Thana News)
बिना ससुराल में रहे ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना का केस: शिकायतकर्ता प्रतिभा सिंह ने अपने पति दीपक, ससुर समेत अन्य परिवार के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था. लेकिन प्रतिभा का दांव उसपर ही उल्टा पड़ गया और अब कोर्ट ने प्रतिभा सिंह पर भी केस दर्ज करने का आदेश जारी किया है. दरअसल शिकायतकर्ता प्रतिभा सिंह ने दीपक त्रिपाठी के साथ आर्य समाज में शादी की थी. दीपक और प्रतिभा दोनों करीब डेढ़ साल तक साथ रहे. इस बीच दीपक ने अपनी शादी की बात अपने घर में नहीं बताई. जिससे प्रतिभा कभी ससुराल गई ही नहीं. बावजूद इसके प्रतिभा ने दीपक और उसके परिजनों को दहेज प्रताड़ना का आरोपी बना डाला. दीपक त्रिपाठी के वकील ने बताया कि दीपक त्रिपाठी के पिता बृजभूषण त्रिपाठी भिलाई नगर थाने में आरक्षक हैं. उन्होंने कई बार आरोप गलत होने की बात कही. बृजभूषण त्रिपाठी ने आरोप लगाया था कि महिला थाना प्रभारी व जांच अधिकारी मोहनी साहू ने CRPC की धारा 41(1)(क) का पालन नहीं किया. बावजूद इसके तत्कालीन टीआई और जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ गलत तरीके से FIR करते हुए गिरफ्तारी की.
एसपी और आईजी से शिकायत के बाद हुई जांच: दीपक के पिता बृजभूषण त्रिपाठी ने सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेज के साथ 8 अक्टूबर 2020 को पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इस मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने पर 4 नवम्बर 2020 को आईजी से शिकायत की गई. आईजी ने जांच कराई. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ.